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किशनगंज : जिले के ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार में जुटीं आशा

किशनगंज में गैर-संचारी रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण जारी है। डॉ. उर्मिला कुमारी ने आशा कार्यकर्ताओं की सराहना की और कहा कि वे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजThu, 2 Jan 2025 08:21 PM
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किशनगंज, एक प्रतिनिधि। जिले में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की पहचान और रोकथाम के लिए आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण जारी है। प्रशिक्षण के दौरान मौके पर गैर-संचारी रोग अधिकारी (एनसीडीओ) डॉ. उर्मिला कुमारी ने प्रशिक्षण स्थल का दौरा किया और सभी आशा कार्यकर्ताओ के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा आशा कार्यकर्ता ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ है। आप सभी फ्रंटलाइन वॉरियर्स हैं, जो समुदाय स्तर पर एनसीडी स्क्रीनिंग, परिवार नियोजन, टीकाकरण, एचबीएनसी, और टीबी जैसी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। आपके समर्पण से ग्रामीण स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

हर घर तक पहुंच रहा स्वास्थ्य संदेश:

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक्स (एनपीसीडीसीएस) के तहत जिले में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। यह कार्यक्रम पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग के माध्यम से गंभीर बीमारियों की पहचान और रोकथाम सुनिश्चित कर रहा है।

प्रशिक्षण के दौरान गुरुवार को आशाओं को 05 सी-बैक फॉर्म भरने और उन्हें संबंधित एएनएम द्वारा एनसीडी एप्लीकेशन पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया। प्रत्येक एएनएम द्वारा 40-50 फॉर्म ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे। इससे जिले में स्वास्थ्य डेटा का प्रबंधन आसान होगा और मरीजों को समय पर इलाज सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा आशा कार्यकर्ता न केवल एनसीडी स्क्रीनिंग, बल्कि परिवार नियोजन, टीकाकरण, एचबीएनसी, और टीबी जैसे कार्यक्रमों के जरिए ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बना रही हैं। डिजिटल डेटा के माध्यम से इन सेवाओं में और तेजी लाई जा रही है। गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि आशाओं का यह प्रशिक्षण उन्हें सशक्त करेगा, जिससे वे बेहतर ढंग से बीमारियों की पहचान और रोकथाम में भूमिका निभा सकें।

ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार की ओर मजबूत कदम:

डीएम विशाल राज ने कहा कि एनसीडी स्क्रीनिंग के अलावा आशा कार्यकर्ता मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, लकवा और अन्य गंभीर बीमारियों की समय पर पहचान कर उनके इलाज को संभव बनाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एनसीडी कार्यक्रम साथ ही टीकाकरण, मातृ और शिशु स्वास्थ्य, टीबी रोकथाम, और परिवार नियोजन जैसी सेवाओं का कार्य में सुधार की पहल है।

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