ाांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि
ाांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलिाांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलिाांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि
खगड़िया। एक प्रतिनिधि गाधी जी के पुण्यतिथि के अवसर पर शहर के बापू नगर बलुआही स्थित गांधी पार्क में पार्क के अध्यक्ष महेश्वर प्रसाद सिंह, बापू मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक चन्द्रमणि मिश्रा, ऋतराज उर्फ शम्मी सिंह, मुरारी यादव ,आयुष सिंह आदि ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। पार्क के अध्यक्ष महेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि गांधी जी पुण्यतिथि को भारत में 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में भी जाना जाता है। इस अवसर को सर्वोदय दिवस के रूप में भी पहचाना जाता है। महात्मा गांधी, जिन्हें हम प्यार से बापू कहते हैं, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। महात्मा गांधी का संपूर्ण जीवन सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित था। उन्होंने बिना किसी हथियार के ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक अहिंसक आंदोलन खड़ा किया और भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका विश्वास था कि अहिंसा सबसे शक्तिशाली हथियार है और इससे दुनिया में किसी भी समस्या का समाधान संभव है। उनके विचार न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक हैं। गांधी जी कहते थे कि आप जो बदलाव दुनिया में देखना चाहते हैं, पहले खुद में लाएं अहिंसा सबसे बड़ी शक्ति है। यह किसी भी हथियार से अधिक प्रभावी है। कमजोर कभी क्षमा नहीं कर सकते, क्षमा करना बलवान की निशानी है.खुद को पाने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो देना। धैर्य और सत्य के साथ चलें, जीत आपकी ही होगी। व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित होता है। जैसा वह सोचता है, वैसा ही बन जाता है। शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती यह एक अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
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