सदर अस्पताल में नहीं है अल्ट्रासाउंड व ईसीजी की व्यवस्था
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खगड़िया । नगर संवाददाता स्वास्थ्य विभाग द्वारा नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा देने का दावा किया जा रहा है लेकिन सदर अस्पताल में अभी भी मरीजों को अल्ट्रासाउंड व ईसीजी कराने के लिए निजी संस्थान जाना पड़ रहा है। ऐसे में खासकर गरीब मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की वैक्लपिक व्यवस्था है जो सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए ही लागू है। सामान्य मरीजों को इस अल्ट्रासाउंड से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में निजी संस्थानों में सात सौ से आठ सौ रूपए प्रति अल्ट्रासाउंड मरीजों को खर्च करना पड़ता है। इसके बाद मिले रिपोर्ट के आधार पर सदर अस्पताल के डॉक्टर द्वारा इलाज किया जाता है। इससे मरीजों को दोहरी परेशानी होती है।पहला परेशानी को अल्ट्रासाउंड कराने में मोटी रकम खर्च करना पड़ता है। दूसरी समस्या यह है कि सदर अस्पताल से दूर मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए जाने में समय व्यतीत होता है। इस परिस्थिति में या तो ओपीडी का समय खत्म हो जाता है या फिर जिस डॉक्टर से मरीज इलाज कराते हैं उसके ड्यूटी का समय खत्म हो जाने के कारण दूसरे ऑन ड्यूटी डॉक्टर भी पूर्व के ही डॉक्टर से पूरा इलाज कराने की सलाह देते हैं। इसके कारण दूसरे दिन मरीजों को अपना इलाज कराने के लिए आना पड़ता है। वहीं कई बार तो सुदूर गांवों के मरीज बिचौलिया के झांसे में भी आ जाते हैं। ऐसे में उसे शुल्क कुछ ज्यादा ही देना पड़ता है। बताया जा रहा है कि सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड करने के लिए वर्त्तमान में मात्र दो डॉक्टर ही प्रशिक्षित हैं। ऐसे में अगर उन दोनों डॉक्टर की ड्यूटी नहीं हो तो महिलाओं को दोबारा आना पड़ता है।
इसीजी का है मशीन लेकिन टेक्निशियन का है आभाव : सदर अस्प्ताल में इसीजी का मशीन तो उपलब्ध है लेकिन मरीजों का ईसीजी नहीं होता है। सदर अस्पताल प्रशासन की मानें तो बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग को दो स्वास्थ्य कर्मी क ो प्रशिक्षण देने के लिए नामित किया गया है लेकिन जब तक वे लोग प्रशिक्षण लेकर नहीं आ जाते हैं तबतक सदर अस्पताल में ईसीजी शोभा की वस्तु बनी हुई है। सदर अस्पताल सुत्र बताते हैं कि लगभग चार वर्ष पहले तक यहां पर ईसीजी मरीज का किया जाता था लेकिन उस समय जो डॉक्टर ईसीजी करते थे। उन्होंने सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा देना बंद कर दिया है। इसके कारण लगभग चार वर्षों से ईसीजी की मशीन सिर्फ दिखावा की वस्तु बनी हुई है। अब मरीजों को इंतजार है कि कब तक सदर अस्पताल में ईसीजी की सेवा शुरू हो पाती है।
इधर शनिवार को इलाज कराने पहुंचे कोठिया के अरविन्द यादव, गवास के रामजतन सिंह व मथार के सुरेश प्रसाद ने बताया कि वे लोग यह सोच कर आए थे कि सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज होगा। जब डॉक्टर को परेशानी बताया तो ईसीजी कराने की सलाह दी लेकिन यहां व्यवस्था नहीं है। अब दूसरे जगह से ईसीजी कराना होगा। जिसमें राशि खर्च होगी।
बोले अस्पताल प्रबंधक
सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। ईसीजी की मशीन है। टेक्निशियन के आभाव के कारण ईसीजी मरीजों का नहीं हो पा रहा है। ईसीजी कराने के लिए टेक्निशियन की कमी को पूरा करने के लिए विभाग से पत्राचार किया गया है।
प्रणव कुमार, अस्पताल प्रबंधक, सदर अस्पताल
फोटो:
कैप्सन: सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए कतार में खड़ी महिलाएं।
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अनुमंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड व ईसीजी की नहीं है सुविधा
गोगरी। एक संवाददाता
गोगरी स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड एवं ईसीजी की सुविधा उपलब्ध नहीं रहने से मरीजों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पर, विभागीय स्तर से अल्ट्रासाउंड एवं ईसीजी की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जिसके कारण मरीजों में आक्रोश पनप रहा है। इस कारण मरीजों को खुले बाजार में जाकर मोटी राशि का भुगातन कर अल्ट्रासाउंड एवं ईसीजी करवाना पड़ रहा है। इधर स्थानीय मरीजों ने मांग किया कि स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए पहल करने की जरूरत है। जिससे मरीजों को अपने समुचित इलाज कराने में किसी भी प्रकार की परेशानी सरकारी अस्पतालों में नहीं हो। लोगों ने कहा कि अनुमंडलीय अस्पताल का भवन भव्य बना हुआ है लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां काफी कमी है। इधर
अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्रप्रकाश ने बताया कि विभाग द्वारा अल्ट्रासाउंड व ईसीजी की व्यवस्था बहाल करने के बाद मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
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