Hindi NewsBihar NewsKhagaria NewsThreat to Bharatkhand Halt Existence Urgent Need for Restoration Says Khagaria

भारतखंड हॉल्ट क़े अस्तित्व पर खतरा, उद्धारक की है दरकार

बोले खगड़िया :भारतखंड हॉल्ट क़े अस्तित्व पर खतरा, उद्धारक की है दरकारभारतखंड हॉल्ट क़े अस्तित्व पर खतरा, उद्धारक की है दरकार

Newswrap हिन्दुस्तान, खगडि़याSat, 18 Jan 2025 03:16 AM
share Share
Follow Us on

भारतखंड हॉल्ट क़े अस्तित्व पर खतरा, उद्धारक की है दरकार बोले खगड़िया :

भारतखंड हॉल्ट क़े अस्तित्व पर खतरा, उद्धारक की है दरकार

वर्ष 1999 में तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान क़े कार्यकाल में हुई थी हॉल्ट की स्थापना

अंग्रेज क़े समय भी भारतखंड हॉल्ट का हुआ था संचालन

आज इस हॉल्ट पर रोशनी, सड़क, शौचालय जैसी मुलभुत सुविधाओं का है अभाव

परबत्ता, एक प्रतिनिधि

परबत्ता प्रखंड को रेल मार्ग से जोड़ने वाली भरतखंड हॉल्ट बदहाल होकर उद्धारक़ की बाट जोह रहा है। विभाग के अधिकारी हॉल्ट की सुदृढ़ीकरण की ओर तनिक भी ध्यान नही दे रहे हैं। आज भरतखंड हॉल्ट का अस्तित्व खतरे में है। इस हॉल्ट पर सड़क, बिजली, शेड, पेयजल, शौचालय आदि समुचित संसाधन का घोर अभाव है। हॉल्ट को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना रेल विभाग के लिए प्रश्नचिन्ह बना हुआ है। पसराहा - नारायणपुर स्टेशन के बीच स्थित भरतखंड हॉल्ट स्थापना के कई दशक बाद भी सुविधाओं का घोर अभाव झेल रहा है। अभी तक किसी ने इस हॉल्ट की सुध लेना उचित नहीं समझ रहे हैं। वही दूसरी ओर हॉल्ट का पहुंच पथ अस्तित्व खोने के कगार पर है। स्थिति यह है कि बारिश के मौसम में हॉल्ट तक पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। स्थानीय यात्रियों की माने तो इस हॉल्ट पर बिजली, शौचालय, पेयजल, यात्री शेड व साफ सफाई आदि समुचित व्यवस्था नही है।हॉल्ट क़े ईद गिर्द झार झंगर व साफ सफाई क़े अभाव क़े कारण दिन में भी लोगो को दहशत महसूस होता है। विभाग की उदासीनता के कारण हॉल्ट की ओर किसी की नजर नहीं है। अभावों के बीच यात्री इस हॉल्ट पर जाना-आना भी खुद के लिए असुरक्षित मह्सूस करते है। जानकारी के अनुसार पूर्व रेलमंत्री रामविलास पासवान के कार्यकाल में इस हॉल्ट की स्थापना हुई थी। जिसका विधिवत् उद्घाटन तत्कालीन बिहपुर विधानसभा के विधायक ब्रह्मदेव मंडल, एवं डीआरएम यू एन मांझी के द्वारा 15 जनवरी 1999 को किया गया था। विडंबना कहा जाय कि आज यह हॉल्ट जनप्रतिनिधियों की उदासीनता एवं विभाग के अधिकारी की उपेक्षा के कारण सुविधा विहीन हो गई है। हॉल्ट तक जाने के लिए राष्ट्रीय उच्च पथ 31 और भरतखंड के 14 नंबर सड़क से समुचित पहुंच पथ का अभाव है। हॉल्ट की स्थापना होते ही विभाग को अच्छी खासा राजस्व की प्राप्ति हुआ करता था, लेकिन सुविधा नहीं रहने के कारण लोग दूसरे स्टेशन नारायणपुर व पसराहा पहुंचकर सफर करने को विवश हैं।

