100 में 40 महिलाओं का नहीं हो पा रहा हैं संस्थागत प्रसव
100 में 40 महिलाओं का नहीं हो पा रहा हैं संस्थागत प्रसव 100 में 40 महिलाओं का नहीं हो पा रहा हैं संस्थागत प्रसव100 में 40 महिलाओं का नहीं हो पा रहा है
चंदन कुमार कर्ण, कटिहार स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ी। मगर इच्छा शक्ति प्रबल नहीं हो पाया है। यही कारण है कि लाख प्रयास के बाद 100 में 40 प्रतिशत महिलाओं का संस्थागत प्रसव नहीं हो पा रहा है। महिलाएं या तो अपने घर पर प्रसव कराने को विवश हैं या फिर जहां-तहां प्रसव करा रही है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों के स्वास्थ्य पर कई प्रकार की बीमारियों के चपेट में आने की संभावना बनी रहती है। साथ ही दोनों की जान खतरे में भी रहती है। एक रिपोर्ट की माने तो जुलाई माह में 8425 प्रसूताओं का संस्थागत प्रसव कराने का लक्ष्य रखा गया था। मगर 5168 महिलाओं का ही संस्थागत प्रसव कराया गया। जो कुल लक्ष्य का मात्र 61 प्रतिशत ही है। इससे यह पता चलाता कि एक सौ में मात्र करीब 60 प्रतिशत प्रसूताओं का सदर अस्पताल, अनुमंडल, रेफरल, पीएचसी व सीएचसी के नये भवनों का लाभ मिल पा रहा है।
किस प्रखंड में कितने प्रसूताओं का कराया गया संस्थागत प्रसव
जिला स्वास्थ्य समिति के एक रिपोर्ट को सही माने तो अमदाबाद में 459 में 210, आजमनगर में 866 प्रसूताओं में 439, बलरामपुर में 436 प्रसूताओं में 140,बरारी में 783 में 507,बारसोई में 944 में 466, डंडखोरा में 187 में 74, फलका में 427 में 281, हसनगंज में 153 में 122, कदवा में 952 में 307, सदर पीएचसी क्षेत्र के 335 में 2,कोढ़ा के 776 प्रसूताओं में 538, कुरसेला के 175 में 143, मनिहारी में 452 में 319, मनसाही में 231 में 226, प्राणपुर में 396 में 178, समेली में 174 में 75 और शहरी क्षेत्र में 621 में 1042 प्रसुताओं का सरकारी अस्पतालों या फिर निजी नर्सिंग होम में प्रसव कराया गया।
क्या संस्थागत प्रसव पर दिया जाता है बल
जानकारों की माने तो संस्थागत प्रसव कराने पर स्वास्थ्य विभाग इसलिए बल देती है कि जच्चा और बच्चा दोनों का प्रसव बाद स्वस्थ्य रहे। प्रसव के समय किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न नहीं हो सके। बच्चों को किसी प्रकार का संचारी रोग अपने चपेट में नहीं ले सके। साथ ही संक्रमण रोग के चपेट में नहीं आये। इसके अलावा सरकार की ओर से मिलने वाली प्रतिरक्षण का समुचित लाभ समय पर मिल सके। मगर कुछेक स्वास्थ्य कर्मियों और जिम्मेदार अधिकारियों व चिकित्सा पदाधिकारियों के उदासीनता के कारण संस्थागत प्रसव अपने लक्ष्य का मात्र 61 प्रतिशत ही हो पाता है। जबकि लक्ष्य करी सौ प्रतिशत रखा गया है।
राज्य मुख्यालय से शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का दिया गया निर्देश
गुरुवार को पटना में आयोजित एक कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कटिहार के स्वास्थ्य प्रबंधक को संस्थागत प्रसव का लक्ष्य हर हाल में पूरा करने का आदेश दिया गया है। ताकि प्रसूताओं का सुरक्षित प्रसव कराया जा सके और जन्म के बाद नवजात को मिलने वाली सभी प्रकार का स्वास्थ्य लाभ समय पर मिल सके।
यह कहते हैं अधिकारी
बलरामपुर, अमदाबाद, बारसोई, डंडखोरा, कदवा, सदर प्रखंड,प्राणपुर की स्थिति संस्थागत प्रसव कराने में 50 प्रतिशत से भी कम है। शेष प्रखंडों की स्थति 60 प्रतिशत से ज्यादा है। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को एक माह का समय दिया गया है। एक माह के अंदर लक्ष्य का शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने का निर्देश दिया गया है। निर्देश का पालन नहीं होने पर स्पष्टीकरण के साथ वेतन पर भी रोक लगाया जायेगा।
डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह, सिविल सर्जन, कटिहार।
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