जानकीडीह पंचायत में आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ रहीं बेटियां
चानन प्रखंड के जानकीडीह पंचायत अंतर्गत धनवह की रहने वाली अंजू पढ़ने में ठीक थी। वो आगे पढ़ना चाहती थी। अभिभावक को भी आपित्त नहीं थी। बावजूद अंजू आठवीं के बाद स्कूल का मंुह नहीं देख सकी। कारण यहां हाई...
चानन प्रखंड के जानकीडीह पंचायत अंतर्गत धनवह की रहने वाली अंजू पढ़ने में ठीक थी। वो आगे पढ़ना चाहती थी। अभिभावक को भी आपित्त नहीं थी। बावजूद अंजू आठवीं के बाद स्कूल का मंुह नहीं देख सकी। कारण यहां हाई स्कूल नहीं था। यहीं की संगीता ने पांच किलोमीटर पैदल चल मननपुर हाई स्कूल से मैट्रिक कर लिया, अब वो इंटर करना चाहती है, लेकिन कॉलेज नहीं होने के कारण उसने पढ़ाई छोड़ दी। दरअसल यह स्थिति धनवह की नहीं है, बल्कि चानन प्रखंड के कई गांवों का है। यहां कहने को तो उच्च विद्यालयों को प्लस टू में उत्क्रमित कर दिया गया, लेकिन शिक्षकों व संसाधनों की कमी के कारण ऐसे स्कूल कागजों में सिमटे हुए हैं। बेटियों को देख होती है चिंता : धनवह के अभिभावक राजेन्द्र राय, शंभूनाथ मंडल, शिवडीह के कृष्णनंदन यादव, जानकीडीह के रंजीत मंडल, मनोज कुमार आदि ने कहा कि यहां हर अभिभावक अपनी लाडली को पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन हाई स्कूल नजदीक नहीं रहने से आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ना उनकी मजबूरी हो जाती है। उपर से बड़ी हो रही बेटी देखकर चिंता सताती रहती है। इस कारण अधिकांश अभिभावक चाह कर भी उच्च शिक्षा नहीं दे पा रहे है। इन लोगों ने कहा कि बालिका पोशाक व साइकिल योजना से शिक्षा के प्रति रूझान बढ़ा है लेकिन पंचायत में हाई स्कूल नहीं रहने से उच्च शिक्षा में बाधा उत्पन्न हो रहे है। क्या कहते है जिम्मेवार : बीईओ हरे कृष्ण झा ने कहा कि उच्च शिक्षा का लेकर सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से छात्राओं को आगे लाने का प्रयास किया जा रहा है। बेहतर शिक्षा के लिए हर पंचायत में हाई स्कूल खोला जा रहा है, जानकीडीह पंचायत में भी हाई स्कूल की स्वीकृति हो इसके लिए विभाग को अवगत कराया गया है। अधिकारियों से निर्देश मिलने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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