बाढ़ सें ध्वस्त हुई सड़क की चार माह बाद भी शुरू नहीं हुई मरम्मत
1. बोले खगड़िया:बाढ़ सें ध्वस्त हुई सड़क की चार माह बाद भी शुरू नहीं हुई मरम्मतबाढ़ सें ध्वस्त हुई सड़क की चार माह बाद भी शुरू नहीं हुई मरम्मतबाढ़ सें ध्वस्
परबत्ता । एक प्रतिनिधि प्रखंड के कई पंचायतो में चार माह पहले आई गंगा की बाढ़ में ग्रामीण सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। बाढ़ की त्रासदी समाप्त होने क़े चार माह बाद भी ध्वस्त जर्जर सड़कों की मरम्मत शुरू नहीं हुई है। ग्रामीण सड़कों क़े ध्वस्त होने सें लोगो को यातायात में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन विभाग की अभी तक कुंभकरणी नींद नहीं खुल सकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत अगस्त माह में गंगा में आई बाढ़ के कारण जीएन बांध के अंदर बसे आधा दर्जन से अधिक गांवों में तबाही मच गई थी। बाढ़ के आते ही लोगों के बीच काफ़ी बेचैनी बढ़ गई थी। इधर गंगा के पानी की तेज धारा के कारण ग्रामीण सड़क जगह-जगह ध्वस्त होकर बर्बाद हो चुकी है। बाढ़ को गए तकरीबन चार माह होने के करीब है, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने ध्वस्त जर्जर सड़कों की सुध लेना मुनासिब नहीं समझा। अगर बाढ़ क्षेत्र के मुरादपुर गांव के ग्रामीण सुनील झा साजन झा आदि कि मानें तो नयागंव माधवपुर रिंग बांध से मुरादपुर गांव की ओर जाने वाली सड़क बाढ़ की चपेट में आने से खंडित हो गई है। सड़क की खस्ता हालत से उस गांव के वाहनों का आना-जाना दूसरे रास्ते से किया जा रहा है। वहां के लोगों की स्थिति यह है कि करीब एक किलोमीटर की दूरी तय कर जाने की विवशता है। प्रभावित गांवों क़ी अधिकांश सड़क़ें टूटकर बर्बाद हो चुकी है। सड़क की जर्जरता के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क
बाढ़ से प्रभावित गांव : गंगा में आई बाढ़ कि तबाही से प्रखंड के माधवपुर, मुरादपुर, विष्णुपुर, जागृति टोला, डुमरिया खुर्द, कज्जलवान, मुस्लिम टोला शर्मा टोला, लगार, सालारपुर, भरसो आदि शामिल हैं। यह समस्या बाढ़ क्षेत्र के सिर्फ एक गांव की नहीं है,बल्कि कमोवेश सलारपुर, जागृति टोला, लगार आदि सड़कों की जर्जर स्थिति बनी हुई है।
बोले अधिकारी :
बाढ़ सें ध्वस्त सड़कों की मरम्मत क़े लिए पहल की जा रही है। जल्द मरम्मत कार्य शुरू कराकर आवागमन कराया जाएगा।
मोना गुप्ता, सीओ, परबत्ता।
बोले लोग :
1 बाढ़ क्षेत्र के ध्वस्त सड़कों की मरम्मत के लिए कई बार अधिकारी का ध्यान दिलाया, लेकिन अभी तक कोई परिवर्तन नहीं हो सका है।
जयप्रकाश यादव, जिप सदस्य।
2. बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत के इंतजार में पुन: दूसरी बाढ़ पहुंच जाती है। सड़क की जल्द मरम्मत की दरकार है।
सुभाष यादव, अधिवक्ता।
3. बाढ़ से सड़क के क्षतिग्रस्त होने सें लोगो को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन विभाग की नींद अभी तक नहीं खुल सकी है।
सुनील झा, सामाजिक कार्यकर्ता।
4. बाढ़ के क्षेत्र में सड़क के घटिया निर्माण कारण प्रति वर्ष बर्बाद हो जाती है। गुणवत्तपूर्ण सड़क निर्माण पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
राजेश कुमार सिंह, युवा।
5. बाढ़ सें क्षतिग्रस्त सड़क सें यातायात करने के दौरान काफ़ी परेशानी होती है। किसानों को अनाज बिक्री में काफी परेशानी होती है।
ललन झा, सामाजिक कार्यकर्ता।
6. माधवपुर पंचायत में प्रति वर्ष बाढ़ का आना नियति बनी हुई है, लेकिन सरकार इस 10 हजार की आबादी की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
गोविंद झा, वयोवृद्ध नागरिक।
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कैप्शन: परबत्ता क़े मुरादपुर गांव में बाढ़ सें बदहाल सड़क।
2. बोले खगड़िया:
गोगरी: बाढ़ जाने के बाद भी कटघरा गांव को जोड़ने वाले पुल पर नहीं बनी काली सड़क
गोगरी प्रखंड अंतर्गत कठघरा गांव जाने वाली सड़क में एप्रोच विहीन पुल।
तत्काल पुलिया को पार करने के लिए मिट्टी भरने का किया गया है कार्य
20 हजार की आबादी का आवागमन का यह मुख्य है एप्रोच रोड
गोगरी, एक संवाददाता
