नदियों के जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा
लगातार हो रही बारिश एवं नदियों के उफान को देखकर नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को बाढ़ का भय सताने लगा है। जिले के टाल एवं दियारा क्षेत्र की बड़ी आबादी हर साल बाढ़ से परेशान होती है। गंगा, हरूहर एवं...
लगातार हो रही बारिश एवं नदियों के उफान को देखकर नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को बाढ़ का भय सताने लगा है। जिले के टाल एवं दियारा क्षेत्र की बड़ी आबादी हर साल बाढ़ से परेशान होती है। गंगा, हरूहर एवं किउल नदी क्षेत्र के लोगों को बाढ़ का खतरा होने लगा है। गंगा एवं किउल नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ने लगा है। खासकर दियारा के लोग गंगा नदी के उफान में रहने से ज्यादा परेशान हो रहे है। दियारा क्षेत्र के अधिकांश ग्रामीणों का आजीविका गंगा के उस पार दियारा से ही होता है। गंगा में पानी बढ़ने से लोगों को गंगा के पार दियारा जाने में नाव का सहारा लेना पड़ने लगा है। इसके अलावा दियारा क्षेत्र में लगाए गए सब्जी में से मुख्य रूप से परवल, कद्दू, करैला, परोड़ का फसल भी गंगा का जलस्तर बढ़ने से डूबने लगा है। साथ ही किसानों को पशु चारा की समस्या भी होने लगी है। जिले के बड़हिया प्रखंड के टाल एवं दियारा, पिपरिया तथा सूर्यगढ़ा प्रखंड के दियारा इलाके में नदियों के जलस्तर में वृद्घि होने से फसल डूबने के कारण आजीविका का भी खतरा उत्पन्न हो गया है। कोरोना संक्रमण के कारण लोगों को दूसरे जगह काम करने में भी कठिनाई हो रही है। अगर इसी रफ्तार से नदियों का जलस्तर बढ़ते रहा तो भदई फसल मकई तैयार होने से पहले ही नदियों के बाढ़ में समा जाएगा। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से उसके सहयोगी अन्य नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगता है। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ एवं तटबंध सुरक्षा को लेकर हुआ कार्य भी सरजमीं पर नहंी दिखने के कारण बांध व नदी क्षेत्र के लोग बाढ़ की आशंका से सहमे रहते है।
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