जन सुराज पार्टी का अकाउंट नहीं, कंपनी से हो रही फंडिंग; जेडीयू का प्रशांत किशोर पर हमला
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने गुरुवार को प्रशांत किशोर से सवाल किया कि जन सुराज पार्टी का बैंक खाता नहीं है। उसकी फंडिंग कहां से हो रही है, चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से आर्थिक गतिविधियां क्यों संचालित की जा रही हैं, इस पर पीके को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर पर चैरिटी ट्रस्ट के जरिए राजनीतिक गतिविधि करने का आरोप लगाया है। जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने गुरुवार को कहा कि जन सुराज पार्टी का अपना खुद का बैंक अकाउंट नहीं है। पीके विभिन्न कंपनियों के माध्यम से रुपये लेते हैं। जेडीयू ने आरोप लगाए कि प्रशांत किशोर महात्मा गांधी के नाम पर राजनीति करते हुए बिहार को धोखा दे रहे हैं। वह राजनीति नहीं बल्कि निजी स्वार्थ के लिए धंधा कर रहे हैं।
पटना स्थित जेडीयू प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को मीडिया से बातचीत में नीरज कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर खुद को जन सुराज पार्टी के संस्थापक बताते हैं। मगर उनकी गतिविधियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जन सुराज पार्टी की स्थापना 28 अगस्त 2023 में ही हो गई थी, जबकि पीके की ओर से इसकी घोषणा 2 अक्टूबर 2024 को की गई थी। उन्होंने सवाल उठाए कि यह भ्रम की स्थिति क्यों पैदा की गई, इस पर पीके को स्पष्ट करना चाहिए।
जेडीयू प्रवक्ता ने यह कहा कि जन सुराज पार्टी की स्थापना के लिए दिल्ली के दो अखबारों में इश्तेहार छापा गया था। इसमें एक अजीत सिंह नाम के व्यक्ति को कोषाध्यक्ष बताया गया था। जेडीयू ने दावा किया कि अजीत सिंह एक प्रवासी बिहारी हैं और अभी हरियाणा के निवासी हैं। मगर जन सुराज पार्टी के संगठन में उन्हें जगह नहीं है। सिर्फ उनके नाम का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने प्रशांत किशोर से उनकी भूमिका को सार्वजनिक करने की मांग भी की है। जेडीयू ने आरोप लगाया कि पीके पलायन पर खूब बोलते हैं, लेकिन एक प्रवासी बिहारी के नाम से उन्होंने खुद की पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराया।
नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि जन सुराज पार्टी का खुद का अकाउंट नंबर नहीं है। इस पार्टी को कंपनी चला रही है। जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन नाम से एक चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए जन सुराज की फंडिंग की जा रही है। इस ट्रस्ट की स्थापना 2012 में हुई थी, जिसका कार्यालय बेंगलुरु कर्नाटक में है।