प्रबंधन व विभाग के लिए बना परेशानी का सबक लेबर वार्ड
प्रबंधन व विभाग के लिए बना परेशानी का सबक लेबर वार्ड

लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। नियमित अंतराल पर प्रसव पीड़िता या उनके परिजन से सेवा के एवज में आर्थिक दोहन का मामला उजागर होने वाले सदर अस्पताल का लेबर वार्ड प्रबंधन समेत विभाग के लिए परेशानी का सबब बन गया है। मामला अब पीड़िता से आर्थिक दोहन में हिस्सेदारी को लेकर लेबर वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मी के बीच ही खींचातानी और गाली-गलौज तक पहुंच चुका है। जिसमें लेबर वार्ड में तैनात जीएनएम और ममता कर्मी आमने सामने हो चुकी है। जबकि प्रबंधन व जिला स्वास्थ्य विभाग लगातार दोनों कर्मी के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए मौखिक के साथ लिखित पहल में लगी हुई है।
मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सदर अस्पताल प्रबंधन के प्रशासनिक क्षेत्र में आने वाले लेबर कर्मी अब अपनी शिकायत डीएस के अलावे सीएस से करने लगे हैं। प्रबंधन भी मामले में अपना हाथ खड़ा करते हुए सीएस स्तर से ही कार्रवाई को लेकर सरेंडर कर चुकी है। ताजा मामला लेबर वार्ड में प्रसव पीड़िता के गोपनीयता भंग करने का सामने आया है। जिसमें ऑन ड्यूटी तैनात दो जीएनएम मधु कुमारी एवं निशा कुमारी ने ममता विमली कुमारी पर प्रसव के दौरान पीड़िता का वीडियो बनाने व मना करने पर गाली गलौज की शिकायत सीएस डॉ बीपी सिन्हा से किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी ममता को तत्काल प्रभाव से लेबर वार्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया। स्पष्टीकरण जारी करते हुए तीन दिन के अंदर संतोषप्रद जवाब मांगा एवं अगले आदेश तक सदर अस्पताल में जीविका कर्मी के सहयोग से संचालित पूछताछ काउंटर पर प्रतिनियुक्त कर दिया। संबंधित मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ कि एक बार फिर लेबर वार्ड में ही तैनात अन्य जीएनएम के माध्यम से ममता कर्मी विमली कुमारी एवं लक्ष्मी कुमारी की शिकायत सीएस कार्यालय पहुंच गया। जिसमें सीएस ने मामले में दोनों पक्ष की बात जानने के लिए चारों कर्मी सहित लेबर वार्ड के अन्य कर्मी को सीएस कार्यालय तलब किया। जिसमें जीएनएम ससमय पहुंच गई। मगर आरोपी दोनों ममता सीएस कार्यालय नहीं पहुंची। निर्देश के बावजूद कार्यालय नहीं पहुंचने वाली दोनों ममता को एक बार पुनः नौ मई आज यानि शुक्रवार को सीएस कार्यालय तलब किया है। मिली जानकारी के अनुसार भले ही जीएनएम एवं ममता कर्मी एक दूसरे पर गाली गलौज और अभद्र व्यवहार का आरोप लगा रही है। जबकि हकीकत में दोनों के बीच प्रसव पीड़िता से अवैध उगाही को लेकर हिस्सेदारी में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। दोनों ही पक्ष एक दूसरे के सामने झुकने को तैयार नहीं है। वहीं विभाग संस्थान की फजीहत होने को लेकर फूंक फूंक कर कदम उठा रही है। मामला सार्वजनिक ना हो इसका भी प्रयास कर रही है। हालांकि मामले को लेकर सीएस कार्यालय से जारी किया गया स्पष्टीकरण व कार्रवाई संबंधित पत्र हिन्दुस्तान प्रतिनिधि के हाथ लग गया। जिससे सारा मामला सामने आ गया है। अब देखना है कि आज मामले के मैनेजिंग को लेकर बुलाई गई बैठक में दोनों पक्ष पहुंचते हैं या नहीं। इधर सीएस डा. बीपी सिन्हा ने बताया कि मामले की स्पष्ट जानकारी के लिए ही दोनों पक्ष को एक साथ कार्यालय तलब किया गया था। अंतिम चेतावनी के साथ आज की बैठक में शामिल नहीं होने वाले कर्मी को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
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