मनुष्य को भुगतना पड़ता है कर्मों का फल
जैन आचार्य मुनि आनंद कुमार राजस्थान से आसाम तक की पैदल यात्रा पर हैं। बिशनपुर में प्रवचन के दौरान, उन्होंने सद्कर्म और संयम का महत्व बताया। मुनि ने अनुयायियों से जैन धर्म के सिद्धांतों को अपने जीवन...
बिशनपुर। जैन आचार्य आचार्य श्री महाश्रमण के शिष्य जैन आचार्य मुनि आनंद कुमार राजस्थान से आसाम तक की पैदल यात्रा पर निकले हुए हैं। इसी क्रम में जैन मुनि कोचाधामन प्रखंड के बिशनपुर बाजार के कमल कुमार भंसारी के आवास पर प्रवास में रुके हुए हैं । जहां जैन मुनि के द्वारा प्रतिदिन विभिन्न कार्यक्रमों व प्रवचन के द्वारा जैन अनुयायियों को जैन धर्म के संदेश व जैन धर्म के सिद्धांतों से अवगत कराया जा रहा है। गुरुवार की शाम बिशनपुर में प्रवचन के दौरान जैन मुनि आनंद कुमार ने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन मे सद्कर्म करने चाहिए, क्योंकि मनुष्यों को अपने कर्मो का फल अपने जीवन काल मे ही भुगतान पड़ता है।मनुष्य को जीवन मे सदमार्ग पर चलना चाहिए। मनुष्य का जीवन संयममय होना चाहिए, मनुष्य को अपने आवेश, गुस्सा व वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए, मनुष्य को ऐसा कार्य नहीं करने चाहिए। जिससे किसी को कोई तकलीफ ना हो। उन्होंने जैन अनुयायियों से जैन धर्म के सिद्धांतो को अपने जीवन मे उतारने की अपील की।मौके पर जैन समुदाय समपत मल जैन, अशोक जैन, कमल भंसाली, चंद्र कुमार जैन, चुन्नी लाल जैन, रमेश मित्तल,राजेश जैन, पंकज जैन,भरत जैन, जीतू जैन, सुनील जैन व बड़ी संख्या में जैन महिला मंडल की सदस्या व स्थानीय लोग उपस्थित थे
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