गोगरी प्रखंड के इटहरी पंचायत में कटघरा गांव को जोड़ने वाले पुल में एप्रोच पथ नहीं है। गंगा व गंडक की बाढ़ की बाढ़ मे कटघरा सहित कई गांवों को जोड़ने वाली सड़कें गत अगस्त माह मेंध्वस्त हो गई थी। प्रखंड के इटहरी पंचायत में कटघरा गांव की ओर जाने के लिए रामपुर एवं भूरिया के पास बने पुल में एप्रोच पथ काली सड़के टूटकर ध्वस्त हो गई। जिससे आमलोगो को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क टूटने के बाद स्थानीय लोगो ने मिट्टी भरकर आवागमन का रास्ता बनाया है। कठघराके रहने वाले आवेश कुमार ने बताया कि भूरिया गांव के पास बने पुल सह काली सड़क टूटकर ध्वस्त हो जाने से आवागमन बाधित हो गई। तत्काल पुलिया को पार करने के लिए मिट्टी भराई की गई है। पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजीव प्रकाश उर्फ बबलू सिंह ने बताया कि मिट्टी भराई के बाद दो पहिया एवं चार पहिया वाहन का परिचालन किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि पुल से एप्रोच पथ से मुंगेर जिला के दो पंचायत हरिणमार एवं झौआ बहियार की लगभग 10 हजार की आबादी का आवागमन का यह मुख्य रास्ता है। वही गंगा की बाढ़ में भूरिया से कटघरा एवं आश्रम जाने वाली काली सड़क जर्जर हो गई है। सड़क में कई जगहों पर बड़े बड़े गढ्ढे बन गए है। जिससे आगमन में वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया अगर सड़क का मरम्मती एवं ऊची करण नही किया जाता है तो बारिश के समय स्थानीय लोगो को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बारिश का पानी सड़क के गड्ढे में जमा होने से स्थानीय लोगों को परेशानी होगी। इटहरी पंचायत का यह तीन गांव में 10 हजार की आबादी है। इसी सड़क मार्ग से झौआ बहियार एवं हरिणमार पंचायत के लोगो का आवागमन का सुलभ साधन है। प्रत्येक दिन दर्जनों ई-रिक्शा से लोगो का आवागमन होता रहता है।
बोले प्रखंड प्रमुख :
कटघरा जाने वाली पुल में एप्रोच पथ का कालीकरण नही किया गया है। मिट्टी भराई कर लोग आवागमन करते हैं। आरईओ विभाग के अधिकारी से मिलकर एप्रोच पथ की कालीकरण जलद करायी जाएगी।
अशोक पंत, प्रखंड प्रमुख, गोगरी।
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कैप्शन: गोगरी: कटघरा पुल पर नहीं है कालीकृत एप्रोच सड़क।
3. बोले खगड़िया:
गोग़री: सड़क अतिक्रमण से जमालपुर बाजार में जाम से हलकान हो रहे हैं लोग
बाजार को जाम से मुक्ति के लिए अधिकारी नहीं कर रहे सकारात्मक पहल
गोगरी, एक संवाददाता
गोगरी अनुमंडल का मुख्य बाजार जमालपुर एवं गोगरी बाजार की सड़क का अतिक्रमण के कारण बाजार में रोज जाम की स्थिति बनी रहती है। मुख्य बाजार से जाम की समस्या दूर करने के लिए प्रशासनिक स्तर से ठोस पहल नहीं की जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण बाजार जमालपुर में सब्जी की दुकान एवं ठेला में बिक्री करने वाला सामान मुख्य सड़क पर सजा देते है,जिससे जाम की समस्या बनी रहती है। लेकिन नगर प्रशासन जाम की समस्या दूर करने का कोई ठोस उपाय नही कर रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जमालपुर बाजार में खड़े ठेला वेंडरो एवं सब्जी दुकान से जाम की समस्या बनी रहती है। जिससे आम लोगो को आवाजाही करने में काफी परेशानी होती है। बीच सड़क पर ठेला लगाकर सब्जी एवं फल का दुकान सजाकर बेचने का कारोबार किया जा रहा है। कोई भी पब्लिक जब इसका विरोध करता है तो सब्जी एवं फल के फुटकर बिक्रेता उनके साथ मारपीट पर उतारू हो जाते है। हालांकि बाजार में अधिक जाम लगने पर गोगरी पुलिस पहुंचकर जाम हटाने की करवाई करती है लेकिन स्थाई रूप से सब्जी बाजार की अन्यत्र स्थान्तरण की करवाई सख्ती से नही किए जाने से फिर दूसरे दिन भी फुटकर विक्रेता सड़क पर दुकान सजा देते हैं। सड़क पर ठेला खड़ी रहने से बाजार में जाम की स्थिति बनी रहती है। जिससे लोगो को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुलिस को इसकी शिकायत मिलते ही जमालपुर बाजार पहुंचकर मुख्य सड़क के किनारे बेच रहे ठेला वेंडर को खदेड़कर लगातार हटाया जाता है। नगर प्रशासन इस जाम की समस्याओं को दूर करने में उदासीन बने हुए हैं।
बाजार में स्थायी पुलिस की नहंी है तैनाती: जमालपुर बाजार की सड़कें पर सब्जी दुकान, ठेला वेंडरों एवं फुटकर बिक्रेताओं के दुकान सजाने से जाम की समस्या उत्पन्न होती है। सड़क पर जाम लगने से दो पहिया वाहन वायपास होकर बाजार से निकलती है, लेकिन बाहर के राहगीरों को बइपास सड़क की जानकारी नही रहने से वाहन चालक को घंटों बाजार की जाम में फंसा रहना पड़ता है। बताया गया कि जब कोई वाहन मुख्य सड़क में प्रवेश कर जाता है तो उस वाहन को जाम से निकलने में घंटो का समय लग जाता है। इससे निजात के लिए स्थायी पुलिस बलों की तैनाती की मंाग जोर पकड़ रही है।
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कैप्शन: जमालपुर बाजार में लगा जाम से आवाजाही में लोग झेल रहे परेशानी।
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