गंगा और कोसी में डाला जाएगा सात लाख मछली का जीरा
कटिहार में गंगा और कोसी नदियों में पारंपरिक मछलियों की कमी को दूर करने के लिए 12 और 13 दिसंबर को क्रमशः मनिहारी और खेरिया घाट पर सात लाख 66 हजार मछली का जीरा डाला जाएगा। इस पहल का उद्देश्य कतला, रेहू...
कटिहार, वरीय संवाददाता गंगा और कोसी नदियों में पारंपरिक मछली की कमी को दूर करने के लिए जिला के दो घाटों पर सात लाख 66 हजार मछली का जीरा डाला जाएगा। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गयी है। 12 दिसंबर को मनिहारी घाट के गंगा नदी में तीन लाख 86 हजार और 13 दिसंबर को खेरिया घाट कुरसेला के कोसी में तीन लाख 80 हजार के करीब जीरा डाला जाएगा।
इसकी जानकारी देते हुए जिला मत्स्य पदाधिकारी सनत कुमार सिंह ने बताया कि कटिहार जिलान्तर्गत रिवर रैंचिग कार्यक्रम 2024-25 के तहत गंगा नदी तंत्र में मत्स्य अंगलिकाओं का पुनस्थापन हेतु मनिहारी घाट के गंगा नदी में 12 दिसंबर को दो बजे एवं खेरिया घाट कुरसेला के कोसी में 13 दिसंबर को दो बजे जीरा डाला जाएगा। जिलाधिकारी के द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।
कतला, रेहू, नेनू की संख्या बढ़ाने पर जोर
कतला, रेहू, नेनू सहित गंगा और कोसी के पानी में होने वाली पारंपरिक मछलियों की संख्या को बढ़ाने की दिशा में यह पहल किया जा रहा है। इसमें मुख् रूप से कतला, रेहू, नेनू मछलियों को रखा गया है। जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि प्रदूषण, सिल्टेशन और ब्रीडिंग की जगह बदलने के कारण पारंपरिक मछलियों की संख्या क्षेत्र में कम हो गया है। इसकी संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा यह पहल किया जा रहा है। इसके लिए मुजफ्फरपुर और बांका के हेचरी सेंटर में ब्रीडिंग कराकर आठ से दस ग्राम का जीरा पानी में छोड़ा जाएगा।
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