होम क्वारंटाइन में मास्क का उपयोग नहीं करें
कोरोना पॉजिटिव मरीज को आसपास के लोग ज्यादा भयभीत एवं दिगभ्रमित कर देते हैं। जिसमें अपनी सूझबूझ ही काम आती है। हो सकता है कि कोई नुस्खा मुझ पर काम...
अलौली | एक प्रतिनिधि
कोरोना पॉजिटिव मरीज को आसपास के लोग ज्यादा भयभीत एवं दिगभ्रमित कर देते हैं। जिसमें अपनी सूझबूझ ही काम आती है। हो सकता है कि कोई नुस्खा मुझ पर काम नहीं करता या कोई दवा मेरे शरीर में काम नहीं करता होगा। वैसी दवा या नुस्खा को समझने की जरूरत है। यह बातें रामपुर अलौली गांव के मिथिलेश कुमार ने 14 दिन बाद कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर अपनी आपबीती सुनाते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब उसकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आयी तो उसने प्रयास किया कि कोई उन्हें बीमार नहीं समझे। आसपास के लोग किसी तरह जाना।
इसके बाद आशा कार्यकत्र्ता आसपास के दस घरों की स्कैनिंग करने पहुंच गई। सबों को जानकारी हो गई फिर सभी उससे दूर भागने लगे। वह भी घर में मास्क लगा कर बैठा रहता। इससे सांसें फूलने लगती। तब खेत, खलिहान व बहियार में ही ज्यादा समय घूमता रहा। अस्पताल से मिली दवा किट पास में ही रखता था। जब कहीं किसी के सामने रहता तो मासक लगाता वरना पॉके ट में ही रखता। सामाजिक दूरी बनाकर रखता। जिससे कि घर परिवार के लोग भी कोरोना से वंचित रहे। चार समय दूध हल्दी काढ़ा पीता रहा। खाना में कोई कमी नहीं होने दी।
सुबह व शाम घंटों व्यायाम करता रहा। पसीना निकलने से ऐसा लगता जैसे उन्हें कुछ हुआ ही नहीं है। अपना सुझाव देते हुए कहा कि समूह में मास्क का उपयोग करें। सोशल दूरी बनाये रखें। दिन चर्या का काम करते हुए पसीना निकलने वाले कार्य ज्यादा करें। दवा को सुरक्षा के लिए तैयार रखें। कोरोना जंग आप अवश्य जीत लेंगे। लोगों को लेनी चाहिए प्रेरणा : कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में भी स्वस्थ हो रहे हंै। ऐसे स्वस्थ होने वाले मरीजों से लोगों को प्रेरणा लेने की जरूरत है। कैसे विपरीत परिस्थिति में संघर्ष कर लोग किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
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