रेल मार्ग से दर्जनों गांव को जोड़ता है भरतखंड हॉलट :

भरतखंड हॉल्ट रेल लाइन सें गोगरी व परबत्ता प्रखंड के दर्जनों गांवों को जोड़ते हैं। अगर गौर किया जाय तो गोगरी प्रखंड के सर्किल नंबर एक स्थित पैंकात, देवठा, बरमसिया, खरोआ, परबत्ता प्रखंड के खजरैठा,भरतखंड, पुनौर, कैरिया, तेलियाबथान, थेभाय, मथुरापुर, यदुवंशनगर भरतखंड, कोलवारा आदि गांवों के लोग जुड़े हुए हैं। बावजूद यहां यात्री के लिए सुविधाओं का नहीं होना लोगों को काफी खल रही है।

बोले हॉल्ट संवेदक :--

भरतखंड हॅाल्ट का संवेदक हिमांशु कुमार जो टिकट काटने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि इस हॅाल्ट पर तीन अप एवं तीन डाउन सवारी गाड़ी का ठहराव हैं। जबकि प्रतिदिन राजस्व पांच से हजार के बीच में होती हैं। पहले अधिक होती थी लेकिन अब धीरे धीरे कम हो रहा है। बिहपुर रेलवे स्टेशन से नकद राशि देकर टिकट खरीद कर भरतखंड हॅाल्ट में बेचता हूं। यात्री को टिकट लेने के लिए विनती भी करना पड़ता है। क्योंकि टिकट बिक्री पर ही मुझे कमीशन प्राप्त होता है। टिकट घर में बिजली की समुचित व्यवस्था है,लेकिन अन्य सुविधाओं का घोर अभाव है। भरतखंड हॅाल्ट के लिए पहुँच पथ भी इस कदर जर्जर हो चुका है कि पैदल चलना भी मुश्किल बना हुआ है।

कच्ची है प्लेटफार्म रास्ता भी दुर्गम : भरतखंड हॉट का प्लेटफार्म आज भी कच्ची हैं। प्लेटफार्म पर पहुंचने के लिए जो रास्ता है वह जंगल में तब्दील हो चुका है। यात्री रेल पटरी पर चलकर प्लेटफार्म तक पहुंचते हैं। इस विरान हॉल्ट पर यात्रियों कि सुरक्षा भगवान भरोसे है। रोशनी की समुचित व्यवस्था नहीं है। भरतखंड -जमालपुर 14 नंबर मुख्य सड़क से भरतखंड हॉल्ट की दुरी कम से कम 5 किलोमीटर की है। जहां कुछ जगहों पर सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है।

भारतीय स्टेशन से तब्दील हुआ भरतखंड हॉल्ट :

ग्रामीणों की माने तो जिस जगह पर भरतखंड हॉल्ट है उसी के पास अंग्रेज के समय मे भारतीय स्टेशन स्टेशन हुआ करता था, लेकिन संसाधन के अभाव में धीरे-धीरे बंद हो गया क वर्ष 1999 में भारतीय स्टेशन का परिवर्तन होकर भरतखंड हॉल्ट की स्थापना की गई। पूर्व के स्टेशन का अवशेष अभी भी स्थल पर मौजूद हैं।

बोले लोग :---

1. भारतखंड हॉल्ट कि सुदृढ़ीकरण सें परबत्ता सहित गोगरी प्रखंड क़े सर्किल नम्बर एक रेल लाइन सें जुड़कर रेल यातायात का समुचित लाभ लेगे क

कैलाश पासवान, सामाजिक कार्यकर्ता।

2. हॉल्ट कि समुचित व्यवस्था सें सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इस ओर पहल करनी चाहिए।

