टेढ़ागाछ में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं
टेढ़ागाछ में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं टेढ़ागाछ में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं टेढ़ागाछ में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं
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किशनगंज जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर कनकई एवं रतवा नदी से घिरा टेढ़ागाछ प्रखंड जिले के अन्य प्रखंड में हुए आधारभूत विकास एवं कई मामलों में पिछले पायदान पर आज भी है। नदियों से घिरे इलाका होने की वजह से जहां यहां के लोगों को आवागमन में बेहतर सुविधा नहीं है, साथ ही नदी की कटाव व बाढ़ की समस्या भी यहां के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। प्रखंड क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, रोजगार जैसी कई समस्याएं आज लोगों को प्रभावित कर रहा है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी टेढ़ागाछ तुलनात्मक पिछड़ा है। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के युवक-युवतियों को आजादी के इतने वर्ष बाद भी उच्च शिक्षा के लिए 30 से 50 किलोमीटर दूर कर हासिल करना पड़ रहा है। या अन्य जिलों में नामांकन के लिए जाना पड़ता है। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण युवक को किसी तरह प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो रहा है। किसी तरह कॉलेज में नाम लिखा भी लिया तो टेढ़ागाछ से बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज जाना उनके लिए बड़ी परेशानी का शबब बन जाता है। कुछ लड़कियां डिग्री की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती हैं।
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण युवक-युवतियों को लगभग 30 किलोमीटर दूर बहादुरगंज या फिर जिला मुख्यालय स्थित डिग्री कॉलेज में नामांकन लेना पड़ता है। टेढ़ागाछ से बहादुरगंज की दूरी लगभग 30 किलोमीटर हैं लेकिन सड़क की जर्जर स्थिति के कारण आधे घंटे का सफर डेढ़ से दो घंटे में पूरा होता है। सड़क की स्थिति इतनी बदहाल है कि आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। जिस कारण कई बच्चे उच्च शिक्षा के लिए इतनी दूर भी नहीं जा पाते हैं। डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण छात्र-छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के छात्र-छात्रा इंटर तक की पढ़ाई पूरी कर आगे उच्च शिक्षा के लिए डिग्री की पढ़ाई पूरा करने में काफी परेशानी उठाते हैं। यहां के स्थानीय लोगों की मांग है कि टेढ़ागाछ प्रखंड में डिग्री कॉलेज हो तो युवक युवतियां को डिग्री की पढ़ाई में सुविधा होगी। जो छात्र-छात्राएं 30 किलोमीटर दूरी कॉलेज होने की वजह से डिग्री की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं वैसे छात्र-छात्रा भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे।
आवागमन की भी पर्याप्त सुविधा नहीं
टेढ़ागाछ प्रखंड नदियों से घिरा है। लोगों को अपने गांव पहुंचने तक के लिए दो दो नदी को पुल या चचरी पुल से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में युवक-युवतियों को कॉलेज जाने के लिए चचरी पुल से गुजरना, बरसात में नाव से आवागमन कर कॉलेज पहुंचना भी आसान नहीं होता है। वजह है कि खास कर लड़कियां डिग्री कॉलेज में नामांकन लेने के बाद भी अपनी कोर्स पूरा नहीं कर पाती हैं।
टेढ़ागाछ प्रखंड में अधिकांश लोग कृषि व कृषि से जुड़े कार्य पर निर्भर हैं तो अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर दूसरे शहर में नहीं भेज पाते हैं।
बोले जिम्मेदार
