जिले में डीएपी का है कम स्टॉक, यूरिया है पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
खगड़िया जिले में रबी की बुआई शुरू हो गई है, जिससे यूरिया और डीएपी खादों की मांग बढ़ रही है। कृषि विभाग ने 16,500 एमटी डीएपी और 56,000 एमटी यूरिया की आवश्यकता की जानकारी दी है। वर्तमान में डीएपी का...
खगड़िया, नगर संवाददाता। जिले में रबी की बुआई अब धीरे-धीरे शुरू हो गई है। ऐसे में यूरिया, डीएपी समेत अन्य खादों की डिमांड बाजार में दिन व दिन बढ़ती जा रही है। हालांकि वर्त्तमान में विभागीय अधिकारियों पर्याप्त खाद उपलब्ध होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि जिले में डीएपी का स्टॉक थोड़ा कम है, लेकिन इसके विकल्प के तौर पर पर्याप्त मात्रा में एनपीके व एसएपी उपलब्ध है। कृषि विभाग के एक्सपर्टों की मानें तो बताते हैं कि डीएपी के विकल्प के तौर पर एसएसपी व एनपीके का भी उपयोग कर सकते हैं। यह भी डीएपी के बेहतर विकल्प है। यह फसल के लिए भी फायदेमंद साबित होता है सिर्फ किसानों को जागरूक होकर अपने खेती के पैटर्न को बदलना होगा। रबी मौसम में 16 हजार पांच सौ एमटी डीएपी की होगी जरूरत: विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में रबी मौसम में 16 हजार पांच सौ एमटी डीएपी की जरूरत है। इसमें अक्टूबर माह से मार्च माह तक अनुमानित जरूरत को आंका गया है। वहीं सिर्फ नवंबर माह में 5610 एमटी डीएपी की जरूरत है। जबकि वर्त्तमान में 2206 एमटी डीएपी का स्टॉक जिले के वेयर हाउस, थोक एवं खुदरा कारोबारी के पास फिलहाल है।
16 हजार एमटी यूरिया का है स्टॉक: जानकारी के अनुसार जिले में 16 हजार 308 एमटी यूरिया का स्टॉक है। इसमें से वेयर हाउस में 901 एमटी का स्टॉक है। वहीं 3165 एमटी थोक विक्रेताओं के पास है। जबकि जिले के विभिन्न गांवों व बाजारों में रिटेलरों के पास भी वर्त्तमान में 9937 एमटी यूरिया उपलब्ध है। वहीं कंपनी व थोक विक्रेताओं के पास ट्रांजिंट में 23 सौ एमटी का स्टॉक है। हालांकि जिले में रबी मौसम में 56 हजार एमटी यूरिया की जरूरत होगी। इसमें से नवंबर माह में 13 हजार 853 एमटी यूरिया की आवश्यकता आंकी गई है।
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