बड़ सुखसार पाउल तुअ तीरे... से गूंजा संगम स्थल
रविवार को माघी पूर्णिमा के अवसर पर राज्य के प्रयागराज के नाम से चर्चित गंगा कोसी संगम तट कुरसेला स्थल पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी...
रविवार को माघी पूर्णिमा के अवसर पर राज्य के प्रयागराज के नाम से चर्चित गंगा कोसी संगम तट कुरसेला स्थल पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी।
इस दौरान सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया के अलावा नेपाल, भूटान सहित अन्य स्थलों के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। इस दौरान चौक चौराहों से लेकर अन्य स्थानों पर गंगा महिमा से सम्बंधित भक्ति गीतों के श्रद्धालु झूमते रहे।
इस दौरान मैथिल कोकिल कवि विद्यापति द्वारा गाए गये बड़ सुख सार पाउल तुअ तीरे... गीत से संगमस्थल गुंजायमान रहा। इस दौरान सार्वजनिक दुर्गामंदिर, अयोध्यागंज के आचार्य अंजनी ठाकुर ने बताया कि पतित पावनी माता गंगा के जिन पर कृपा होती है। उनके लिए मां हर स्थल पर विद्यमान हो जाती है। उन्होंने बताया कि जीवन के अंतिम पड़ाव पर जब आदि कवि विद्यापति मरनासन्न हो गये थे उस समय जब उन्होंने मां गंगा की आराधना की तो समस्तीपुर के समीप गंगा का अवतीर्ण हुआ। जिसे वर्तमान में विद्यापति नगर के नाम से जाना जाता है। रविवार को स्टेट हाईवे एवं एनएच 31 से ट्रैक्टर, ट्रॉली के अलावा ऑटो रिक्शा सहित चार पहिया वाहन से महिला पुरुष एवं बच्चों का गंगा तट आने का क्रम जारी रहा।
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