जिले में बीपीएससी से चयनित 18 शिक्षकाएं की गईं बर्खास्त
खगड़िया में 18 विद्यालय अध्यापिकाओं को बीपीएससी से चयनित होने के बावजूद शिक्षक पात्रता परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक न प्राप्त करने पर बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें से 17 शिक्षिकाएं उत्तरप्रदेश की हैं और...
खगड़िया। निज प्रतिनिधि जिले में बीपीएससी से चयनित 18 विद्यालय अध्यापिका सेवा से बर्खास्त की गई है। सभी वे शिक्षिकाएं हैं, जो शिक्षक पात्रता परीक्षा में वांछित यानि 60 प्रतिशत अंक प्राप्त नहीं कर रखी थी। जिस पर डीईओ अमरेन्द्र कुमार गोंड ने चिह्नित 18 विद्यालय के अध्यापिकाओं को तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया है। जिसमें 17 शिक्षिका उत्तरप्रदेश की रहने वाली हैं। जबकि एक राजस्थान की है। बर्खास्त की गई शिक्षिकाओं में एनपीएस स्टेशन रोड महेशखंूट की अध्यापिका कुमारी रेखा पासवान, उत्क्रमित मिडिल स्कूल चेराखेरा की शालीनी वर्मा, प्राथमिक विद्यालय राबड़ीनगर पौरा की प्रतिभा चौधरी, एनपीएस भूरिया तरी जमालपुर की स्नेहलता सिंह, एनपीएस लालपुर की सोनी यादव, उत्क्रमित हाईस्कूल डुमरी बलैठा की शालिनी वर्मा, मिडिल स्कूल झमटा बरहरा की दीक्षा मदेसिया, मिडिल स्कूल देवरी की उषा देवी, मिडिल स्कूल बेला की कुमारी पूजा यादव, मिडिल स्कूल गौड़ाशक्ति की सुमन वरुण, मिडिल स्कूल बालिका बंगलिया की कुमारी आंचल यादव, श्रीराम चरण मिडिल स्कूल भदास की कुमारी अर्चना कुमारी, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कासिमपुर की मोना देवी, प्राइमरी स्कूल मोहन गरमोहनी मुसहरी की कुमारी अंजू यादव, एनपीएस हाहाधार की बेबी यादव, उत्क्रमित हाईस्कूल जलकौड़ा की अंशिका विश्वकर्मा, मिडिल स्कूल कुल्हड़िया की अर्चना यादव व उत्क्रमित माध्यमिक स्कूल कुम्हरचक्की में पदस्थापित विद्यालय अध्यापिका प्रियंका यादव शामिल हैं। इन्हें आगामी 15 नवंबर की तिथि से सेवामुक्त कर दी गई है। बताया गया कि शैक्षणिक प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच में इन सभी का सीटीईटी में अंक मानक अनुसार नहीं पाया गया था।
20 के करीब और शिक्षकों पर हो सकती है कार्रवाई: बीपीएससी से चयनित जिले में करीब बीस और शिक्षकों पर कार्रवाई हो सकती है। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में बीपीएससी से अनुशंसित विद्यालय अध्यापकों की शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक सहित अन्य कागजात की जांच की गई। जिसमें अन्य 58 शिक्षक भी संदेह के घेरे में आए थे। जिसके बाद सभी से कारणपृच्छा की गई थी। उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के बाद करीब बीस शिक्षक ऐसे चिह्नित हुए हैं जो शिक्षक जिस विषय में बहाल हुए हैं वे उस विषय के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास नहीं थे। अब ऐसे शिक्षकों से दोबारा स्पष्टीकरण किया जाएगा। हालांकि मामला कोर्ट में चले जाने की भी बात कही जा रही है। इधर स्थानीय अधिकारी अपने उच्चाधिकारी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
प्रमाणपत्रों की जांच के क्रम में निर्धारित अहर्ता पूरी नहीं करने पर गत 20 जून को कारणपृछा की गई थी। स्पष्टीकरण व साक्ष्यों की समीक्षा में 18 शिक्षिकाओं को स्कूल अध्यापक पद के लिए निर्धारित मानक से कम अहर्ता धारण करने के आधार पर अयोग्य घोषित किया गया है। तत्काल से सेवामुक्त कर दिया गया है।
अमरेन्द्र कुमार गोंड, डीईओ, खगड़िया।
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