रविवार तक दाना चक्रवात का रहेगा असर
कटिहार में बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात दाना का असर रविवार तक रहने की संभावना है। बारिश और तेज हवा से जनजीवन प्रभावित हुआ है। किसानों को रबी फसल की बुआई में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जिससे...
कटिहार। कटिहार और आसपास के इलाके में बंगाल की खाड़ी से उठने वाले दाना चक्रवात का असर रविवार तक रहने की संभावना है। इसके प्रभाव से विगत बुधवार से ही बारिश का क्रम जारी है। जिसके कारण आसमान में बादल छाये रहने और तीव्र पुरवा हवा चलने से लोगों को ठंड का एहसास होने लगा है। जबकि इसको लेकर किसान चिंतित हैं। उधर शुक्रवार को आसमान में 90 फीसदी बादल छाए रहे। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक पंकज कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में देर रात तक 23 एमएम बारिश संभव है। जबकि इस दौरान 11 से 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चली है। शुक्रवार को 25 डिग्री अधिकतम और 21 डिग्री न्यूनतम पारा दर्ज किया गया। शुक्रवार अल सुबह से हल्की बारिश का दौर जारी है।
शहर में हुई बारिश के कारण न्यू मार्केट, गामी टोला समेत कई मुहल्ले की संड़कों पर जलजमाव होने के कारण खासकर पैदल चलनेवालों को परेशानी हुई। शनिवार को आसमान में 40 फीसदी बादल छाये रहने की संभावना है। वहीं इस दौरान हल्का से मध्यम बारिश भी हो सकती है। जबकि दिन के तापमान में 5 डिग्री की वृद्धि हो सकती है। साथ ही पुरवा हवा की गति पहले की अपेक्षा मंद पड़ सकती है।
चक्रवर्ती तूफान से रबी मौसम की बुआई प्रभावित: कोढ़ा। प्रखंड क्षेत्र में चक्रवातीय तूफान से बीत दो दिनों से हो रही रुक-रुक कर बारिश से रबी मौसम में लगने वाले फसल की बुआई प्रभावित हुई है। बीते 15 दिनों से आलू और मक्के की बुआई चल रही थी। लेकिन दाना से कृषि कार्य प्रभावित हुए हैं। स्थानीय किसानों ने बताया कि 2 दिन पूर्व करीब सैकड़ों एकड़ में आलू और मक्के की खेती को भारी नुकसान होने की संभावना है। मौसम साफ होने के बाद फिर से खेत को तैयार करना होगा। जिससे खर्च बढ़ेगा। खराब मौसम की वजह से खाद और बीज की भी बिक्री प्रभावित हुई है।
बारिश और तेज हवा से जनजीवन अस्त-व्यस्त: आजमनगर। चक्रवातीय तूफान दाना का असर आजमनगर में भी दिखा। लगातार बूंदाबांदी और तेज हवा के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों पर लोगों की आवाजाही बहुत कम रही। ठंड का भी असर दिखने लगा है। हालांकि रबी की फसल के लिए बेमौसम हुई बारिश फायदेमंद साबित हुई है। परंतु अगहनी धान का निकलने वाली बाली के लिए यह नुकसानदेह साबित हो रहा है। साल भर की मेहनत का फल मिलने वाले किसानों को बे मौसम बारिश की वजह से नुकसान झेलना पड़ेगा। अगहनी धान की फसल में नुकसान किसानों के लिए परेशानी का सबब बनेगा। किसानों में पृथ्वीराज सिंह बसंत सिंह निशांत सिंह आदि लोगों ने बताया कि अगहनी धान की फसल नुकसान होने से किसानों को भारी अर्थिक क्षति हो सकती है।
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