Hindi Newsबिहार न्यूज़जमुईStrict laws of the forest department have been hindered in the development of the village

गांव के विकास में वनविभाग के कड़े कानून बने हैं बाधक

लक्ष्मीपुर में वनक्षेत्र स्थित गांव के विकास में वनविभाग के कड़े कानून बाधक बने हैं। चौकिया, ठाढ़ी, अलक्जरा, बीबा जैसे गांव का नाम सुमार है। वैसे गांव में विभिन्न योजनाओं से सड़कों का पक्कीकरण किया गया...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईThu, 20 Aug 2020 09:44 PM
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लक्ष्मीपुर में वनक्षेत्र स्थित गांव के विकास में वनविभाग के कड़े कानून बाधक बने हैं। चौकिया, ठाढ़ी, अलक्जरा, बीबा जैसे गांव का नाम सुमार है। वैसे गांव में विभिन्न योजनाओं से सड़कों का पक्कीकरण किया गया है, लेकिन गांव का समीप के गांव या समीप के किसी मुख्य सड़क से सीधा जुड़ाव नहीं है।

नतीजन बरसात के दिनों में वैसे गांव के ग्रामीणों को आवागवन में काफी परेशानी होती है। वनस्थित गांव का समीप के गांव या किसी ग्रामीण मुख्य सड़क से जुड़ाव है। सड़क की जमीन वनविभाग के हैं। दूसरे विभाग द्वारा किसी तरह के विकास कार्य करने के लिए वनविभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होता है। पेचीदे कानूनहोने के कारण यह सम्भव नहीं हो पाता है।विकल्प में वैसे भूभाग पर किसी तरह के विकास कार्य सिर्फ वनविभाग द्वारा ही कराया जा सकता है।

उसमें भी पक्की सड़कों का निर्माण नहीं कराया जा सकता है।वनविभाग के कड़े कानून के कारण ही जमुई खड़गपुर एन एच 333 ए स्थित गंगटा जंगल के घाटी मार्ग के दोहरीकरण का काम प्रभावित है। लक्ष्मीपुर से भीम बांध जाने वाली सड़क का पूर्णरूपेण पक्कीकरण नहीं किया जा सका है। जबकि भीम बांध को इको टूरिज्म के मानचित्र पर लाने की कवायद शुरू है। साथ ही भीम बांध के विकास पर प्रतिवर्ष कडोडों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।ा

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