चानने में डिग्री कॉलेज नहीं रहने का हर तबके को मलाल
चानने में डिग्री कॉलेज नहीं रहने का हर तबके को मलाल चानने में डिग्री कॉलेज नहीं रहने का हर तबके को मलाल
चानन, निज संवाददाता। चानन में डिग्री कॉलजे की संख्या शून्य है। बड़ी तादाद में हर साल यहां के बच्चें मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देते है। लेकिन डिग्री कॉलेज नहीं रहने से यहां के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज के कॉलेज में नामांकन करवाना पड़ता है, या फिर अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है। डिग्री कॉलेज को लेकर यहां के लोगों द्वारा आवाज भी उठाया गया, परंतु राजनीतिक पकड़ मजबूत नहीं रहने से अब तक नतीजा सिफर रहा है। दस पंचायत वाले चानन प्रखंड में उच्च शिक्षा के प्रति अब तक किसी प्रकार की सुगबुगाहट नहीं दिखी है। डेढ़ लाख की आबादी वाले चानन प्रखंड में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं रहने की कसक हर वर्ग के दिलों में हिलकोरे मार रही है। संपन्न घरानें की बेटियां तो उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पटना, भागलपुर, मुंगेर सहित अन्य जिलों में जाकर नामांकन करा लेती है, लेकिन मध्यम व गरीब वर्ग की बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सपना यूं ही दफन हो रहे है। भंडार की छात्रा मुस्कान कुमारी, नेसी सिंह, वर्षा कुमारी ने कहा कि बालिकाओं को उच्च शिक्षा जरूरी है। लेकिन आजादी के 78 साल बाद भी चानन जैसे पिछड़ा इलाका में डिग्री कॉलेज की स्थापना नहीं हो सका। चुरामन बीघा के सौरव कुमार, गौरव कुमार, विशाल कुमार, मुस्कान कुमारी आदि ने कहा कि इलाका के विकास को लेकर डिग्री कॉलेज जरूरी है। भंडार के सेवानिवृत पीपी बीरेन्द्र भंडारी ने कहा कि डिग्री कॉलेज नहीं रहने से छात्राओं को उच्चतर शिक्षा में परेशानी होती है। चानन जैसे पिछड़ा इलाका में राजनेता को ध्यान देने की जरूरत है। मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष सह संग्रामपुर मुखिया दीपक सिंह, समाजसेवी दिनेश यादव, गोहरी मुखिया रविचन्द्र भूषण उर्फ रवि राम, पूर्व प्रमुख सह पंसस प्रियंका देवी, पैकस अध्यक्ष कस्तूरी रंजन उर्फ दिनेश यादव, जानकीडीह पैक्स अध्यक्ष मिथिलेश यादव, संग्रामपुर पंसस निरंजन पासवान, अधिवक्ता नागेश्वर पासवान, इटौन पंसस बेबी देवी, बजरंगी साव, सुलेन सिंह, शिवनंदन बिंद, सत्यनारायण पासवान, परमेश्वर यादव उर्फ झापो यादव आदि ने कहा कि डिग्री कॉलेज नहीं रहने से होनहार छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कई प्रकार की बाधाओं से गुजरना पड़ता है। राजनेताओं को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। लाखोचक पैक्स अध्यक्ष अशोक यादव, जेएनयू छात्र कुमार आशुतोष, बीए पार्ट थ्री की छात्रा सिंधु कुमारी ने कहा कि चानन में डिग्री कॉलेज नहीं रहने से इंटर के बाद उच्चतर शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं को काफी जद्दोजहद करना पड़ता है। खासकर बालिकाओं को उच्चतर शिक्षा मुश्किल हो जाती है। कुंदर मुखिया प्रतिनिधि सह समाजसेवी शशि भषूण राय ने कहा कि डिग्री कॉलेज नहीं रहने से उच्चतर शिक्षा के लिए लखीसराय, मुंगेर, पटना, भागलपुर का चक्कर छात्राओं को काटना पड़ता है। जो मध्यम वर्गीय परिवार के लिए संभव नहीं है। लड़कियों को उच्च शिक्षा पाने में कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। चानन में डिग्री कॉलेज के लिए सभी को एक मंच पर आकर पहल करनी चाहिए।
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