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आयुष चिकित्सा के नाम पर सदर अस्पताल में हो रही खानापूर्ति

आयुष चिकित्सा के नाम पर सदर अस्पताल में हो रही खानापूर्ति

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायSat, 15 Feb 2025 03:24 AM
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आयुष चिकित्सा के नाम पर सदर अस्पताल में हो रही खानापूर्ति

लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सदर अस्पताल में देशी इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति हो रहा है। देशी इलाज के रूप में आयुष, यूनानी और आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज किया जना होता है। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिले में देशी चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए अन्य स्वास्थ्य केंद्र के साथ सदर अस्पताल में दो आयुष चिकित्सक की तैनाती की गई है। जिसमें डा. बसंत कुमार एवं डा. ब्रजेंद्र कुमार शामिल हैं। मरीज को देशी इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए देशी चिकित्सक उपलब्ध तो करा दिया गया है। मगर इलाज के उपरांत मरीज को दवा की उपलब्धता के लिए कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। जिसके कारण मजबूरन देशी चिकित्सक को भी इलाज उपरांत मरीज को सदर अस्पताल में मौजूद अंग्रेजी दवा ही पर्ची पर परामर्श के दौरान लिखना पड़ रहा है। सदर अस्पताल प्रबंधन ने सर्जरी ओपीडी कक्ष संख्या 13 में अन्य एलोपैथिक चिकित्सक के साथ आयुष चिकित्सक का अल्टरनेटिंग ड्यूटी रोस्टर तैयार कर मरीज की सेवा के लिए उन्हें जिम्मेदारी दिया है। जो नियमित रूप से ओपीडी के दौरान मरीज को इलाज की सुविधा उपलब्ध तो करा रहे हैं। मगर अपने अनुभव के विपरीत अंग्रेजी के तर्ज पर ही मरीज का इलाज व दवा ही परामर्श कर रहे हैं। ऐसे में बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल आने वाले मरीज को जानकारी के अभाव में देशी चिकित्सक से एलोपैथ पद्धति का इलाज कराना पड़ रहा है। जो कहीं ना कहीं जिले के भोले भाले व जानकारी विहिन मरीज के साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के नाम पर उनके विश्वास के साथ खिलवाड़ है। ज्ञात हो राज्य स्वास्थ्य समिति ने विगत वर्ष मार्च महीने में जिले में देशी इलाज की सुविधा बहाल करने का दावा करते हुए सदर अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र में कुल 30 आयुष चिकित्सक को तैनात किया था। हालांकि उनके द्वारा इलाज के बाद दवा के उपलब्धता के लिए फिलहाल किसी तरह का कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया है। जिसका खामियाजा देशी इलाज की चाह रखने वाले मरीज को हो रहा है। 10 माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद देशी पद्धति से जिले में मरीज की इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं हो पाना विभाग के खानापूर्ति का जीता जागता उदाहरण के तौर पर सामने है। इसके बारे में स्थानीय स्तर पर विभाग या आयुष चिकित्सक को भी कुछ विशेष जानकारी नहीं है। इधर डीएस डॉ राकेश कुमार ने बताया कि सीएस कार्यालय के निर्देशानुसार आयुष चिकित्सक के लिए एलोपैथिक चिकित्सक से अलग ड्यूटी रोस्टर तैयार कर मरीज की इलाज की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि इमरजेंसी ओपीडी से अलग रखा गया है।

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