मेरे सीएम बनने से पहले जिला पार्षद बन गई थीं दीपा; जीतनराम मांझी ने बहू बनाने का भी राज खोला
- केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने इमामगंज सीट से अपनी बहू और मंत्री बेटे संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी को लड़ाने के फैसले का बचाव किया है। मांझी ने परिवारवाद का आरोप लगाने वालों को विकृत मानसिकता का बताया है। संतोष सुमन से दीपा की शादी कराने का राज भी खोला है।
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने खुद के इस्तीफे से खाली इमामगंज विधानसभा सीट से अपनी बहू और मंत्री बेटे संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी को टिकट देने के फैसले का ना सिर्फ बचाव किया है बल्कि इसके लिए उन पर परिवारवाद का आरोप लगाने वालों को विकृत मानसकिता का बताया है। उन्होंने संतोष सुमन की शादी दीपा मांझी से कराने का राज भी खोला है और बहू को समाज में अलख जगाने वाली बताया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को चार सीटों के उपचुनाव में इमामगंज सीट मिली है। गया से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मांझी ने ये सीट छोड़ दी थी। मांझी अब अपनी पार्टी हम के संरक्षक हैं और उनके बेटे व दीपा के पति संतोष सुमन दल के अध्यक्ष हैं।
जीतनराम मांझी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बहू दीपा मांझी की बाइक पर बैठी एक पुरानी फोटो शेयर करके लिखा है कि उनके बिहार का मुख्यमंत्री बनने से पहले दीपा मांझी जिला पार्षद बन चुकी थीं। दीपा उनके बेटे संतोष सुमन के विधान पार्षद और मंत्री बनने से पहले राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि दीपा को सिर्फ जीतनराम मांझी की बहू बताकर उन पर परिवारवाद का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।
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उन्होंने लिखा- “दीपा से मैंने संतोष सुमन की शादी इसलिए कराई कि वह हमारे समाज की पहली लड़की रही, जो तमाम सामाजिक ताना-बाना के इतर हमारे गरीब बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगा रही थी। मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले दीपा जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हो चुकी थी और संतोष सुमन के MLC बनने या मंत्री बनने से पहले से दीपा पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय थी।”
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मांझी ने कहा है कि जब भी विपक्ष ने किसी महिला को आगे करके NDA गठबंधन के नेताओं को घेरने की कोशिश की तो दीपा ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। दीपा को समाज में अलख जगाने वाली बताते हुए मांझी ने कहा है कि इसके बावजूद यदि कोई दीपा का नाम लेकर परिवारवाद का आरोप लगा रहा है तो यह उसकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है।
इमामगंज सीट पर महागठबंधन की तरफ से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने पूर्व सांसद राजेश मांझी को टिकट दिया है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने स्थानीय डॉक्टर जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया है। 25 अक्टूबर को नामांकन का आखिरी दिन है। 13 नवंबर को मतदान होगा जबकि नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।