मो. मकसूद आलम, ग्रामीण।

3. भारतखंड व गोछरी हॉल्ट दोनों की स्थापना एक साथ हुई थी, लेकिन भारतखंड आज उपेक्षा का शिकार हो गया है।

योगेश कुमार, युवा।

4 इस हॉल्ट क़े सुदृढ़ीकरण सें परबत्ता व गोगरी प्रखंड क़े सर्किल नंबर एक समुचित विकास होगा।

राजीव कुमार, युवा।

5 इस हॉल्ट को व्यवस्थित करने क़े लिए कई बार विभाग क़े अधिकारी का ध्यान दिलाया गया,लेकिन अभी तक कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

रिंकू यादव, समाजसेवी।

भ्

6 हॉल्ट पर यात्रियों को आने जाने क़े लिए पक्की सड़क तक नहीं है। जंगल झाड़ होकर किसी तरह लोग आया जाया करते हैं।

हिमांशु कुमार, संवेदक, भारतखंड हॉल्ट।

फोटो : 18

कैप्शन: परबत्ता प्रखंड क़े सुविधाविहीन भारतखंड हॉल्ट।

महेशखूंट रेलवे स्टेशन में नहीं है वेटिंग रूम की सुविधा

इंटरसिटी, हाटे बाजारे, महानंदा एक्सप्रेस सहित क़ई ट्रेनों का होता है ठहराव

शौचालय में अक्सर लटका रहता है ताला

यात्रियों को झेलनी पड़ती है परेशानी

महेशखूंट। एक प्रतिनिधि

महेशखूंट रेलवे स्टेशन मे वेटिंग रूम नही रहने से रेल यात्रियों कड़ाके की ठंड में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर खुले आसमान के नीचे यात्रियों कड़ाके की ठंड मे ट्रेन आने का इतजार करने को विवश है।शुक्रवार को इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों प्लेटफार्म पर ठंड में ठीठुर रहे थे। यात्री दिवाकर प्रसाद, रामप्रवेश सिंह, साधना देवी, सियाराम यादव आदि ने बताया महेशखूंट रेलवे स्टेशन में यात्रियों के लिए वेटिंग रूम नहीं रहने से यात्री प्लेटफार्म पर खुले आसमान के नीचे ट्रेन आने का इंतजार रहे हैं। खुले में सर्द हवा आने के कारण ठंड लगती है। बताया कि रात में इस स्टेशन से महानंद, कैपिटल एक्सप्रेस आदि ट्रेन पकड़ने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है। वेटिंग हाल नहीं रहने के कारण लोग ठंड से ठिठुरने के लिए मजबूर हैं। रात में दूर दराज के लोग साधनों की कमी को देखते हुए पहले ही रेलवे स्टेशन पहुंच जाते हैं।ठंड से ठिठुरते लोग ट्रेन का इंतजार करते हैं। इधर स्टेशन अधीक्षक प्रेम कुमार रविदास ने बताया कि हेशखूंट रेलवे स्टेशन के विकास के लिए अमृत भारत योजना के तहत 5.98 करोड़ रूपये की स्वीकृति की गई है। इस योजना के तहत महेशखूंट में उच्चस्तरीय प्लेटफार्म की लंबाई आमतौर पर 600 मीटर की होगी। स्टेशन पर फ्री वाइ र्फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए फाइबर फाइव नेटवर्क के टावर लगाए जाएंगे। यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय,प्लेटफार्म, विश्राम कक्ष, कार्यालय में अधिक आरामदायक और टिकाऊ फर्नीचर होगी। चरणबद्ध तरीके से मनमोहक डिजाइन का फर्नीचर आदि होगा। रेलवे स्टेशन को उच्च क्षमता वाली सुविधाओं से लैस किया जाएगा। बताया गया कि कि महिलाओं और दिव्यांगों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सभी श्रेणी के स्टेशन पर महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए पर्याप्त संख्या में शौचालय बनाए जाएंगे। रेलवे स्टेशन तक जान आने के लिए सड़कों को चौड़ा करके अवांछित संरचनाओं को हटाकर उचित रूप से डिजाइन किए गए पैदल मार्ग, सुनियोजित पार्किंग क्षेत्र व बेहतर प्रकाश की व्यवस्था होगी।

