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समाज से दहेज प्रथा जैसी कुरीति को हटाने के लोगो को पहल की है जरूरत : मौलाना आशिफ

जमुई के मुशाहराटांड़ गांव में कंजूल इमान कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दहेज और तिलक जैसी प्रथाओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। मौलाना जियाउल रसुल गफ्फारी ने अध्यक्षता की और...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईMon, 24 Feb 2025 04:16 AM
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  समाज से दहेज प्रथा जैसी कुरीति को हटाने के लोगो को पहल की है जरूरत : मौलाना आशिफ

जमुई, निज संवददाता सोनो प्रखंड के मुशाहराटांड़ गांव में कंजूल इमान कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम की अध्यक्षता सुन्नी उलेमा बोर्ड जमुई के सचिव मौलाना जियाउल रसुल गफ्फारी ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में बड़ी खानकाह के गद्दी नशी खानकाह रहमानिया कैरी शरीफ़ के शहजादा मुफ्ती शाहिद मियां मौजूद थे। वही खतीब मौलाना आशिफ इकबाल ने अपने संबोधन में कहा कि समय कि जरूरत हैे हम बच्चियों को अच्छी शिक्षाओं से जोड़े तिलक जैसी प्रथा के कारण हमारी बच्चियों आज आत्महत्या करने पर मजबूर हैे। गरीब बाप को भीख मांग कर तिलक और दहेज का इंतजाम करना पड़ता है। दहेज जैसे प्रथा का खत्म होना हमारे समाज में निहायत ही जरूरी है। इस्लाम और मजहब इसकी खतन इजाजत नहीं देती है वहीं शायरी इस्लाम जनाब दिलकश रजवी ने अपनी मधुर शायरी से पूरे मजमे का दिल जीत लिया। मौलाना नोमान अख़्तर फाइकूल जमाली ने कहा कि आज भी मदरसे में हाफिज बनने वाले बच्चे का मेमोरी पावर इतना मजबूत होती है, कि अगर वो अपने सीनों में एक से तीस पारा तक हीफज करने की क्षमता रख सकती है तो उनके लिए आईएएस, आईपीएस, यूपीएससी, बीपीएससी जैसी परीक्षाओं का निकालना बहुत बड़ी बात नहीं है चाहिए कि हम दीन के साथ-साथ दुनिया को भी साथ में लेकर चलें जो समय की जरूरत है। मौलाना महबूब आलम ने कहा कि समय कि जरूरत है कि मदरसों ने देश भक्त पैदा किये हैें स्वतंत्रता सैनियों को जन्म दिया है मदरसे में देश की वफादारी का पाठ पढ़ाया जाता है। मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ दिया जाए तो आप ये मदरसे हमारे बहुत काम की हो सकती हैं। साथ ही साथ अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम शांति का धर्म है। (मोहम्मद सल्लाहु अलेही वसल्लम) का उद्देश्य शांति संदेश इस जलसे की माध्यम से हम समाज में बांटते है। इससे आपसी भाईचारा को बल मिलता है समाज के अंदर जो बुराइयां आम हो चुकी हैं हम ऐसे जलसे के माध्यम से हम लोगों के बीच जागरूकता पैदा करते हैं। अच्छी शिक्षा पाए समाज के अंदर चलने वाली गलत प्रथाओं को हम छोड़े, दीन और मजहब के रस्ते पर चल कर कामयाबी हासिल करें इस प्रोग्राम में मदरसे के मोहतमिम मौलाना हाफिज ताजीम नॉमिनी ने कहा ये जो भीड़ देख कर जो बड़ी तादाद में भीड़ आई है इसे देख कर में काफी खुश हूं मेरी मेहनत रंग लाई आने वाले तमाम लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं। हाफिज कलाम ने अपनी खूबसूरत नकाबत ओ नज़ामत से आने वाले लोगों का दिल गदगद कर दिया। इस प्रोग्राम में मौलाना मिराजउद्दीन, मुफ्ती इमामउद्दीन, मौलाना कयामउद्दीन ,मिस्बाही मौलाना, किताबउद्दीन मौलाना, अफजल नईम, अंबर गुलाम ,सरवर मौलाना, इबरान मिस्बाही, हाफिज सिबगतुल्लाह और बड़ी तादाद में उलेमा और हुफास शामिल रहे। इस प्रोग्राम में मदरसे के सात बच्चों को दस्तरबंदी भी किया गया।

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