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Hindi Newsबिहार न्यूज़जमुईThe influx of devotees continued in the puja pandals on the second day as well

दूसरे दिन भी पूजा पंडालों में लगा रहा श्रद्धालुओं का तांता

झाझा | निज संवाददाता लगाार दूसरे दिन बुधवार को भी झाझा स्थित पूजा पंडाल मां

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईWed, 17 Feb 2021 05:11 PM
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झाझा | निज संवाददाता

लगाार दूसरे दिन बुधवार को भी झाझा स्थित पूजा पंडाल मां सरस्वती के जयकारों से गूंजते दिखे। प्रशास द्वारा प्रतिमा विसर्जन को ज्यादा मोहलत नहीं मिलने व विसर्जन की डेडलाइन 18 फरवरी तक की तय कर देने के मद्देनजर विदाई के पूर्व मां का दर्शन-पूजन कर लेने की चाह में बुधवार को भी शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण हलकों तक में बने पूजा पंडालों में मां सरस्वती के दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दूसरी ओर उधर मंगलवार की रात शिवालयों में भोले भक्तों का भी जमावड़ा लगा रहा था।

भोले-भक्तों का उक्त जुटान बाबा औघड़दानी के तिलकोत्सव के मद्देनजर था। श्रद्धालुओं ने शिवालयों में स्थित शिवलिंग पर अबीर गुलाल की बरसात करते हुए बाबा के तिलकोत्सव के पावन अनुष्ठान का आनंद लिया। कई भक्त बाबा का दूध व जल से अभिषेक भी करते दिखे थे। उधर, मां सरस्वती चूंकि विद्या की देवी मानी जाती हैं ऐसे में उनकी वंदना में विद्यार्थियों का तबका कहीं अधिक समर्पित दिखा। स्थानीय गर्ल्स प्लस टू स्कूल के कैंपस में तो सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ.भक्तिनाथ झा व मौजूदा प्रभारी नित्येंद्र झा ने अन्य शिक्षकों के सहयोग से मां का स्थायी मंदिर व उसमें स्थायी प्रतिमा ही अधिष्ठापित करा दी है। ऐसे में गर्ल्स प्लस टू स्कूल के स्थायी सरस्वती मंदिर के अलावा कई राजकीय व निजी विद्यालयों के अलावा कोचिंग सेंटर आदि पर भी मां सरस्वती के प्रतिमा पंडालों पर मां के पूजन-दर्शन को छात्र-छात्राओं का बड़ा मेला लगा रहा।

नम आंखों से मां को दी जा रही विदाई: सिमुलतला। सिमुलतला थाना क्षेत्र में खोउँक्षा दे कर नम आंखों से किया मां सरस्वती के प्रतिमा का विसर्जन। जानकारी अनुसार थाना क्षेत्र के सिमुलतला टेलवा आदि जगहों पर छात्रों तथा नयजुवकों के द्वारा हर्ष के साथ विधि विधान पूर्वक विद्या की देवी मां सरस्वती के प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना बसन्त पंचमी के दिन किया गया। आज उसी देवी को पुन: पूजा अर्चना कर साथ मे परम्परा के अनुसार खोउँक्षा देकर नम आंखों से जल सरोवर में विसर्जित किया गया। विसर्जन के समय ज्यादा भीड़ इक्ठा न हो तथा कोरोना गाइड लाइन के निर्वहन के लिए स्थानीय प्रशासन नजर बनाए हुए थे।

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