अदबरिया जंगल में पर्यटन की संभावनाएं
लक्ष्मीपुर के खड़गपुर प्रखंड स्थित अदबरिया जंगल में पर्यटन की संभावनाएं हैं। यह जंगल भीम बांध के पास है, जहां प्राकृतिक झरना और हरी वन्यजीवों की विविधता पर्यटकों को आकर्षित करती है। अदबरिया गांव के...
लक्ष्मीपुर। जमुई जिला के लक्ष्मीपुर प्रखंड सीमा से लगे खड़गपुर प्रखंड स्थित भीम बांध के बाद अदबरिया जंगल में भी पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। अदबरिया जंगल लक्ष्मीपुर भीम बांध मुख्य सड़क स्थित स्थित है। जहां थोड़ी आबादी भी बसी हुई है। जो लक्ष्मीपुर प्रखंड सीमा क्षेत्र में पड़ता है। श्रृंखलाबद्ध पहाड़ियों के बीच घने हरे जंगल के बीच बहता प्राकृतिक झरना शैलानियों को आकर्षित करता है। जिस कारण भीम बांध जाने और आने के दौरान शैलानी कुछ क्षणों के लिए अदबरिया जंगल में रुका कर प्राकृतिक मनोरम दृश्य का लुप्त उठाते हैं। एक दशक पूर्व जब भीम बांध को ईको टूरिज्म के मानचित्र पर लाने की काव्य शुरू हुआ। तो उसके सीमा वर्ती क्षेत्र के मानचित्र में अदबरिया जंगल को भी शामिल किया गया था। जहां के विकास के लिए कई बार बैठक आयोजित किया गया था। जो समय गुजरने के साथ ठंडे बस्ते में पड़ गया। उस समय के आयोजित बैठक में अदबरिया गांव और जंगल के विकास की बातें हुआ करता था। जिसका उद्देश्य था भीम बांध जाने वाले शैलानियों के लिए एक अच्छा संदेश हो। अदबरिया ग्रामीण बताते है कि जंगल में आज भी नदी है। जहां ठंडा पानी का प्राकृतिक झरना है। जिसे संरक्षण करने की जरूरत है।
वैसे नदी का जुड़ाव भीम बांध में बहने वाले गर्म पानी के झरना से है। भीम बांध में ठंड के मौसम में बढ़ते से भीड़ के बीच जगह कम पड़ने लगता है। बढ़ते भीड़ को देखते हुए भीम बांध को अदबरिया से जोड़कर उसका विस्तार किया जा सकता है। जिससे अदबरिया के गर्मियों को रोजगार का भी सृजन किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार भीम बांध इको पर्यटन स्थल के मानचित्र में लक्ष्मीपुर के अदबरिया, जोगिया, कनार, बारहट प्रखंड के बेला, गुरमाह और चोरमारा जैसे गांव को जोड़ा गया था।
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