फोटो: 30

कैप्शन: जिले का महेश्खूंट रेलवे स्टेशन।

बोले खगड़िया: अभियान :

गौछारी रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेन का नहीं होता है ठहराव, परेशानी

वर्ष 2000 में रेलवे स्टेशन की हुई थी स्थापना

मांगो को लेकर दो वर्ष पहले लोग कर चुके हैं अनशन

मुजफ्फरपुर के स्टेशन डायरेक्टर के आश्वासन के बाद भी कार्रवाई नहीं

24 वर्षों बाद भी गौछारी में एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं

महेशखूंट। एक प्रतिनिधि

बरौनी-कटिहार रेलखंड के गौछारी रेलवे स्टेशन पर 24 साल बाद भी एक भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं होने से लोगों में आक्रोश है।गौछारी मुखिया शंभु चौरसिया ने बताया कि गौछारी में एक्सप्रेस ट्रेन की ठहराव को लेकर अनशनकारियों अनशन पर बैठे थे। उसके बाद अनशनकारियों को रेल अधिकारियों मनोज कुमार स्टेशन डायरेक्टर मुजफ्फरपुर व एसीएम मृत्युंजय कुमार ने गौछारी मे पटना कटिहार इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन की ठहराव का आश्वासन देने के बाद जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया था, लेकिन आश्वासन के छह साल बाद भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं हुआ। जिसके कारण लोगों में आक्रोश है।

वर्ष 2000 में बना था गौछारी हॉल्ट: गौछारी के समाजवादी दिवांगत नेता विशेश्वर प्रसाद की पहल पर तात्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान ने गौछारी को हाल्ट का दर्जा दिया था। बताया जाता है कि विशेश्वर प्रसाद ने नेतृत्व में दीपनारायण चौरसिया, महेन्द्र चौरसिया, परमानंद चौरसिया, विनय कुमार वरूण, अनिल शर्मा, भगवान सिंह, मुखिया शंभू चौरसिया, प्रमोद कुमार पंकज सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने गौछारी को रेलवे स्टेशन बनाने के लिए श्रमदान व रूपये चंदाकर रेलवे ट्रैक पर मिट्टी भरायी थी। हॉल्ट का दर्जा मिलने के बाद गौछारी के एक-एक ग्रामीण टिकट लेकर यात्रा करने लगे। अच्छा राजस्व मिलने के बाद जल्द ही गौछारी को स्टेशन का दर्जा मिल गया।

20 हजार लोगों को होगा फायदा: गौछारी रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेन की ठहराव होने सैकड़ों मजदूरों, छात्रों व ग्रामीणों को फायदा होगा। बताया गया कि गौछारी पंचायत के करीब बीस हजार आबादी है।यहां से सैकडों मजदूरों मजदूरी करने पंजाब, हरियाणा, अमृतसर, दिल्ली टाटानगर आदि जगहों जाते है। गौछारी में एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव नहीं होने से 25 किलोमीटर दूर एक्प्रेस ट्रेन से यात्रा करने जाते थे।लेकिन अब गौछारी में एक्प्रेस ट्रेन का ठहराव होने से यात्रा करने में सहूलियत होगी। इधर क्षेत्रीय सांसद राजेश वर्मा ने बताया गौछारी में एक्प्रेस ट्रेन की ठहराव के लिए प्रयास किया जाएगा।

फोटो: 29

कैप्शन: जिले का गौछारी रेलवे स्टेशन।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें