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ठाकुरगंज में महानंदा नदी पर नये पुल निर्माण की मांग

ठाकुरगंज में महानंदा नदी पर नये पुल निर्माण की मांग ठाकुरगंज में महानंदा नदी पर नये पुल निर्माण की मांग

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजSat, 18 Jan 2025 02:01 AM
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ठाकुरगंज। एक संवाददाता सीमावर्ती क्षेत्र के किशनगंज जिला का ठाकुरगंज प्रखंड जो बिहार के आखिरी छोड़ पर बसा है जिसकी सीमा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी जुड़ती है। नेपाल सीमा से बिल्कुल सटा ठाकुरगंज प्रखंड सामरिक और आर्थिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। किशनगंज से ठाकुरगंज की सड़क पर अंग्रेज काल का बना महानंदा पुल इस क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन माना जाता है। महानंदा नदी पर वर्ष 1913 में बना है यह पुल जिला का सबसे पुराना पुल में शुमार है। यहां इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा को लेकर चहुंओर चर्चा है। शासन से प्रशासन, सत्ता या विपक्ष के जनप्रतिनिधि या यूं कहे कि आम से लेकर खास इस यात्रा की सफलता और विफलता को लेकर अभी से ताना बाना बुनने लगे हैं। महानंदा नदी पर नए ब्रिज का निर्माण क्षेत्र के विकास का मुख्य मुद्दा बन गया है। ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ण एन्ड कंपनी लिमिटेड,हावड़ा (पश्चिम बंगाल) नामक ब्रिज बिल्डर कंपनी ने कराया था। यह ब्रिज न सिर्फ ठाकुरगंज प्रखंड को जिला मुख्यालय किशनगंज से जोड़ती है। बल्कि यह सामरिक दृष्टिकोण से पूर्वोत्तर भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है।

बताते चले कि सन 1915 ई0 में इसे विस्तार करते हुए ठाकुरगंज होते हुए किशनगंज तक परिचालन शुरू किया गया था। पुन: वर्ष 1949 के दौरान असम रेलवे लिंक प्रोजेक्ट एआरएलपी के अंतर्गत मीटरगेज रेल का परिचालन प्रारम्भ किया गया। इससे पहले नैरो गेज महानन्दा पर 1913 के दौरान निर्माण कराये गए पुल को आमजन के यातायात के लिए सड़क मार्ग से 1950 के दशक में जोड़ा गया था। जो बर्तमान में पथ निर्माण विभाग के तहत किशनगंज से ठाकुरगंज होते हुए गलगलिया तक केटीटीजी सड़क से इसी पुल से वाहनो का परिचालन हो रहा है। जो पथ निर्माण विभाग के अधीन है। पुल निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2014 को पुल निर्माण राज्य निगम कार्य हेतु सवाईल टेस्ट कराये गए थे। जिसके तहत 24 करोड़ की लागत से विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन डीपीआर तैयार कर पथ निर्माण निगम विभाग पटना बिहार को भेजी गई थी।

फोटो 17 जनवरी केगंज 3 : ठाकुरगंज स्थित महानंदा नदी पर बना पुल पर लगा जाम

फोटो 17 जनवरी केगंज 4 : ठाकुरगंज स्थित महानंदा नदी बना वर्षों पुराना पुल

-बयान --

राजेश करनानी, सामाजिक कार्यकर्ता ठाकुरगंज बताते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में हर क्षेत्र में बिहार का द्रूत गति से विकास हुआ है गांव से लेकर शहर तक सड़कों के जाल ने ठाकुरगंज में ट्रैफिक की बहुत बड़ी समस्या पैदा कर दी है। बायपास, महानंदा के जर्जर सकरी ब्रिज एवं रेल ट्रैक पर आर ओ बी का अगर निर्माण नहीं हुआ तो विकराल हो चुके सड़क जाम की समस्या के कारण क्षेत्र का जनजीवन बिल्कुल ठहर जाएगा। सूबे के मुख्यमंत्री को अविलंब इस पर कार्रवाई की जरूरत है

राजेश करनानी

भाजपा नेता अरुण सिंह बताते हैं कि किशनगंज जिला को नेपाल सीमा के साथ पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाली किशनगंज-ठाकुरगंज सड़क पर बना महानंदा पुल सीमांचल के विकास के लिए बाधक बन गया है। इस पुल पर लगे घंटो जाम के कारण कई बार जिला के आला अधिकारियों के साथ किशनगंज हॉस्पिटल रेफर किए गए मरीजों की हालत दयनीय हो जाती है साथ ही साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी इस पुल का अलग महत्व है। इसलिए सरकार को चाहिए कि इस पुल का निर्माण अभिलंब कराए ताकि बिहार सरकार के विकास कार्य धरातल पर दिखे।

