जिले में कोसी, बागमती और बूढ़ी गंडक नदी उफान पर
जिले में कोसी, बागमती व बूढ़ी गंडक नदी ने फिर से उफान पर है। इन नदियों के जलस्तर में लगातार इजाफा होने के बाद दियारा इलाके में फिर से बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई हंै। जिस कारण क्षेत्र के लोगों की...
जिले में कोसी, बागमती व बूढ़ी गंडक नदी ने फिर से उफान पर है। इन नदियों के जलस्तर में लगातार इजाफा होने के बाद दियारा इलाके में फिर से बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई हंै। जिस कारण क्षेत्र के लोगों की खासे परेशानी बढ़ गई हंै। उल्लेखनीय है कि कोसी, बागमती व बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से ऊ पर बह रही हैं। हालांकि अभी जिले में खतरे की कोई बात अधिकारियों द्वारा नहीं कही जा रही है। विभाग का दावा है कि जिला अंतर्गत सभी तटबंध व बांध पूरी तरह से सुरक्षित है। बताया जाता है कि पिछले 24 घंटे में कोसी नदी में 12 सेंटीमीटर का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी ओर कोसी नदी के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर का इजाफा बताया गया है। जानकारी के मुताबिक बागमती नदी गुरुवार की सुबह छह बजे संतोष स्लुईस गेट के समीप समुद्र तल से 38़ 27 मीटर ऊं चाई पर बह रही थी। वहीं कोसी नदी बलतारा के समीप समुद्र तल से 35़ 75 मीटर ऊंचाई पर दर्ज की गई है। बता दें कि कोसी नदी खतरे के निशान से एक मीटर 90 सेंटीमीटर ऊं चाई पर बह रही है। जबकि बागमती नदी खतरे के निशान से 38़ 27 मीटर ऊंचाई पर बह रही है। वहीं बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से 17 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज की गई है। हालांकि गंगा नदी अभी खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। जिससे थोड़ी राहत की बात कही जा रही है।
चौथम में दर्जनों घरों में घुसा बाढ़ का पानी: कोसी व बागमती नदी के जलस्तर में वृद्घि होने के बाद एक बार फिर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। गुरुवार को चौथम प्रखंड के सहोरबा, न्यू टोला बंगलिया, बंगलिया आदि कई गांवों में दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। जिस कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है।बाढ़ का पानी दियारा इलाके के दो दर्जन गांवों को टापू में तब्दील कर दिया है। कई लोगों के घरों में बाढ़ का पानी भले नहीं प्रवेश किया हो, लेकिन घर तक पानी पहुंच चुका है। हाल यह है कि दियारा क्षेत्र में नदी और घर आंगन का फर्क मिट चुका है। घर से निकलने के साथ ही लोगों को नावों की सवारी करनी पड़ रही है। हालांकि अंचल द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दो दर्जन सरकारी नाव दी गई है।
सरसवा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि घनश्याम यादव ने बताया कि सहोरबा गांव में कटिंग के पास भी सरकारी नाव दी गई है। हालांकि उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक पॉलिथिन सीट आदि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। इधर सीओ दया शंकर तिवारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाके में जरूरत के हिसाब से दो दर्जन सरकारी स्तर से नाव मुहैया करायी गई है।
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