24 घंटे के अंदर जांच कमेटी भंग का नई कमेटी का गठन
24 घंटे के अंदर जांच कमेटी भंग का नई कमेटी का गठन
लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि बड़हिया बीसीएम के खिलाफ क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के प्रोत्साहन राशि भुगतान में भ्रष्टाचार व अनिमियता की जांच के लिए महज एक दिन पूर्व शुक्रवार को गठित तीन सदस्यीय जांच टीम को सीएस डॉ बीपी सिन्हा 24 घंटे के अंदर दूसरे दिन शनिवार को भंग कर जांच के लिए नई कमेटी का गठन कर दिया है। सीएस के इस फैसले का विरोध करते हुए सेवांजली के महासचिव विकास कुमार ने निष्पक्ष जांच के लिए स्थानीय विधायक सह डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को आवेदन देकर हस्तक्षेप का मांग किया है। ज्ञात हो शनिवार को सीएस ने बीसीएम के खिलाफ जांच के लिए बड़हिया रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उमेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में हलसी सीएचसी बीसीएम कमलेश कुमार एवं रामगढ़चौक पीएचसी बीएचएम अरुण कुमार को जांच टीम शामिल किया था। की ने टीम को 30 अक्टूबर तक बीसीएम के खिलाफ लगे सभी आप की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट सीएस कार्यालय को देने का निर्देश भी दिया था। जबकि दूसरे ही दिन स्वयं के गठित जांच कमेटी को रद्द करते हुए सीएस ने प्रभारी एसीएमओ डॉ एके भारती के नेतृत्व में पुनः तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन करते हुए जांच की अवधि भी पांच के बदले 15 दिन कर दिया। नई टीम में अरुण कुमार को छोड़ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उमेश कुमार सिंह एवं कमलेश कुमार को हटाकर उनके स्थान पर पिपरिया बीएचएम अमान नजर को शामिल को शामिल किया है। महज 24 घंटे में पुरानी टीम को भंग करने व नई टीम की गठन कर जांच की अवधि तीन गुना किए जाने का विरोध करते हुए महामंत्री विकास कुमार ने सीएस के निष्पक्ष जांच के मनसा पर गंभीर सवाल खड़ा किया है। डिप्टी सीएम को दिए आवेदन में विकास ने बताया कि सीएस ने जिस गठित नई टीम को जांच का जिम्मेदारी दिया है उन पर पूर्व में जांच कमेटी में शामिल होने के दौरान जांच में अनियमिता का आरोप है। उन्होंने बताया कि जानबूझकर ऐसे पदाधिकारी को जांच टीम में शामिल किया गया है ताकि भ्रष्ट कर्मी को सीएस आसानी से बचा सके। सीएस के इस फैसले से क्षेत्र के आशा कार्यकर्ता में भी काफी आक्रोश है। उन्होंने डिप्टी सीएम से आशा कार्यकर्ता के हित में मामले में हस्तक्षेप कर अपनी निगरानी में जांच कमेटी गठन कर कर आशा कार्यकर्ता को न्याय दिलाने का मांग किया है। इधर सीएस डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि आशा कार्यकर्ता ने जांच टीम में जिला स्तरीय पदाधिकारी को शामिल करने का मन किया था। पुरानी टीम में जिला स्तरीय पदाधिकारी नहीं था। इसलिए नए सिरे से जिला स्तरीय पदाधिकारी को शामिल कर नई टीम का गठन किया गया है।
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