Hindi NewsBihar NewsKishanganj NewsTraining for ASHA Workers in Kishanganj to Combat Non-Communicable Diseases

एनसीडीओ ने प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ताओं को दिया प्रमाण पत्र

किशनगंज में गैर-संचारी रोगों की रोकथाम के लिए आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। डॉ. उर्मिला कुमारी ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। प्रशिक्षण...

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजThu, 9 Jan 2025 12:58 AM
share Share
Follow Us on

किशनगंज, एक प्रतिनिधि। जिले में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जिले के आशा कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण मंगलवार को सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। इस अवसर पर गैर-संचारी रोग पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ. उर्मिला कुमारी ने प्रशिक्षण में भाग ले रहीं सभी आशाओं को जागरूकता फैलाने और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का आह्वान किया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया। उन्होंने कहा आशा कार्यकर्ता समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। उनकी भूमिका से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य का स्तर लगातार सुधर रहा है। हर घर तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की पहल: नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक्स (एनपीसीडीसीएस) के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों की स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जा रही है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गंभीर बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और लकवा के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर समय पर इलाज उपलब्ध कराना है।डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा आशा कार्यकर्ताओं को अपने पोषक क्षेत्रों में हर परिवार का स्वास्थ्य डेटा इकट्ठा करने के लिए सी-बैक फॉर्म भरना है। इन फॉर्मों को संबंधित एएनएम द्वारा एनसीडी एप्लीकेशन पर अपलोड किया जाएगा, जिससे समय पर इलाज की प्रक्रिया तेज होगी। डिजिटल तकनीक से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: प्रशिक्षण के दौरान आशाओं को 5 सी-बैक फॉर्म भरने का निर्देश दिया गया, जिन्हें संबंधित एएनएम द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। इससे एक एएनएम के माध्यम से प्रतिदिन 40-50 फॉर्म ऑनलाइन दर्ज किए जा सकेंगे, जो कि मरीजों के स्वास्थ्य संबंधी डेटा के विश्लेषण में सहायक होगा।सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा डिजिटल तकनीक के माध्यम से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी आ रही है। मरीजों का डेटा ऑनलाइन होने से उनकी पहचान और इलाज में देरी नहीं होगी।

आशा कार्यक्रताओं को सशक्त कर रहा प्रशिक्षण

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण के दौरान एनसीडी स्क्रीनिंग, परिवार नियोजन, टीकाकरण, एचबीएनसी, टीबी, और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित जानकारी दी गई। इसके साथ ही गंभीर बीमारियों के लक्षणों की पहचान और मरीजों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लाने की प्रक्रिया पर जोर दिया गया। कहा हर घर तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। आशा कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी और जागरूकता से यह मिशन सफल हो रहा है। माइक्रो प्लानिंग और डिजिटल डेटा प्रबंधन से सेवाओं को और प्रभावी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा यह प्रशिक्षण आशाओं को सशक्त कर रहा है। वे अब गांवों में जाकर न केवल एनसीडी स्क्रीनिंग करेंगी, बल्कि लोगों को इन बीमारियों के प्रति जागरूक भी करेंगी। इससे गंभीर बीमारियों की समय पर पहचान और इलाज संभव होगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें