लखीसराय : सदर अस्पताल से एकमात्र शव वाहन की सुविधा हुई बंद
लखीसराय के सदर अस्पताल में एकमात्र शव वाहन एम्बुलेंस मेंटेनेंस के अभाव में बंद हो गया है, जिससे परिजनों को मरीजों के शव को निजी वाहन से घर ले जाना पड़ रहा है। अस्पताल में केवल तीन एम्बुलेंस ही कार्यरत...
लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के सात प्रखंड सहित 13 से 14 लाख आबादी के लिए जिला मुख्यालय सदर अस्पताल में उपलब्ध एकमात्र शव वाहन एम्बुलेंस भी मेंटेनेंस के अभाव में बंद हो गया है। इस कारण सदर अस्पताल में आने वाले पीड़ित मरीज की इलाज के दौरान मौत के बाद परिजनों को निजी वाहन से शव घर वापस ले जाना पड़ रहा है। जबकि हाई प्रोफाइल मामला या फिर विशेष परिस्थिति में परिजन को सदर अस्पताल प्रबंधन निजी वाहन उपलब्ध करा रहा है।
जानकारी के अनुसार, लगभग एक माह से अधिक समय से मेंटेनेंस के अभाव में शव वाहन पूरी तरह खटारा होकर सदर अस्पताल के पार्किंग में खड़ा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शव वाहन के साथ सदर अस्पताल में दो छोटी एवं पांच बड़ी सहित कुल सात की संख्या में 102 एंबुलेंस उपलब्ध हैं। इनमें वर्तमान में अपडेट स्थिति में महज तीन एंबुलेंस ही कार्यरत हैं। एक एंबुलेंस ऑन कॉल गर्भवती महिला को सदर अस्पताल लाने एवं प्रसव उपरांत प्रसूता व नवजात को वापस पहुंचाने की सेवा व्यस्त रहती है। इसके बावजूद प्रसव के लिए सदर अस्पताल आने वाली अधिकांश पीड़िता को आवागमन अपने स्तर से निजी वाहन के सहयोग से ही करना पड़ रहा है। नियमानुसार एक एंबुलेंस को 24 घंटे इमरजेंसी की स्थिति में जिले के किसी भी क्षेत्र में होने वाले आपातकालीन दुर्घटना के लिए रखा जाता है। जबकि एंबुलेंस के अभाव के कारण वर्तमान स्थिति में सदर अस्पताल से रेफर होने के बाद पटना सहित अन्य हायर संस्थान से जाने के लिए सदर अस्पताल में वाहन की उपलब्धता भी सुनिश्चित नहीं हो रही है।
ज्ञात हो लगभग एक सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमुई जिला में कार्यक्रम के दौरान विशेष परिस्थिति में एंबुलेंस की उपलब्धता के लिए सदर अस्पताल प्रबंधन को किराए पर दो निजी एंबुलेंस मांगनी पड़ी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल के अलावा प्रखंड स्तरीय अस्पताल में मौजूद 102 एम्बुलेंस भी मेंटेनेंस के अभाव में शत-प्रतिशत सेवा उपलब्ध नहीं कर रही है। रविवार को बड़हिया रेफरल अस्पताल में निरीक्षण के दौरान स्थानीय विधायक सह डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को अपने काफिले की एंबुलेंस से बीमार मरीज को पटना ले जाने के लिए देना पड़ा था। इस दौरान उन्होंने तत्काल सीएस को जिले के सभी एंबुलेंस को दुरुस्त करने का निर्देश भी दिया था। हालांकि अभी तक जिले में 102 एम्बुलेंस की सेवा शत-प्रतिशत सुनिश्चित नहीं हो पाई है। इसका सीधा खामयाजा आर्थिक रूप से कमजोर मरीज को भुगतना पड़ रहा है।
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एंबुलेंस संचालक एजेंसी को तत्काल सभी खराब एंबुलेंस की मरम्मत कराकर शत-प्रतिशत सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
-डॉ बीपी सिन्हा, सीएस
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