जन सुराज करेगी सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन
जन सुराज करेगी सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन

लखीसराय, एक प्रतिनिधि। जन सुराज पार्टी जिला इकाई ने नया बाजार बाईपास स्थित कार्यालय कक्ष में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। पार्टी ने बिहार में जातीय जनगणना और भूमि सर्वे को लेकर नीतीश सरकार से कई सारे सवाल पूछे। इन मुद्दों पर जवाब नहीं मिलने की स्थिति में आंदोलन करने का भी ऐलान किया। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने 21 अप्रैल को पटना में जातीय जनगणना रिपोर्ट के दौरान की गई। घोषणाएं और भूमि सर्वे में अनियमितताओं के खिलाफ प्रेस वार्ता कर सरकार से कई गंभीर सवाल पूछे थे। 11 जुलाई को एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर के साथ मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन देने की बात कही थी। उहोंने यह भी कहा था कि अगर मामले को सरकार गंभीरता से नहीं लेती है तो विधानसभा के अंतिम सत्र का घेराव भी किया जाएगा। जिला अध्यक्ष अमित सागर ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े 7 नवंबर 2023 को विधानसभा के पटल पर रखे गए थे। 22 नवंबर 2023 को सरकार ने जाति जनगणना के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी। लेकिन सरकार की घोषणाएं कभी जमीन पर लागू नहीं हुई। जन सुराज सरकार से जातीय जनगणना और भूमि सर्वे को लेकर पूरे बिहार में आंदोलन करने जा रहा है। बिहार सरकार जातीय जनगणना और भूमि सर्वे पर श्वेत पत्र जारी करे। जातीय जनगणना रिपोर्ट में आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन अब तक आरक्षण की सीमा नहीं बढ़ाई गई है। सरकार ने 22 नवंबर 2023 को घोषणा की थी कि 94 लाख परिवारों को रोजगार के लिए 2 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी, अभी तक एक भी परिवार को 1 पैसा नहीं मिला है, जातीय जनगणना में घोषणा की थी कि 40 लाख बेघर परिवारों को 1 लाख 20 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। अभी तक वो भी सहायता नहीं मिली है, 2006 में नीतीश सरकार ने दलित विकास मिशन की शुरुआत की थी और 2008 में भूमिहीन दलितों को 3 डिसमिल जमीन देने का वादा किया गया था। अबतक केवल 2 लाख 34 हजार दलित परिवारों को ही जमीन दी गई है और उसमें भी 1 लाख 20 हजार परिवारों को जमीन का कब्जा नहीं मिला है। 2013 ने फरवरी 2025 के बीच मात्र 20 प्रतिशत जमीनों का ही डिजिटाइजेशन हुआ है, जबकि आंध्र प्रदेश में 80 प्रतिशत जमीन डिजिटाइज हो चुकी है, सरकार अबतक डिजिटाइजेशन क्यों नहीं करा पाई। बिहार अपराध बढ़ने के दो प्रमुख कारण, एक शराबबंदी और दूसरा जमीन सर्वे। बिहार में 60 प्रतिशत से ज्यादा क्राइम के मामले जमीन विवाद से जुड़े हैं। वार्ता में पार्टी के जिला अध्यक्ष के अलावा जिला महासचिव महेश यादव, जिला युवा अध्यक्ष कस्तूरी रंजन और जिला सचिव धैर्यानंद भी शामिल हुए।
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