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किसानों का सपना होने को है, खेतों तक पहुंचेगा डैम का पानी कहां-कहां पहुंचेगी पानी

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Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईSat, 18 Jan 2025 03:16 AM
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किसानों का सपना होने को है, खेतों तक पहुंचेगा डैम का पानी कहां-कहां पहुंचेगी पानी किसानों का सपना होने को है, खेतों तक पहुंचेगा डैम का पानी

मार्च 2025 में हो सकता है कुंड घाट का कार्य पूरा

90 प्रतिशत काम हो चुका है पुरा, बस कुछ ही समय का इंतजार

फोटो - 01

परिचय - लछुआड़ डैम की तस्वीर

सिकंदरा, निज संवाददाता

अब बहुत जल्द किसानों को खुशखबरी मिलने बाला हैं। जब किसान कुंड घाट के जलाशय का पानी से अपने अपने खेतों का पटवन कर पाएंगे। हम बता दें कि जिले के बहुचर्चित कुंडघाट जलाशय परियोजना निर्माण का कार्य अब कुछ ही महीनों में पूर्ण होने के कगार पर है। बरसात का पानी स्टोर करने के लिए कुंडघाट डैम सक्षम हो चुका है। खेतों के पटवन के लिए टोटल 34 किलोमीटर लम्बा नहर बनाने का काम शुरू हो चुका है। विभाग के अनुसार डैम निर्माण का कार्य लगभग 90% तक पूर्ण हो चुका है। इस बार का बारिश होने पर पिछले वर्ष नवनिर्मित डैम में 104 लेवल तक पानी स्टोर हुआ था। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 2008 में कुंडघाट परियोजना का शिलान्यास किया गया था। 15 साल बाद कई समस्याओं को पार कर डैम निर्माण का कार्य पूर्ण होने वाला है। जिससे 40 हजार से अधिक आबादी को सिंचाई की सुविधा का लाभ मिल सकेगा। फिलहाल डैम निर्माण में बचे हुए काम को काफी रफ्तार के साथ किया जा रहा है। डैम निर्माण का कार्य पूर्ण होने पर इस जगह पर सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा। डैम निर्माण में बोल्डर पिचिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। बांध के दूसरे साइड डाउनस्ट्रीम पर घास लगाने का कार्य प्रगति पर है। लगभग 1000 मीटर एरिया में घास लगाया जा चुका है। फिलहाल हाई लेवल नहर (केनाल) का कार्य तेजी से चल रहा है।

कुछ दिनों में कुंडघाट एरिया की बदल जाएगी सूरत

लछुआड़ से जन्मस्थान के रास्ते कुंडघाट च्यवन कल्याणक व दीक्षा कल्याणक मंदिर से पहले सड़क के ऊपर पुल के माध्यम से उच्च स्तरीय नहर का निर्माण कर पानी को कोरवाडीह 4.15 किलोमीटर ले जाया जाएगा। पुल बनाने को लेकर कंबाइंड स्ट्रक्चर के पश्चिम से सड़क को 20 फीट अंदर कर पुल के नीचे से मोड़कर जोड़ा जाएगा। वही डैम निर्माण में बोल्डर पिचिंग, साप्टबेल (पानी कंट्रोलर) एप्रोच रोड में जीएसबी एवं डैम टॉप पर जीएसबी का कार्य पूर्ण हो चुका है। टॉप एरिया में सिर्फ ढलाई का भी काम किया जा रहा है। डैम के टॉप एरिया से वन विभाग के द्वारा हैंगिंग ब्रिज बनाकर जैन साधु साध्वी को जन्मस्थान जाने के लिए पैदल मार्ग को चालू किया जाएगा।

कुंडघाट डैम से कहां-कहां पहुंचेगी पानी

बता दें कि पूर्व की भांति किसानों की सुविधा के लिए नहर की लंबाई को बढ़ाया गया है। जिसमें कुछ नई नहर का निर्माण किया जा रहा है। कुंडघाट डैम के समीप ब्रिज बनाकर 4.15 किलोमीटर लंबा उच्च स्तरीय कोरवाडीह तक नहर बनाया जा रहा है। डैम से मेन नहर (केनाल) की लंबाई 6.30 किलोमीटर होगा। गोखुला ब्रांच केनाल से नये कुमार माइनर बेस्ट केनाल की लंबाई 8.96 किलोमीटर होगा। वही गोखुला ब्रांच से नये मां नेतुला केनाल की लंबाई 3.91 किलोमीटर होगा। मेन कैनाल से रवैया डिस्ट्रीब्यूट कैनाल की लंबाई 5.70 किलोमीटर किया जाएगा।

जानकारी देते हुए सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता रवि शैखर शर्मा ने बताया कि कुंडघाट डैम निर्माण का कार्य लगभग 90% का कार्य पूर्ण हो चुका है। डैम में पानी स्टोर किया भी गया था। फिलहाल कैनाल का कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डैम बांध की ऊंचाई रिवर वेट से 46.18 मीटर है। जिसमें 125.43 एफआरएल तक पानी स्टोर करने की क्षमता हो गया है। नवनिर्मित डैम में 3 वर्षों तक 50% तक ही पानी स्टोर करना है। पिछले साल के बरसात में 104 लेवल तक पानी स्टोर हुआ था। इस डैम से 2035 हेक्टेयर खेतों का पटवन होगा। फिलहाल सभी कैनाल का काम किया जा रहा है। ओर मार्च 2025 तक पुरा हो जाएगा।

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