मो. अंजार नईमी, विधायक, बहादुरगंज विधानसभा ने बताया कि सरकार द्वारा कहा गया है कि राज्य के सभी सब डिवीजन में सबसे पहले डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाएगी। उसके बाद अन्य जगहों पर आबादी के हिसाब डिग्री कॉलेज की स्थापना के बारे में निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में किशनगंज सब डिवीजन में तीन डिग्री कॉलेज है।
हमारे तरफ से सरकार को मशवरा भी दिया गया है कि पुराने इंटरमीडिएट कॉलेज को डिग्री कॉलेज में बदलने को कहा गया है। अब ये सरकार पर निर्भर करता है कि प्रखंड क्षेत्र में कब तक डिग्री कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लेती है। विधायक मो. अंजार नईमी ने कहा कि उनका प्रयास इस दिशा में जारी है।
मो. अंजार नईमी, विधायक, बहादुरगंज विधानसभा
उजाला परवीन, प्रमुख, टेढ़ागाछ ने बताया कि टेढ़ागाछ में डिग्री कॉलेज की सख्त जरूरत है। डिग्री कॉलेज दूर होने के कारण युवक-युवतियां को कॉलेज जाने में समय अधिक लगता है जिस कारण रोजाना समय पर टेढ़ागाछ से बहादुरगंज जा पाना संभव नहीं हो पाता। सड़क की बदहाल अवस्था के कारण बहादुरगंज जाने के लिए हमेशा गाड़ियां भी उपलब्ध नहीं हो पाती। क्षेत्र की अधिकतर आबादी के पास स्थायी रोजगार नहीं होने की वजह से वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए जिला मुख्यालय या अन्य शहरों में नहीं भेज पाते।
उजाला परवीन, प्रमुख, टेढ़ागाछ
गुप्तेश्वर पांडे, समाजसेवी, टेढ़ागाछ ने बताया कि
वर्ष 1970 के लगभग में सुविधा नहीं होने के कारण इंटर की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद मैने अपना नामांकन पूर्णिया में करवाया था लेकिन उस समय यातायात के साधनों की काफी कमी थी और घर से दूर रहकर पढ़ाई करनी पड़ती थी। उस समय निर्धनता होने के कारण मेरे कई सहपाठी मैट्रिक की परीक्षा भी नहीं दे पाए। घर से इतनी दूरी होने के कारण परिजनों से भी कई दिनों तक संपर्क नहीं हो पाता था जिस कारण मुझे स्नातक की पढ़ाई नामांकन होने के बावजूद अधूरी छोड़नी पड़ी। इसलिए अब समय की मांग है कि टेढ़ागाछ में डिग्री कॉलेज बने। यहां के छात्र-छात्रा आसानी से उच्च शिक्षा प्राप्त करें।
गुप्तेश्वर पांडे, समाजसेवी, टेढ़ागाछ
बिंदेश्वर साह, पूर्व उप प्रमुख, टेढ़ागाछ ने बताया कि टेढ़ागाछ में
डिग्री कॉलेज दूर होने के कारण कई छात्र-छात्रा अपना नामांकन नहीं करा पाते हैं। यदि बच्चे अपना नामांकन करा भी लेते हैं तो रोजाना कॉलेज में अपनी उपस्थिति नहीं बनवा पाते, क्योंकि प्रखंड क्षेत्र से सभी डिग्री कॉलेजों की दूरी लगभग 30 किलोमीटर से भी ज्यादा है रोजाना जाना और आना काफी मुश्किल होता है। बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए प्रखंड क्षेत्र में डिग्री कॉलेज की अति आवश्यकता है
बिंदेश्वर साह, पूर्व उप प्रमुख, टेढ़ागाछ
शशि भूषण यादव, उप मुखिया प्रतिनिधि, भोरहा पंचायत ने बताया कि टेढ़ागाछ में डिग्री कॉलेज नहीं होना बड़े ही दुख की बात है। नब्बे के दशक में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद मुझे उच्च शिक्षा के लिए पूर्णिया जाना पड़ा जिस कारण मुझे भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। अफसोस की बात है कि स्थानीय बच्चों को आज भी उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए घर से दूर रहकर अपनी पढ़ाई करनी पड़ रही हैं और कई गरीब बच्चे आज भी उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाते हैं।
शशि भूषण यादव, उप मुखिया प्रतिनिधि, भोरहा पंचायत
तसनीम अतहर, प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष, टेढ़ागाछ ने बताया कि टेढ़ागाछ में डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण कई बच्चें उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। यहां के कुछ छात्र-छात्रा इंटर की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। मजबूरन उन्हें उच्च शिक्षा का सपना बीच में ही छोड़ना पड़ता है। यदि हमारे क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज होता तो इन बच्चों के उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना पूरा हो पाता।
