Hindi NewsBihar NewsKishanganj NewsRiver Erosion Threatens Thousands in Dighalbank Block Urgent Action Needed

कटाव से दर्जनों गांव के लोगों को विस्थापन का खतराट

दिघलबैंक, एक संवाददाता। नदियों का कटाव दिघलबैंक प्रखंड की मुख्य समस्या है। दिघलबैंक प्रखंड समस्या

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजThu, 16 Jan 2025 02:18 AM
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दिघलबैंक, एक संवाददाता। नदियों का कटाव दिघलबैंक प्रखंड की मुख्य समस्या है। दिघलबैंक प्रखंड के 16 पंचायतों में से 8 पंचायतों के दर्जनों गांव की हजारों की आबादी नदी कटाव की चपेट है। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों से निकलकर दिघलबैंक प्रखंड में प्रवेश करने वाली दो नदियां कनकई व बूढ़ी कनकई प्रखंड के पश्चिमी तथा पूर्वी छोरों से होकर बहती है।बारिश के मौसम में तीव्र गति से बहने वाली इन नदियों के कारण प्रखंड में हर वर्ष बड़े पैमाने पर तटवर्ती गांवों में कटाव होता है। प्रखंड के पश्चिमी छोड़ से बहने वाली बूढ़ी कनकई नदी के कारण सिंघीमारी, लोहागढ़ा, लक्ष्मीपुर और पत्थरघट्टी पंचायत के दर्जनों गांवों में तो पूर्वी छोर से बहने वाली बूढ़ी कनकई नदी के कारण प्रखंड के धनतोला, आठगछिया, करूवामनी तथा ताराबाड़ी पंचायत के दर्जनों गांव में भीषण कटाव की समस्या बनी रहती है। सबसे अधिक कटाव पत्थरघट्टी पंचायत में कनकई नदी से होता है।दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र में दशकों से कनकई व बूढ़ी कनकई नदी का कटाव जारी है, हालांकि प्रशासनिक स्तर पर हर वर्ष कुछ न कुछ नदी कटाव निरोधक कार्य कराए जाते हैं, लेकिन यह कार्य इन क्षेत्रों में नदियों के कटाव को रोकने में नाकाफी साबित हो रहा है। हर वर्ष बड़े पैमाने पर नदियों का कटाव होता है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों नदियों के कटाव के कारण सैकड़ों लोगों के आवासीय घर नदी में विलीन हो चुकी है।पत्थरघट्टी पंचायत के ग्वालटोली में स्थित प्राथमिक विद्यालय पांच वर्ष पूर्व हीं नदी में विलीन हो गया है। धनतोला का प्राथमिक विद्यालय बिहार टोला तथा ताराबाड़ी का प्राथमिक विद्यालय फुलगाछी बूढ़ी कनकई नदी के चपेट में है और समय रहते कुछ ठोस उपाय नहीं किये गये तो आने वाले एक दो वर्षों में दोनों विद्यालय नदी में समा सकता है।बिहार टोला स्कूल से सटा मंदिर और मंदिर टोला स्थित शिव मंदिर भी नदी में विलीन हो चुका है। नदी कटाव से त्रस्त सैकड़ों लोग पलायन को विवश हो गए है। बड़ी संख्या में लोगों ने दूसरे जगहों पर अपना आशियाना बनाया है । लोगो ने इन क्षेत्र में मुक्कमल कटाव निरोधक कार्य करवाने की मांग की है ।

कटाव निरोधी कार्य नहीं होने से विस्थापित हो जाएंगे गुवाबारी के लोग

दिघलबैंक, एक संवाददाता। पिछले करीब डेढ़ दशक से दिघलबैंक प्रखंड के दक्षिणी पश्चिम छोड़ पर कनकई नदी के किनारे बसा पत्थरघट्टी पंचायत का करीब आधे दर्जन गाँव के हजारों कि आबादी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।इस दौरान जहां पत्थरघट्टी पंचायत के कचना बस्ती, मालप्रती, काशीबाड़ी के सैकड़ों परिवारों का भीट- बारी तक कनकई नदी में समा चुका है।वहीं पिछले करीब 8 वर्षों से बाढ़(फ्लश फ्लड) और कटाव जैसी भयानक त्रासदी को झेलते झेलते यह ग्वालटोली गांव भी आधा से अधिक नदी में समा चुका है। अब कनकई नदी के निसाने पत्थरघट्टी पंचायत का गुवाबारी तथा बच्चा गुवाबारी गांव है। जिसके आसपास नदी का कटाव पिछले दो वर्षों से तेजी के साथ जारी है और अगर समय रहते जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो आने वाले मानसून में जब एकबार -कनकई नदी उफनायेगी तो सायद बच्चा गुवाबारी कि हालत भी ग्वाल टोली, कचना बस्ती, मालप्रति और कचना बस्ती जैसे गांवों के तरह हीं हो जायेगी।इसी बात के भय से फिलहाल बच्चा गुवाबारी के लोग भयभीत हैं और प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों से पिछले करीब एक वर्ष से यह गुहार लगा रहे हैं कि बच्चा गुवाबारी के पास कनकई नदी द्वारा जिस जगह पर कटाव हो रहा है वहां समय रहते कटाव रोधी कार्य किया जाय और आने वाले भयावह संकट को टाला जाय। लेकिन आजतक गांव के लोगों को प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने केवल कोरा आश्वासन हीं दिया है और नतीजा यह है कि मानसून आने में केवल माह भर का समय बांकी है लेकिन आजतक गुवाबारी के पास किसी भी तरह का कटावरोधी कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है।इससे गांव सहित पंचायत के लोग हताश व निराश होने के साथ साथ नाराज भी हैं।

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