अरुण सिंह

हंसराज नखत, जन सुराज कार्यकर्ता ठाकुरगंज बताते हैं कि महानंदा पुल ठाकुरगंज के लिए एक ऐसी बड़ी समस्या है जो ठाकुरगंज बॉर्डर पर होने के कारण न तो ठाकुरगंज के विधायक को चिंता है ना किशनगंज के विधायक को इसकी चिंता। उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद इस मामले में पूरी तरह से उदासीन हैं। लेकिन यह समस्या को उठाना चाहिए राज्य सरकार के पास दोनों विधायक चाहे तभी इस समस्या का पूर्ण निदान हो सकता है। सबसे पहले पथ निर्माण विभाग या पुल निर्माण विभाग अपनी जब बिहार सरकार की अपनी जमीन पर इसका डीपीआर बनाएं और इस समस्या के लिए समाधान के लिए आगे बढ़े। इसके बिना ठाकुरगंज का विकास बाधित है।

हंसराज नखत

नगर मुख्य पार्षद ठाकुरगंज श्री कृष्णा सिंह उर्फ सिकंदर पटेल बताते हैं कि ठाकुरगंज को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली इस महानंदा पुल का सामरिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्व है। जिला मुख्यालय को यदि नेपाल बॉर्डर या पश्चिम बंगाल जाने वाली इस मुख्य सड़क पर बना या पुल सारी विकास योजनाओं को बौना दिखता है। पुल का निर्माण यदि समय पर नहीं हुआ तो सीमांचल का यह क्षेत्र विकास से काफी दूर हो जाएगा। पुल का निर्माण सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी अति आवश्यक है कभी-कभी तो यह भी स्थिति हो जाती है पल पर जाम के कारण मरीजों को घंटा इंतजार करना पड़ता है।

श्री कृष्णा सिंह उर्फ सिकंदर पटेल

कौशल किशोर यादव अधिवक्ता सह समाजसेवी ने कहा कि महानंदा पुल अवश्य बनना चाहिए। अगर सबसे बड़ी समस्या है तो महानंदा पुल का जाम को लेकर है। पुल पर जाम को लेकर कितने छात्रों का परीक्षा छूट गया। यहां तक की एंबुलेंस में मरीज का भी बुरा हाल कई बार हो चुका है। हम सभी किशनगंज वासी चाहेंगे मुख्यमंत्री अवश्य महाननंदा पूल का निर्माण जल्द करवाएं।

कौशल किशोर यादव

अमित कुमार सिन्हा भाजपा नेता सह पार्षद ठाकुरगंज ने बताया कि किशनगंज मार्ग पर अवस्थित महानंदा पुल अति महत्वपूर्ण है जो क्षेत्र की लाइफ लाइन पुल है। पुल की दोहरीकरण कर नया निर्माण किया जाना चाहिए । यह पुल ब्रिटिश काल का है। जो बहुत ही जर्जर है । यहां हमेशा जाम लगी रहती है आपातकालीन व सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

अमित कुमार सिन्हा

जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि सह जदयू नेता अहमद हुसैन ने बताया कि यह पुल का निर्माण यदि हो जाता है तो नीतीश सरकार द्वारा सारे विकास कार्यों पर यह पुल निर्माण भारी पड़ेगा।

अहमद हुसैन

पूर्व प्रखंड प्रमुख सह राजद नेता मुस्ताक आलम ने बताया कि सीमांचल में किशनगंज ठाकुरगंज सड़क पर महानंदा पुल का निर्माण किए बगैर विकास की बात करना बेमानी होगी।

मुस्ताक आलम

महानंदा पुल पर चर्चा करते हुए पूर्व नागरिक उडयन मंत्री सह भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने बताया कि यह पुल निर्माण सीमांचल के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। पुल के निर्माण से नेपाल और पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के उद्योग धंधों को भी काफी बल मिलेगा।

सैयद शहनवाज हुसैन, वरिष्ठ भाजपा नेता

इस पुल की चर्चा करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी अहमर अब्दाली ने बताया कि इस पुल की निर्माण के लिए पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल द्वारा जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है निसंदेह या पुल ठाकुरगंज के लिए लाइफ लाइन है।

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