तसनीम अतहर, प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष , टेढ़ागाछ
शशि गुप्ता, समाजसेवी, टेढ़ागाछ ने बताया कि इंटर के बाद टेढ़ागाछ के अभ्यर्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहादुरगंज, जिला मुख्यालय या अन्य शहरों के डिग्री कॉलेज में जाना पड़ता है। टेढ़ागाछ से बहादुरगंज की दूरी लगभग 30 किलोमीटर हैं लेकिन सड़क की जर्जर स्थिति के कारण बहादुरगंज जाने में लगभग डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं। साथ ही दुर्घटना का भी डर लगा रहता है अगर डिग्री कॉलेज प्रखंड क्षेत्र में होता तो जोखिम के साथ साथ बच्चों के समय की भी बचत हो पाती ।
शशि गुप्ता, समाजसेवी, टेढ़ागाछ
मिथुन कुमार साह, समाजसेवी, टेढ़ागाछ ने बताया कि पंचायत स्तर पर सरकार द्वारा विद्यालय की स्थापना की जा रही हैं जिससे बच्चों को काफी सहूलियत भी हो रही है। अगर सरकार द्वारा प्रखंड क्षेत्र में एक डिग्री कॉलेज की स्थापना कर दी जाती तो टेढ़ागाछ के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रखंड क्षेत्र से बाहर जाकर इतनी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता। कॉलेज दूर होने के कारण कई बच्चों के माता-पिता बच्चों को कॉलेज भेजना नहीं चाहते हैं।
मिथुन कुमार साह, समाजसेवी, टेढ़ागाछ
डोली कुमारी, छात्रा, टेढ़ागाछ ने बताया कि टेढ़ागाछ में डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण कई लड़कियों की पढ़ाई इंटर तक ही सीमित रह जाती हैं। घर से काफी दूर डिग्री कॉलेज होने के कारण लड़कियों के परिजन उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए क्षेत्र से बाहर भेजने से घबराते हैं। अगर क्षेत्र में एक डिग्री कॉलेज हो तो कई लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकती हैं
डोली कुमारी, छात्रा, टेढ़ागाछ
राज कुमार दास, छात्र , टेढ़ागाछ ने बताया कि इस वर्ष मैंने इंटर की परीक्षा दी है और परीक्षा का परिणाम भी सकारात्मक आने की पूरी संभावना है। लेकिन उच्च शिक्षा के लिए नामांकन किस कॉलेज में करवाएंगे ये चिंता अभी से होने लगी है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रखंड क्षेत्र से बाहर नामांकन लेना पड़ेगा और इतनी दूर रोज आना जाना काफी मुश्किल है। अगर प्रखंड क्षेत्र में डिग्री कॉलेज होता तो हमे उच्च शिक्षा हासिल करने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता
राज कुमार दास, छात्र, टेढ़ागाछ
नेहा सिंह, छात्रा, टेढ़ागाछ ने बताया कि स्नातक की पढ़ाई के लिए मैने अपना नामांकन अररिया स्थित डिग्री कॉलेज में लिया था। हालाकि मैंने जैसे तैसे अपनी स्नातक की पढ़ाई अच्छे अंकों से पूरी कर ली लेकिन इस दौरान कई बार मेरे परिजनों एवं गांव के लोगों ने कॉलेज दूर होने के कारण नामांकन नहीं लिखवाने की सलाह दी लेकिन मैने पढ़ाई के जुनून में अपना नामांकन करवाया और काफी कठिनाईयों को सहते हुए स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
नेहा सिंह, छात्रा, टेढ़ागाछ
भोला बोसाक, छात्र, टेढ़ागाछ ने बताया कि उच्च शिक्षा के लिए अपना नामांकन बहादुरगंज स्थित नेहरू कॉलेज में करवाया था, लेकिन रोजाना लगभग 30 किलोमीटर टेढ़ागाछ बहादुरगंज सड़क से जा पाना संभव नहीं था और आए दिन दुर्घटना की खबर सुनकर परिजनों का भी दबाव होता था कि रोजाना इस मार्ग से जा पाना संभव नहीं है मजबूरन मुझे अपनी आगे की पढ़ाई एक वर्ष रोकनी पड़ी और आगे स्नातक की पढ़ाई के लिए मैने इग्नू का सहारा लिया।
भोला बोसाक, छात्र, टेढ़ागाछ
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