Hindi NewsBihar NewsKhagaria NewsMilk producing farmers are suffering

दूध उत्पादक किसान हैं बेहाल

जिले में छह के अलावा सातवीं नदी दूध की बहती हैं। यह थोड़ा सा चौंकाने वाला है, लेकिन इसमें सच्चाई है। छह अलग-अलग नदियां और और सातवीं नदियां दूध की कही जाती...

Newswrap हिन्दुस्तान, खगडि़याMon, 25 May 2020 12:26 AM
share Share
Follow Us on
दूध उत्पादक किसान हैं बेहाल

जिले में छह के अलावा सातवीं नदी दूध की बहती हैं। यह थोड़ा सा चौंकाने वाला है, लेकिन इसमें सच्चाई है। छह अलग-अलग नदियां और और सातवीं नदियां दूध की कही जाती हैं।

जिले में दूध उत्पादन बिहार में अहम स्थान रखता है। यहां चार लाख लीटर से अधिक दूधों का उत्पादन होता है। हालांकि इसमें से लगभग ढाई लाख लीटर दूध तो दुग्ध उत्पादक पशुपालकों से सुधा, गंगा डेयरी के विभिन्न कलेक्शन सेन्टर के माध्यम से ले लिया जाता है। लेकिन अभी भी लॉकडाउन में लगभग एक से दो लाख लीटर दूध की बिक्री करना पशुपालकों के लिए मुश्किल बन रही है। ऐसे में इस दूध को औने-पौने कीमत पर बेची जा रही है। हालांकि सुधा डेयरी द्वारा गाय के दूध मार्च माह से अधिकतम 20 प्रतिशत अधिक ही ली जा रही है। सुधा डेयरी क ा लॉकडाउन अवधि के दौरान स्पष्ट निर्देश है कि अगर निर्धारित मात्रा से अधिक दूध की आपूर्ति की गई तो पांच रुपए प्रति लीटर की दर से कटौती की जाएगी। अलग बात है कि भैंस के दूध के कलेक्शन लेने में किसी भी प्रकार की मनाही नहीं की जा रही है।

पेड़ा व मिठाई की दुकानें हैं बंद: पशुपालक बताते हैं कि करुआमोड़ में बनने वाले पेड़ा के दौरान काफी मात्रा में दूध की खपत होती थी। इसके साथ ही दूध की खपत मिठाई की दुकान में भी होती है। ऐसे में मिठाई की दुकान भी बंद रहने के कारण पशुपालकों की दूध की खपत कम हो रही है। इधर कई पश्ुापालकों ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर ही औने-पौने कीमत पर अपने दूध की बिक्री करते हैं। इसके कारण पशुपालकों की परेशानी बढ़ हुई हैं। बताया जाता है कि जिले में गाय और भैंस की संख्या लगभग छह लाख हैं। इसमें से दुधारू गाय और भैंसों की संख्या लगभग ढाई लाख बताई जा रही है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें