अनुसंधानकर्ताओं को उपलब्ध कराए गए लैपटॉप व मोबाइल
किशनगंज पुलिस ने डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप और एंड्रॉयड फोन प्रदान किए हैं। सभी थानों के पुलिस अधिकारी जल्द ही इस नई प्रणाली का उपयोग शुरू करेंगे। ई-साक्ष्य ऐप के...
किशनगंज। किशनगंज पुलिस ने डिजिटल पुलिसिंग की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है। नई व्यवस्था के तहत सभी अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप मुहैया करवाया गया है। साथ ही एंड्रॉयड फोन भी मुहैया करवाया गया है। फिलहाल जिले के कई मुख्य थानों के पुलिस अधिकारी लैपटॉप से कार्य भी शुरू कर चुके हैं। इसी महीने में अगले कुछ दिनों में सभी थानों के पुलिस अधिकारी लैपटॉप और एंड्रायड मोबाइल फोन से पूरी तरह से लैश हो जाएंगे। इसे लेकर पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अब सामान्य पुलिसिंग के साथ साथ पुलिस डिजिटल पुलिसिंग के तहत भी फील्ड में कार्य करेगी। एक लैपटॉप की कीमत 60 हजार के करीब होगी। साथ ही एंड्रॉयड मोबाइल फोन की कीमत 20 हजार रुपए होगी। एंड्रायड फोन को अनुसंधानकर्ता अपने साथ घटना स्थल पर भी ले जाएंगे। लैपटॉप में सभी अनुसंधानकर्ताओं को ई-साक्ष्य ऐप अपलोड करना होगा। जिले में 24 थाना है। सभी थानों को डिजिटल बनाये जाने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक 20 थानों में कंप्यूटर लगाया जा चुका है। जिसमे किशनगंज सदर थाना, ठाकुरंगज थाना, बहादुरगंज थाना,कोचाधामन थाना,साइबर थाना, महिला थाना, पोठिया थाना, दिघलबैंक थाना,गलगलिया, टेढ़ागाछ, कुर्लीकोट, फतेहपुर, कोढ़ोबारी थानों में कम्प्यूटर लगाए जा चुके हैं। ई-साक्ष्य ऐप में अपलोड होगा डाटा अब अनुसंधानकर्ता घटना स्थल पर मोबाइल से वीडियोग्राफी भी करेंगे। साथ ही अन्य साक्ष्य भी इकट्ठा करेंगे। ई-साक्ष्य एप भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की ओर से विकसित किया गया है। यह आपराधिक घटनाओं के बाद डिजिटल तरीके से साक्ष्य को रिकार्ड कर संरक्षित की सुविधा देगा। इसका उद्देश्य दोषियों को साक्ष्य के आधार पर सजा दिलाना है। किशनगंज एसपी सागर कुमार ने कहा कि किशनगंज पुलिस को और भी सशक्त बनाया जा रहा है। आधुनिक पुलिसिंग के तहत किशनगंज पुलिस को सामान्य पुलिसिंग के साथ साथ डिजिटल बनाने का भी प्रयास किया जा रहा जा है। नई व्यवस्था के तहत अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप व मोबाइल फोन उपलब्ध करवाया गया है। लैपटॉप में ई - साक्ष्य एप इंस्टॉल किया जाएगा। इसका उद्देश्य आधुनिक न्याय प्रणाली के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा दोषियों को सजा दिलाना है। इसकी मदद से पुलिसिंग और भी बेहतर होगा और लोगों को त्वरित गति से न्याय मिल सकेगा।
पूर्व से है 24 घंटे में ऑनलाइन एफआईआर अपलोड की व्यवस्था
सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत किसी भी थाना में एफआईआर होने के बाद एफआईआर की प्रति संबंधित कंप्यूटर में अपलोड हो जाती है। इसमें 24 घंटे में एफआईआर अपलोड किए जाने की व्यवस्था की जाती है। 24 घंटे में ऑनलाइन एफआईआर देखा जा सकता है।
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