आम मुसाफिरों का रेल सफर होगा आसान,ट्रेनों में बढ़ाए जा रही है सामान्य श्रेणी की बोगियां
रेल मंत्रालय ने सामान्य श्रेणी की बोगियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे आम मुसाफिरों का सफर आसान होगा। रेलवे ने पिछले तीन महीनों में 600 नए कोच जोड़े हैं और नवंबर के अंत तक 1000 से अधिक...
झाझा । निज संवाददाता आम मुसाफिरों का रेल का सफर अब आसान होगा और उनकी भी यात्रा अब शायद सही मायनों में मंगलमय होगी। इसकी वजह है रेल मंत्रालय एक ताजा निर्णय जिसके तहत रेलवे ने ट्रेनों में सामान्य श्रेणी की बोगियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। बताने की जरूरत नहीं कि वर्तमान में चल रही नियमित ट्रेनों में एक ओर जहां सामान्य (अनारक्षित) श्रेणी की बोगियां जरुरत के लिहाज से काफी कम होने तथा वहीं दूसरी ओर आरक्षित श्रेणियों वाली बोगियों में सहजता से बर्थ सुलभ नहीं होने की दोहरी दुविधा भरी स्थिति के कारण आम मुसाफिरों के लिए मुसाफिरी काफी मुहाल हो रखी थी। रेलवे का कहना है कि रेल यात्रा के प्रति आमजनों की लगातार बढ़ती रुचि और आकर्षण के मद्देनजर रेलवे भी तदनुरूप सुविधाओं के विस्तार को गति दे रहा है। इस कड़ी में रेलवे ने बीते तीन माह में ही विभिन्न ट्रेनों में सामान्य श्रेणी (जीएस) के करीब 600 नये अतिरिक्त कोच जोड़े हैं। ये सभी कोच नियमित ट्रेनों में जोड़े गए हैं। रेल प्रशासन के अनुसार चालू नवंबर माह के अंत तक जीएस श्रेणी के ऐसे एक हजार से ज्यादा कोच करीब 370 नियमित ट्रेनों में जोड़ दिए जााएंगे। रेलवे के अनुमान के अनुसार रेलवे के बेड़े में इन नये जीएस कोचों के जुड़ने से रोजाना करीब एक लाख यात्री लाभान्वित होंगे। इनके अलावा आगामी दो वर्षों में बड़ी संख्या में नॉन एसी श्रेणी के कोचों को रेलवे के बेड़े में शामिल करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। उक्त जानकारी रेलवे के वरीय अधिकारियों के हवाले से आसनसोल के पीआरओ ने दी है।
बताया गया कि रेलवे बोर्ड ने सामान्य श्रेणी के रेल यात्रियों की सुविधाओं को ले कई कदम उठाए हैं। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना व प्रचार) दिलीप कुमार द्वारा दी गई जानकारीनुसार सामान्य श्रेणी के यात्री रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। इस श्रेणी के यात्रियों को अधिकतम सुविधा मुहैया कराने की दिशा में रेलवे विभिन्न दिशाओं में कार्य कर रहा है। इसके तहत नवनिर्मित 1000 कोचोंं को 370 नियमित ट्रेनों में जोड़ा गया है। इससे रोजाना हजारों अतिरिक्त यात्रियों को लाभ मिल रहा है। इन डिब्बों के शामिल होने से रोजाना करीब एक लाख अतिरिक्त सवारी रेल यात्रा के सफर का लाभ उठा पाएंगे।
और जीएस कोच कराए जा रहे तैयार:
कार्यकारी निदेशक ने बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर नये जीएस कोचों का निर्माण तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में रेलवे के बेड़े में ऐसेगैर-वातानुकूलित सामान्य श्रेणी के 10 हजार से ज्यादा जीएस कोचों को शामिल कर लिया जाएगा। इनमें छह हजार से ज्यादा जीएस कोच होंगे, जबकि बाकी डिब्बे स्लीपर श्रेणी के होंगे। इतनी बड़ी संख्या में नॉन एसी कोचों के शामिल होने से सामान्य श्रेणी के करीब आठ लाख अतिरिक्त यात्री रोजाना रेल यात्रा का सफर कर पाएंगे। जीएस श्रेणी के ये नवनिर्मित तमाम कोच एलएचबी के होंगे । ये सफर को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ सुरक्षित और द्रुत बनाने में भी मदद करेगी। पारंपरिक आईसीएफ़ रेल डिब्बों के मुकाबले ये नये एलएचबी कोच अपेक्षाकृत हल्के और मजबूत हैं। हादसे की स्थिति में इन कोचों में नुकसान भी कम से कम होगा।
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