जमुई: तीन माह में चार करोड़ का कारोबार प्रभावित
तीन माह में चार करोड़ का कारोबार प्रभावित तीन माह में चार करोड़ का कारोबार प्रभावित कपड़ा सहित...
जमुई। नगर प्रतिनिधि
कोरोना संक्रमण ने कपड़ा कारोबार का रंग उड़ा दिया है। शादी-विवाह और ईद के सीजन में लगे लाकडाउन से तीन हफ्ते में ही करीब 3 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। कपड़ा कारोबार के लिए मार्च से जून का समय सबसे अहम होता है। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण से रेडीमेड कपड़ों के कारोबार की कमर टूट गई है। कपड़ा व्यवसाय रोजगार मुहैया कराने वाला उद्योग माना जाता है। इस सेक्टर की खासियत यह भी है कि हर छह माह में फैशन मांग के अनुसार बदलती रहती है। सीजन बदलते ही वह डेड स्टॉक हो जाता है। ऐसे में जिन कारोबारियों ने इसकी तैयारी कर ली थी, उन्हें डेड स्टॉक की चिंता सता रही है।
आसपास के क्षेत्र के लिए जमुई सबसे बड़ी मंडी
झाझा ,गिद्धौर, सिकंदरा, लक्ष्मीपुर, खैरा आदि के लिए कपड़ा कारोबार की सबसे बड़ी मंडी जमुई है। शहर में रेडीमेड कपड़ों की लगभग 200 दुकानें हैं। जमुई में दूसरे जिलों से भी लोग खरीदारी करने आते हैं। कपड़ा कारोबार से जुड़े लगभग 2000 लोग प्रभावित हुए हैं।
विवेकानंद सिंह ने बताया कि रेडीमेड कारोबार को एक माह में करोड़ों का नुकसान हुआ है। रमजान और शादियों के सीजन में दुकानें बंद रहीं, इससे कपड़ा कारोबार को बड़ा नुकसान हुआ। एक मॉल के संचालक ने बताया कि दो बड़े सीजन निकलने से कपड़ा उद्योग को बड़ा झटका लगा है। लॉकडाउन खुलने के बाद कारोबार की गतिविधि सामान्य होने में छह माह लग जायेंगे। कपड़ा कारोबार के लिए मार्च,अप्रैल और मई माह का अलग मायने रखता है। मो. असद ने बताया कि पिछले वर्ष हुए नुकसान से कारोबारी उबर नहीं पाये थे, दूसरे साल भी यही हाल हुआ। बिजली बिल भी आयेगा कर्मचारियों का वेतन भी देना है।
बिहार सरकार द्वारा लॉक डाउन में शादी-ब्याह पर बंदिश लगाये जाने के कारण कैटरिंग और टेंट हाउस से जुड़े लोगों को लगभग दो करोड़ से भी ज्यादा का व्यवसाय प्रभावित हुआ। लगभग एक करोड़ की बुकिंग कैंसिल की गयी। सरकार के द्वारा लॉकडाउन के दौरान शादी विवाह पर बंदिश लगाये जाने के बाद से लगभग दो करोड़ की बुकिंग विभिन्न कैटरिंग संचालकों द्वारा की गयी थी, किंतु शादी पर पाबंदी लगने के कारण बुकिंग कैंसिल करनी पड़ी है। ऐसे में कैटरिंग और टेंट का व्यवसाय प्रभावित हो गया। शहरी क्षेत्र में कैटरर रमेश शर्मा ने बातचीत में बताया कि पिछले साल कोरोना व लॉकडाउन के दौरान प्रशासनिक स्तर पर रिसीविंग सेंटर के अलावा क्वरेंटाइन सेंटर में कैटरिंग एवं टेंट हाउस से जुड़े लोगों के द्वारा काम किया जा रहा था।
कुछ हद तक रोजगार चल रहा था। कैटरिंग और टेंट हाउस से जुड़े लोगों का व्यवसाय कुछ हद तक चल रहा था। किंतु इस बार के कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन में टेंट एवं कैटरिंग का व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है। लगभग एक करोड़ से भी ज्यादा का व्यवसाय ठप पड़ गया। कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े लगभग 400 से भी ज्यादा लोग बेरोजगार की स्थिति में जी रहे हैं । इसी व्यवसाय से लगभग 400 लोगों की दाल रोटी चल रही थी, किंतु अब किसी प्रकार भोजन की व्यवस्था हो रही है ।किंतु अन्य जरूरतों को पूरी करने में लोगों को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।
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