सूर्यदेव के निकलने के बाद भी नहीं मिल रही लोगों को ठंड से राहत
सूर्यदेव के निकलने के बाद भी नहीं मिल रही लोगों को ठंड से राहत सूर्यदेव के निकलने के बाद भी नहीं मिल रही लोगों को ठंड से राहत
जमुई। नगर प्रतिनिधि मौसम ने इस तरह करवट लिया कि सूर्यदेव के निकलने के बाद भी कनकनी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। मतलब सूरज की किरणें धरती पर उतर रही फिर भी लोग सुबह और शाम घरों में दुकबने को विवश हैं। शाम होते ही लोग कपकपाती ठंडी हवा से शरीर को गर्म करने के लिए घर में प्रवेश कर जा रहे हैं। गुरूवार को 10 बजे के बाद सूर्य की प्रकाश लोगों को मिलने लगी।
धूप निकलने पर लोग घर से निकल शरीर को गर्म करने के लिए बाहर निकल आए। साथ बाजार में भी लोग नजर आने लगे। खरीदारी व अन्य कार्य में लोग जुट गए। लेकिन शाम होते ही लोगों को कपकपाती ठंड ने फिर से घर की ओर रूख करने को विवश कर दिया। वृद्धजन को तो धूप में भी घर से सड़कों की ओर निकलने पर ठंडी पछुआ बयार उन्हें परेशान करने लगी। इस कड़कड़ाती ठंड में मुर्गों ने भी भोर में आवाज देना बंद कर दिया है। लोगों को पता ही नहीं चल पा रहा है कि कब भोर हो जा रही है। सुबह में बधार में बारिश की तरह ओस की बूंदे गिर रही हैं। शहर की सड़कें इस तरह दिख रही हैं मानो बरसात हुई हो। ऐसी ठंड में मानव के साथ-साथ मवेशी और पक्षी भी काफी परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी सुबह में कोचिंग जाने वाले बच्चों को हो रही है। वाहनों के शीशे पर पड़ रही ओस की बूंदे उसे धुंधला बना दे रही हैं।
जारी रहा कोहरा तो बढ़ेगा पाले का प्रकोप :ओस की बूंदें गिरने से आलू, सरसों आदि फसलों को लेकर किसान काफी चिंतित हैं। किसान पारो सिंह, राधे यादव ने बताया कि कुहासा के कारण खेतीबारी प्रभावित होगी। कोई किसान भोर में खेत में नहीं पहुंच पाएंगे। हाथों से कुदाल पकड़कर आरी-कोना कर पाना गुरूवार को काफी मुश्किल दिख रहा था। खेतों की सिंचाई करने के दौरान पानी में उतरना काफी कष्ट दे रहा था। पाला गिरने से अगेती सरसो और आलू की फसल को सबसे अधिक नुकसान होगा। सब्जी के पौधें की पत्तियां भी सिकुड़नी लगेगी। अगर पाले से बचाव के लिए दवा नहीं डाला तो आलू के दाने काफी छोटे रह जाएंगे। पौधे भी झुलस जाएंगे।
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