मौसम साफ होते ही तिल-गुड़ की खरीदारी को लेकर चहल-पहल
जमुई जिले में 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन तिलकुट, चूड़ा, गुड़ आदि की खरीदारी बढ़ गई है। दूध की मांग भी तीन गुना बढ़ गई है, जिसे पूरा करना विक्रेता के लिए चुनौती बन रहा है। इस...
जमुई। जिले में 14 जनवरी मंगलवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। पर्व को लेकर शहर से लेकर गांवों तक तिलकुट, चूड़ा, लाई, गुड़ आदि की दुकानें सज गई हैं। मौसम साफ होने के साथ बाजारों में खरीदारी को लेकर ग्राहक उमड़ रहे हैं। मकर संक्त्रांति के दिन काली उड़द की खिचड़ी, काला तिल, गुड़, नमक, सर्दियों के कपड़े, तेल और चावल इत्यादि का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। आचार्य पंडित शिरोमणि झा ने बताया कि जब ग्रहों के राजा सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करते हैं,तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, 14 जनवरी को सूर्यदेव दोहर 2 बजकर 58 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे इसलिए इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया जा रहा है। मंगलवार को सुबह 7 बजकर 02 मिनट के बाद पुण्य काल शुरु होगा जो दिनभर रहेगा । इस दिन सुबह उठकर पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा-उपासना की जाती है।
संदेश भेजने की परंपरा : मकर संक्रांति पर बिटिया के घर संदेश भेजने की भी परंपरा है। तिलकुट,चावल व चूड़ा की खरीदारी कर भेजा जा रहा है। तिलकुट बेच रहे रवि केशरी ने बताया कि गुड़ व चीनी का खस्ता तिलकुट 250 से 300 रुपये किलो बिक रहा है। गुड़ व चीनी की पापड़ी 150 से 300 रुपये किलो, खोवा तिलकुट 600, सफेद व काला तिल का लड्डू 180-200, स्पेशल तिलकुट 350, बादाम का लड्डू 200 से 240 रुपये, तिलवा 80 रुपये किलो बिक रहा है।
ठंड में मवेशियों का दूध घटा, दूध की मांग पूरी करना कठिन: अमारी गांव के दूध विक्रेता समीर यादव ने बताया कि जो ग्राहक रोजाना 2 किलो दूध ले रहे थे वह मकर संक्रांति को लेकर 5 से 6 किलो दूध अतिरिक्त मांग रहे हैं जिसे इस मौसम में पूरा करना मुश्किल है । अगल-बगल से दूध लेकर ग्राहकों के पास पहुंचा रहे हैं । इधर सुधा दूध के काउंटर पर भी दूध और दही लेने वालों की भीड़ उमड़ रही है।
दूध की मांग तीन गुणा से भी अधिक, आपूर्ति चुनौती: झाझा। मकर संक्रांति पर्व को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में भी अचानक दूध की मांग बढ़ गई है। दही बनाने के लिए लोग बाजार में उपलब्ध विभिन्न ब्रांड के दूध खरीदने में व्यस्त दिखे। प्रखंड मुख्यालय में तीन वितरक दूध बेचते हैं। दूध विक्रेता शिवम कुमार ने कहा कि सामान्यतया 100 सौ लीटर दूध बेचा करते हैं, मकर संक्रांति को लेकर दो दिनों में दूध की बिक्री 350 लीटर को पार कर चुकी है। इसके अलावे राकेश गुप्ता ने भी दूध की बिक्री बढ़ने की बात कही है। वैसे तो पहले ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन के लिए लोगों की अधिक दिलचस्पी रहती थी, जिससे पर्व के मौके पर दूध की कमी नहीं रहती थी।
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