लखीसराय : धरोहरों का धनी है लखीसराय, सहेजने की आवश्यकता
लखीसराय में विश्व धरोहर सप्ताह के पांचवे दिन धरोहर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में छात्रों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के बारे में बताया गया। विभिन्न विशेषज्ञों ने लखीसराय के ऐतिहासिक...
लखीसराय, एक प्रतिनिधि। विश्व धरोहर सप्ताह के पांचवें दिन शनिवार को लखीसराय नगर परिषद के वार्ड नंबर 12 स्थान महिला विद्या मंदिर प्लस टू उच्च विद्यालय में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एवं जिला प्रशासन लखीसराय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित धरोहर सेमिनार का उद्घाटन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा श्वेता कुमारी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना मंडल के सहायक पुरातत्वविद संजय कुमार, हेरीटेज सोसायटी पटना के निदेशक अनंताशुतोष द्विवेदी, विद्यालय के प्रधान रामनिवास वर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सेमिनार का संचालन कार्यक्रम के जिला समन्वयक शिक्षक पीयूष कुमार झा ने किया। धरोहर सेमिनार में छात्राओं को संबोधित करते हुए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर निदेशक अखिलेश मिश्र ने कहा कि लखीसराय जिला धरोहरों का धनी है इसके गर्भ में विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों का समावेश है, लखीसराय का इतिहास राजगीर के समकालीन है । जहां रामायणकालीन , बौद्ध कालीन, कुषाण, गुप्त एवं पालकालीन अवशेष बहुतायत मात्रा में हैं। विश्व भारती केंद्रीय विश्वविद्यालय शांति निकेतन के प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध ने उरैन में तीन वर्षाकाल व्यतीत किए परंतु जागरूकता के अभाव में इस स्थान को बहुत महत्व नहीं मिल सका। लाली पहाड़ी में उत्खनन में मिला विशाल बौद्ध विहार अपनी विशिष्ट कलाकृति एवं ज्यामितीय रचनाओं के लिए अद्वितीय है। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के संजय मिश्रा ने क्रिमिला के ऐतिहासिक महत्व पर विशेष चर्चा करते हुए कहा कि धरोहरों को संभालने की महती जिम्मेदारी छात्र-छात्राओं की है। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक ने सभी अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ, तथा धरोहर से संबंधित पुस्तिका प्रदान कर किया। इस अवसर पर सेमिनार में अपनी कुशल भागीदारी निभानेवाली छात्राओं को पुरस्कृत प्रदान कर सम्मानित किया गया। सेमिनार का समापन बिहार गीत ये है मेरा बिहार तथा राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम के साथ हुआ। क्षेत्र की लोकगायिका अदिति शांडिल्य ने लोकगीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में शिक्षक कुमार गौरव, कुमार शैलेश, एएसआई के विशेषज्ञ फोटोग्राफर राजीव कुमार उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार को समाहरणालय स्थित खेल भवन से ऐतिहासिक राजकीय विरासत स्थल लाली पहाड़ी तक धरोहर यात्रा का आयोजन किया जाएगा।
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