Hindi NewsBihar NewsKishanganj NewsNutrition Awareness Kishanganj Celebrates Aanganwadi Ann Prashan Day for Child Development

पौष्टिक ऊपरी आहार करता है बच्चों का सर्वांगीण विकास

किशनगंज में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर छह माह के बच्चों को ऊपरी पौष्टिक आहार दिया गया। आइसीडीएस डीपीओ जीनत यास्मीन ने बताया कि छह माह...

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजFri, 20 Dec 2024 12:21 AM
share Share
Follow Us on

किशनगंज । एक प्रतिनिधि बच्चों का सर्वांगीण विकास के लिए स्तनपान के साथ छह माह का उम्र पूरा होने पर पौष्टिक अतिरिक्त ऊपरी आहार का दिया जाना जरूरी होता है। इसी उद्देश्य से गुरुवार को जिले के सभी संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन (ऊपरी आहार की शुरुआत) दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका-सहायिका ने अपने-अपने पोषक क्षेत्र के छह माह की उम्र पूरा करने वाले बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्र में अन्नप्राशन कराया।

छह माह बाद स्तनपान के साथ ही ऊपरी आहार भी जरूरी:

आइसीडीएस प्रभारी डीपीओ जीनत यास्मीन ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में उत्साह के साथ अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। अन्नप्राशन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के छह महीने पूरे होने पर स्तनपान कराने के अलावा अतिरिक्त पौष्टिक ऊपरी आहार दिया जाना चाहिए। इस उम्र में बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास तेजी से होता है । इसलिए इस उम्र में बच्चों को पौष्टिक ऊपरी आहार बच्चे का सर्वागीण विकास के लिए पौष्टिक ऊपरी आहार जरूरत होती है। इसी उद्देश्य से जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण क्षेत्र के 6 माह पूर्ण हुए बच्चे को सेविका द्वारा मीठी खीर व अन्य पौष्टिक आहार खिलाकर अन्नप्राशन किया गया। मौके पर बच्चों के माता-पिता या परिजनों को बताया गया है छह माह उम्र पूरा होने पर बच्चों को दिए जाने वाले अतिरिक्त ऊपरी आहार की मात्रा के बारे मे जानकारी दी गई।

ऊपरी आहार के साथ दो वर्षों तक स्तनपान भी जरूरी :

आइसीडीएस डीपीओ जीनत यास्मीन ने कहा कि छह माह तक बच्चों को सिर्फ स्तनपान एवं छह माह पूरे होने के बाद से बच्चों को ऊपरी आहार के साथ-साथ दो वर्ष तक स्तनपान जरूरी होता है,तभी बच्चे के स्वस्थ शरीर का निर्माण हो पाएगा। इसके अलावा 6 माह से ऊपर के बच्चों के अभिभावकों को बच्चों के लिए पूरक आहार की जरूरत के विषय में जानकारी दी गयी। बताया कि 6 माह से 9 माह के शिशु को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाने की सलाह दी गयी। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को शामिल करने की बात बताई गयी। चावल, रोटी, दाल, हरी सब्जी, अंडा एवं अन्य खाद्य पदार्थों के पोषक तत्वों के विषय में चर्चा कर अभिभावकों को इसके विषय में जागरूक किया गया।

बच्चों में कुपोषण को मिटाने के लिए अन्नप्राशन बेहतर योजना:

डीपीओ जीनत यास्मीन ने कहा कि कुपोषण को मिटाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों को योजनाओं से लाभान्वित के उद्देश्य से केंद्र में अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छह माह पूरे हुए बच्चों को ऊपरी पौष्टिक आहार में मीठी खीर या खिचड़ी खिला कर ऊपरी आहार की शुरुआत की गई। बताया कि कुपोषण खत्म करने के लिए आईसीडीएस लगातार कई योजनाएं चला रहा है। अन्नप्राशन दिवस पर पोषण के पांचों सूत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि पहले सूत्र के रूप में बच्चे के पहले हजार दिन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के 270 दिन तथा उसके बाद 2 वर्ष तक लगभग 730 दिन बच्चे के सबसे सुनहरे हजार दिन होते हैं। इसी समय बच्चे को सही आहार दिया जाना चाहिए। ताकि उसका मस्तिष्क तेजी से विकास कर सके। पौष्टिक आहार के रूप में 6 माह तक बच्चे को केवल स्तनपान कराना चाहिए। इस दौरान ऊपर से पानी भी नहीं देना चाहिए। छह माह के बाद बच्चे को ऊपरी पौष्टिक ऊपरी आहार दिया जाना चाहिये।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें