अभियान : बिना एमबीबीएस डॉक्टर के भरोसे चलता है अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर
सिमुलतला का अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना एमबीबीएस डॉक्टर के चल रहा है। यहां आपातकालीन सेवाएं और एंबुलेंस की सुविधा नहीं है। मरीजों को इलाज के लिए देवघर या झाझा जाना पड़ता है, जिससे कई बार...
अभियान : बिना एमबीबीएस डॉक्टर के भरोसे चलता है अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर अभियान : बिना एमबीबीएस डॉक्टर के भरोसे चलता है अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सिमुलतला
इमरजेंसी व एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं
फोटो - 07, परिचय - अस्पताल में लगा बेड की तस्वीर
फोटो - 08, परिचय - सिमुलतला अस्पताल की तस्वीर
सिमुलतला, निज संवाददाता
आयुष चिकित्सक के भरोसे चलता है अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर सिमुलतला। यहां आपातकालीन सेवा नहीं है उपलब्ध। एएनएम व जीएएनएम कराती है महिला को प्रसव। एंबुलेंस की सेवा भी है नदारत, झाझा से बुलाते है एंबुलेंस। मरीजों को इलाज के लिए जाना पड़ता है, देवघर या झाझा। जबकि उक्त स्वास्थ्य केंद्र 20 किलोमीटर की परिधि में एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र है। जहां जमुई के अलावे बांका जिले के दर्जनों गांव के मरीज भी इलाज के लिए पहुंचते हैं। इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कई दफा मरीज अस्पताल पहुंचाने या अस्पताल में इलाज नहीं होने के कारण देवघर व झाझा जाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ दिया है। ताजा मामला 11 सितंबर 2024 की है जहां बांका जिला के बेहरार गांव की चार बच्चियां स्नान करने दौरान गहरे पानी में डूब गया था। परिजन बेहोशी अवस्था में चारों बच्चीयों को सिमुलतला अस्पताल लाया था। जहां इलाज नहीं होने के कारण झाझा ले जाने के दौरान चारों बच्चियां की रास्ते मे ही मौत हो गई। डॉक्टर शेखर कुमार से अस्पताल की संदर्भ में जानकारी लेने की कोशिश किया तो उन्होंने बताया कि यहां एक एमबीबीएस डॉक्टर है जो झाझा रेफर अस्पताल के अतरिक्त प्रभार में है। यहां फिलहाल यहां एक भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है। यहां फार्मासिस्ट नहीं रहने के कारण एएनएम दवा वितरण कार्य करती है। हमलोग दो आयुष डॉक्टर यहा कार्यरत हैं। सप्ताह में 2 दिन हमलोगों को सिमुलतला आवासीय विद्यालय में ड्यूटी है। यहां 2 एएनएम एक जिएनएम नर्स और एक चपरासी कार्यरत है। डॉक्टर फरहीन खानान, एएनएम ललिता कुमारी, एएनएम सोनलता कुमारी और चपरासी दिलीप कुमार नियमित हैं। मैं डॉक्टर शेखर कुमार और जीएनएम शिल्पी कुमारी संविदा पर है। यह 6 बेड का अस्पताल है। यहां सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 तक ओपीडी चलता है। यहां सिर्फ ओपीडी सेवा उपलब्ध है। जिससे प्राथमिक उपचार किया जाता है। जैसे सर्दी बुखार जुकाम आदि के अलावे डायबिटीज और बीपी की जांच कर दवा दिया जाता है। जिसका दवा उपलब्ध है। यहां जब एक्सीडेंट केस आता है, तो उसके लिए ड्रेसर भी नहीं है। जिससे हम लोगों को काफी परेशानी होती है। और यहां एक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। एंबुलेंस की आवश्यकता पड़ने पर हम लोग झाझा से बुलाते हैं या मरीज के परिजन खुद अपनी व्यवस्था कर इलाज के लिए मरीज को ले जाते हैं एएनएम सोमलता कुमारी ने बताया कि यहां औसतन प्रत्येक माह 8 से 10 प्रसव होती है। यहां 116 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है।
सिकंदरा के भगवान महावीर कि धरती लछुआड़ में मां बेटी सम्मेलन आयोजित
फोटो - 09
परिचय - मां-बेटी सम्मेलन में मौजूद महिलाएं व छात्राएं
सिकंदरा, निज प्रतिनिधि
सिकंदरा प्रखंड के लछुआड़ में परिवार विकास विकास/चाइल्ड फण्ड इन्टरनेशनल के तत्वावधान में मां बेटी का सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें समन्वयक रामवृक्ष महतो ने मां बेटी सम्मेलन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि बेटी जब बड़ी होने लगती है तो उसके साथ मां का सहेली के जैसा व्यवहार होना चाहिए। जिससे बेटी खुलकर अपनी मां से बात अपनी बातों से अपनी समस्याओं से मां को रूबरू करा सके। हम अपने बच्चों को सम्पत्ति नहीं बल्कि संस्कार दें। बच्चों के साथ समय दें। वहीं आयुष चिकित्सा पदाधिकारी आरती कुमारी बताई कि मासिक धर्म के समय मां को बेटी पर ध्यान देना जरूरी है। क्योंकि बच्चे के साथ पहली बार इस समस्याओं से जूझती है। उसे बताने की जरूरत है कि ऐसा सभी लड़कियों महिलाओं के साथ होता है। इस समय साफ सफाई पर विशेष ध्यान देकर ही बेटी को स्वस्थ होने की कल्पना कर सकते हैं। प्रजनन तंत्र संक्रमण होने का कारण लक्षण और बचाव की विस्तृत जानकारी दी। तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में युवाओं के लिए युवा क्लीनिक में मिलने वाली सुविधाएं के बारे में विस्तृत जानकारी दी जानकारी पंकज कुमार जी ने लिंग भेदभाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कि लड़के लड़कियों समान अधिकार मिलेगा तभी परिवार का देश का सर्वांगीण विकास संभव है। वर्तमान में मां बेटी अलग-अलग मोबाइल लेकर देखते रहते हैं। विक्रम जी ने बताया कि हर मां को समझना जरूरी है कि हमें बेटी के उम्र में जो समस्या थी वो आज उनकी बेटी को भी है। उस समस्याओं के समाधान के लिए बेटी को उचित परामर्श दें। बेटी की मनोभावनाओं को समझें और उनकी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करें। बेटी बेटों से किसी क्षेत्र में कम नहीं है। वशर्त आप बेटी से जानें की किस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती है। और उस उस क्षेत्र में आगे बढ़ने में सहयोग करें। तभी बेटी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर आपके परिवार का देश का नाम रौशन करेगी।
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