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आंगनबाड़ी केंद्रों में ऑनलाइन होगा काम, आएगी पारदर्शिता

किशनगंज में आईसीडीएस द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाने की प्रक्रिया चल रही है। पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन के माध्यम से सेविकाएं बच्चों की उपस्थिति, भोजन और स्वास्थ्य की जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर रही...

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजSat, 16 Nov 2024 11:50 PM
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किशनगंज, एक प्रतिनिधि। आईसीडीएस द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को विभाग लगातार हाईटेक कर योजना में पारदर्शिता लाने में जुटी हुई है, जहां पूर्व में आंगनबाड़ी संचालन से संबंधित सभी गतिविधि एवं सभी योजनाओं को सेविका द्वारा पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में ऑनलाइन एंट्री दर्ज किया जा रहा है,अब पोषक क्षेत्र के पारिवारिक सर्वे पंजी को पोषण ट्रैकर में ऑनलाइन दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अब आंगनबाड़ी केंद्र पूर्ण रूप से पेन पेपर लेस होने जा रहा है। इससे आंगनबाड़ी द्वारा संचालित योजनाओं में और प्रदर्शित आएगी। लाभुक को योजना की जानकारी एवं समय पर लाभ का मोबाइल पर मैसेज से जानकारी मिलेगी। आइसीडीएस डीपीओ जीनत यास्मीन ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के दैनदिनी गतिविधियों आंगनबाड़ी सेविका द्वारा पोषण ट्रैकर के ससमय ऑनलाइन एंट्री कर रही है जिसमे बच्चों की उपस्थिति मॉर्निंग स्नेक, गर्म पका भोजन एवं केंद्र के बच्चों के साथ सेविका द्वारा फोटो कैप्चर कर पोषण ट्रैकर में अपलोड कर रही है तथा पोषण दिवस में अन्नप्राशन, गोद भराई एवं टीकाकरण की गतिविधियों पोषण ट्रैकर में अपलोड कर रही है। आइसीडीएस डीपीओ जीनत यास्मीन ने कहा विभाग के स्तर से आंगनबाड़ी केद्रों से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार व इसके अनुश्रवण की प्रक्रिया आसान बनाई गई है। इसको लेकर केंद्रों की सतत निगरानी व अनुश्रवण के लिये पोषण ट्रैकर ऐप का उपयोग किया जा रहा है। पोषण ट्रैकर एप के सफल क्रियान्वयन को लेकर समय समय पर प्रखंड व सेक्टर स्तर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा विभागीय निर्देश के आलोक में लाभार्थियों को योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ पहुंचाने में के लिए पोषण ट्रैकर मोबाइल एप के माध्यम से सभी कार्य समय पर संपन्न कराया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में और पारदर्शिता लाने के लिए मेन्यू के अनुसार पोषाहार वितरण के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता तथा बच्चों की उपस्थिति की सीधी पड़ताल के लिए जहां आंगनबाड़ी सेविका द्वारा सभी गतिविधियों पोषण ट्रैकर में अपलोड किया जा रहा है वहीं महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा आंगन एप द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण एवं अनुश्रवण किया जा रहा है।जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग किया जा रहा है।

पोषाहार के साथ सेहत की भी होती है निगरानी

आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाने के पीछे विभाग का मकसद है कि बच्चों को बेहतर भविष्य मिले और माता-पिता को बच्चों की सेहत और शिक्षा को लेकर चिंता नहीं हो। गर्भवती महिलाएं, छह माह से उपर के बच्चों, तीन से छह आयु वर्ष के बच्चों के लिए संचालित पोषण कार्यक्रम के तहत अलग-अलग निबंधित लाभार्थियों के अलावा बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए प्रत्येक माह वजन एवं लंबाई भी पोषण ट्रैकर में अपलोड किया जा रहा है।

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