अभाविप के नेतृत्व में घोरमारा गांव के पेयजल संकट को लेकर डीएम को ई— मेंल से भेजा ज्ञापन
अभाविप के नेतृत्व में घोरमारा गांव के पेयजल संकट को लेकर डीएम को ई- मेंल से भेजा ज्ञापन अभाविप के नेतृत्व में घोरमारा गांव के पेयजल संकट को लेकर डीएम

झाझा । नगर संवाददाता अभाविप के नेतृत्व में घोरमारा गांव में पेयजल संकट को लेकर जमुई डीएम को ई- मेंल एवं व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया है। नल-जल योजना ठप रहने, चापाकल भी खराब रहने एवं मुख्यमंत्री की ‘सात निश्चय योजना घोषणा भर होने की शिकायत की गई है। प्रखंड के बाराकोला पंचायत के घोरमारा गांव, वार्ड संख्या 1 में इन दिनों भीषण गर्मी के बीच पेयजल संकट गहराता जा रहा है। गांव में न तो नल-जल योजना है और न ही पुराने चापाकल कार्यशील हैं। हालात ऐसे हैं कि ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए दूर-दराज की जगहों से पानी लाना पड़ रहा है, जिससे दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।इस
गंभीर स्थिति को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद/अभाविप के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी, जमुई को ज्ञापन सौंपा और अविलंब समाधान की मांग की। अभाविप कार्यकर्ता कार्तिक कुसुम यादव ने कहा - "राज्य सरकार की बहुचर्चित ‘मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत यह वादा किया गया था कि हर घर तक नल के माध्यम से शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन घोरमारा गांव की स्थिति इससे ठीक विपरीत है। न तो कोई नल लगा है, न ही जल की व्यवस्था की गई है। चापाकल भी लंबे समय से खराब पड़े हैं। यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि योजनाएं केवल कागजों पर सीमित रह गई हैं और ज़मीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है।" उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो अभाविप जनहित में आंदोलन करने को बाध्य होगी। ग्रामीणों ने बताया कि पीएचईडी विभाग के कनीय अभियंता सद्दाम हुसैन को कई बार फोन पर इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई। यह प्रशासन की घोर संवेदनहीनता को दर्शाता है।ग्रामीणों की मुख्य मांगें हैं : गांव में नल-जल योजना को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र लागू किया जाए, जब तक योजना का कार्य प्रारंभ नहीं होता, तब तक सभी खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत अविलंब कराई जाए।मौके पर उपस्थित ग्रामीणों में रामदेव यादव, अनिल कुमार यादव, दिनेश कुमार यादव, परसादी यादव, गोकुल यादव, बिमली देवी, पिंकी देवी, संगीता कुमारी, मुन्नी कुमारी सहित अनेक पुरुष व महिलाएं शामिल थीं। सभी ने एक स्वर में प्रशासन से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की।
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