संथालियो के अनुवंशिक विकास के लिए बनेगा रिपोर्ट : प्रो नरेन्द्र
--फोटो के साथ लगा दीजिएगा -- किशनगंज। एक संवाददाता किशनगंज के संथालियो में अनुवंशिक
--फोटो के साथ लगा दीजिएगा -- किशनगंज। एक संवाददाता
किशनगंज के संथालियो में अनुवंशिक रोगों के बचाव हेतु शोध के लिए भूपेंद्र नारायण मण्डल विश्वविद्यालय जंतु विज्ञान विभाग से एक टीम का आगमन हुआ है। ज्ञात हो की विज्ञान एवं प्रद्योगिकी विभाग भारत सरकार के द्वारा स्वीकृत शोध परियोजना के तहत प्रो. डॉ नरेन्द्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में आये हुए टीम नें महानंदा नदी से घिरी हुई ग्राम छोटा सल्कि और नटुवापारा में सैकड़ो संथालियों का रक्त संग्रह किया गया है और आगे वस्ता कोला,सोना दिघी, बालू वस्ती, भूपला बांध टोला, टेरहा गाछी एवं बहादुरगंज आदि जगह संथालियों का रक्त संग्रह कर जांच किया जाना निर्धारित है। उक्त बाबत प्रोजेक्ट के प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर प्रो. डॉ नरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा स्वीकृत इस परियोजना के तहत बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिले के भारत-नेपाल सीमा पर स्थित थारूहाट इलाके एवं किशनगंज संथाल एवं थारू जो की अनुसूचित जनजाति में आते हैं। उनका रक्त संग्रह करके डीएनए तथा बारह अनुवंशिक लक्षणों से संबंधित बिंदुओं पर जांच किया जाना है। जिससे इन जनजातियों की वंसावली, इसपर होने वाले वातावरणीय प्रभाव तथा इन समुदायों में होने वाली बीमारियों सिक्किल सेल एनेमिया, कलर ब्लाइंडनेस,थैलेसीमिया, रक्त छीनता आदि बिमारियों का पता लगाया जा सके और उसके रोकथाम हेतु संबंधित समूहों को सरकार द्वारा उचित जानकारी दिया जा सके। इस परियोजना के समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर भारत सरकार को इन जनजातियों के स्वास्थ्य संबंधी नीतियों के निर्धारण में सहयोग होगी। वही रक्त संग्रह टीम में इंसान डिग्री महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. रविन्द्र श्रीवास्तव,पार्वती विज्ञान महाविद्यालय मधेपुरा के डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह, वासुदेव, शोधार्थी आनंद कुमार भूषण, रोहन कुमार आदि शामिल थे। वही संथाल समाज के विकास हेतु समाजसेवी नारायन हेमब्रम, छोटू टुडू, सोनीराम हेमब्रम, हेरा बॉसकी, चम्पाई टुडू आदि नें सक्रिय भूमिका निभाए।
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