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मेहनत और परिश्रम कर पांचो बच्चों को बनाया गजिस्टेड ऑफिसर

मेहनत और परिश्रम कर पांचो बच्चों को बनाया गजिस्टेड ऑफिसर मेहनत और परिश्रम कर पांचो बच्चों को बनाया गजिस्टेड ऑफिसर

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईSun, 11 May 2025 03:36 AM
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मेहनत और परिश्रम कर पांचो बच्चों को बनाया गजिस्टेड ऑफिसर

जमुई । हिंदुस्तान प्रतिनिधि मदर्स डे की बात करें तो कई ऐसी माताएं हैं जो अपनी कठिन परिश्रम और मेहनत के बल पर बच्चों को जीवन मे आगे बढ़ाने का काम किया। उन्हीं माताओं में शामिल है अवकाश प्राप्त शिक्षिका सीता देवी, जिन्होंने अपने पांच में से पांचो बच्चों को गजिस्टेड ऑफिसर ही नहीं बनाया बल्कि उनके बेटे मदन कुमार आनंद जमुई में एसपी के पद पर कार्यरत हैं। एसपी श्री आनंद बताते हैं कि उनके पिता व्यवसाय करते थे। उनकी माता सीता देवी से ही उन्हें मार्गदर्शन मिला। शिक्षिका के पद पर रहते हुए उन्होंने पांचो बच्चों को इस लायक बनाया कि आज सभी अपने-अपने क्षेत्र में मुकाम हासिल करने का काम किया।

एसपी श्री आनंद ने कहा कि उनकी माता सीता देवी का कठिन परिश्रम, अनुशासन और मार्गदर्शन का ही प्रतिफल है कि सभी भाई-बहन जीवन के में एक से बढ़कर एक उपलब्धियां को हासिल करने का काम किया। श्री आनंद कहते हैं कि मां बच्चों की पहली पाठशाला होती है। वहीं से बच्चों को ज्ञान मिलना शुरू होता है। उन्होंने अपने जीवन के कठिन परिश्रम और कई वाकया को याद कर कहा कि आज जो भी हैं वे अपने माता के दम पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी माता को इस कदर अपने बच्चों को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए कि उनके बच्चे अपना और अपने परिवार ही नहीं बल्कि देश को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकें। बेटे को बनाया समाज में मिसाल एक बेटा है डॉक्टर तो दूसरा है एसडीपीओ फोटो 34 परिचय जमुई, हिंदुस्तान प्रतिनिधि। कहते हैं की मां के आशीर्वाद से बेटा जिंदगी में किसी भी ऊंचाइयों को छू सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है जमुई की एक माता के बेटे ने। एक बेटा जमुई का प्रसिद्ध चिकित्सक है तो दूसरा एसडीपीओ। मां सदर अस्पताल में नर्स के पद पर वर्षों तक काम कर चुकी हैं। जमुई जैसे छोटे से जगह में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद बड़े बेटे ने डॉक्टर की पढ़ाई की तो दूसरे छोटे बेटे एसडीपीओ के रूप में एक उपलब्धि हासिल करने का काम किया है। हम बात कर रहे हैं जमुई सदर अस्पताल में वर्षों तक कार्य कर चुकी नर्स प्रमिला कुमारी का। जिनके कठिन परिश्रम और मार्गदर्शन पर चलकर उनके बेटे डॉ राजीव रंजन प्रसाद आज जमुई के एक प्रसिद्ध चिकित्सक हैं तो दूसरे बेटे रविंद्र मोहन प्रसाद बेगूसराय के तेघड़ा में सीडीपीओ के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले एसडीपीओ रविंद्र मोहन प्रसाद पीएमसीएच से एमबीए एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुके हैं। दोनों ही भाई की प्रारंभिक शिक्षा जमुई जैसे छोटे से जगह में हुई। डॉक्टर राजीव रंजन बताते हैं कि आज वे जो भी हैं अपनी माता के दम पर हैं। उनके पिता कामदेव प्रसाद जमुई में वकालत के पेशे से जुड़े हुए हैं। डॉक्टर राजीव रंजन बताते हैं कि उनमें जो संस्कार, अनुशासन और आगे बढ़ाने की क्षमता विकसित हुई वह उनके माता प्रमिला कुमारी के कारण ही हुई। उन्होंने कहा कि उनकी माता ने जीवन में कई प्रकार के कष्ट को झेलते हुए उन लोगों की शिक्षा में कहीं भी कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने बताया कि साधारण तरीके से उनका पालन पोषण और पढ़ाई लिखाई जमुई में भी हुआ। माता का आशीर्वाद और उनका मार्गदर्शन एक ढाल बनाकर उनकी रक्षा की। उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। आज जमुई में कई महिलाओं को अपनी सेवा दे रहे हैं। मां के बताए हुए रास्ते पर चलकर अपना और अपने माता का नाम काफी बढ़ा रहे हैं। माँ सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है: जो हमें जीवन की हर मुश्किल में देती है सहारा फोटो: 37: कार्यक्रम प्रस्तुत करते बच्चे 38: मदर्स डे कार्यक्रम में मौजूद महिलाएं जमुई। नगर संवाददाता बच्चों के व्यक्तित्व विकास में माताओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि माताएं न केवल परिवार की रीढ़ होती हैं, बल्कि वे बच्चों की नैतिक नींव भी मजबूत करती हैं। उक्त बातें मुख्य वक्ता मनिता कुमारी ने कही। कार्यक्रम का संचालन मनिता कुमारी ने किया। शिक्षक कल्पना ने वक्तव्य में बच्चों में अच्छे संस्कारों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। ‘मातृ दिवस के अवसर पर शनिवार को जूनियर प्ले स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन स्वागत गीत के साथ किया गया। रंगारंग प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों ने मातृत्व के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को व्यक्त किया। स्कूल प्रबंध की ओर से कार्यक्रम में मौजूद सभी माताओं का सम्मान कर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम में भावनात्मक और सांस्कृतिक दोनों ही पहलुओं की झलक देखने को मिली। छात्र-छात्राओं ने अपनी माताओं के सम्मान में कई मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी। छोटे बच्चों ने बहुत ही सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया और नृत्य के माध्यम से माँ के विभिन्न रूपों और उनके अटूट बंधन को दर्शाया। उन्होंने बताया कि माँ सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है जो हमें जीवन की हर मुश्किल में सहारा देती है। विद्यालय की प्राचार्य रीना कुमारी ने मां के महत्व को समझाते हुए सदैव उनका सम्मान करने की बात कही। आज का दिन हमारी माताओं के त्याग और समर्पण को समर्पित है। मौके पर शिक्षिका मुस्कान सहित कई लोग मौजूद थे।

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