सम्राट अशोक भवन: 6 सालों से राशि और 2 साल से निर्माण का कार्य लटका है अधर में
सम्राट अशोक भवन: 6 सालों से राशि और 2 साल से निर्माण का कार्य लटका है अधर सम्राट अशोक भवन: 6 सालों से राशि और 2 साल से निर्माण का कार्य लटका है अधर में
झाझा । निज संवाददाता सम्राट अशोक के नाम पर नगर क्षेत्र में एक बहुद्देश्यीय भवन के निर्माण की राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना झाझा नगर निकाय क्षेत्र में सालों बाद भी परवान नहीं चढ़ पाई है। जानकारीनुसार उक्त बहुद्देश्यीय भवन के निर्माण को ले करीब डेढ़ करोड़ रूपए की राशि जहां बीते करीब छह सालों से,तो भवन का निर्माण कार्य बते करीब दो सालों से अधर में ही लटका है। बताते हैं कि साल 2018 में ही राशि प्राप्त हो जाने के बाद करीब अगले चार साल तक भवन के लिए स्थल चयन के मामले में पेंच फंसा रहा। और....काफी जद्दोजहद के बाद अंतत: करीब दो साल पूर्व बीते 2 सितंबर,22 को झाझा के विधायक सह पूर्व मंत्री दामोद रावत द्वारा हथिया पुल के करीब चयनित एक स्थल पर भवन की आधारशिला तो रख दी गई किंतु निर्माण का कार्य कभी विभाग की तो कभी संवेदक की शिथिलता का शिकार होता रहा। स्थानीय ग्रामीण बतात्े हैं कि गाहे-बगाहे काम शुरू होता और फिर अनायास ही महीनों तक के लिए बंद हो जाने की स्थिति विगत में कई बार देखी गई है। स्पष्ट भी है कि,शिलान्यास के करीब सवा दो सालों बाद तक भी उक्त भवन का निर्माण कार्य मुकम्मल नहीं हो पाना उक्त स्तरों की शिथिलता या कहें संवेदनशून्यता की शायद स्वत: ही गवाही दे रहा है। बताया जाता है कि चंद माह पूर्व संवेदक द्वारा भवन निर्माण की कवायद पुन: शुरू करते देखा गया था। किंतु,बकौल कई स्थानीय ग्रामीण,काम को आनन-फानन किसी तरह पूरा करने की जुगत में निर्माण कार्य में गड़बड़ी व अनियमितता बरती जाती देख पूर्व वार्ड पार्षद कालीकांत समेत सिंटू कुमार, संतोष, बिपीन, श्याम, विकास, राकेश, दीपांशु, लोकेश व प्रिंस कुमार, सुनील साव, अमन, प्रदीप, ओमप्रकाश व श्यामसुंदर साव एवं विक्की यादव आदि सभी स्थानीय ग्रामीणों ने एकजुट हो उक्त घटिया निर्माण कार्य का पुरजोर विरोध किया था। साथ ही ग्रामीणों ने इस संबंध में जमुई डीएम को भी अभ्यावेदन दे घटिया निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच कराते हुए उक्त महत्वाकांक्षी भवन का निर्माण गुणवत्तापूर्ण तरीके से सुनिश्चत कराने की गुहार लगाई थी।
4 सालों से तक राशि पड़ी रही थी,फिर बीते दो साल से निर्माणाधीन ही चल रहा है भवन:
जानकारीनुसार,नगरीय निकायों में उक्त भवन की योजना जीतनराम मांझी के कार्यकाल में ही स्वीकृत हुई थी। 2018 से करीब 1.57 करोड़ रूपए की राशि भी आकर पड़ी थी। पर,किन्हीं वजह व बाधाओं से करीब चार सालों तक राशि यूं ही शोभ बढ़ाती रही। अंतत:एनएच 333 पर झाझा के हथिया पुल के समीप जमीन के चयन के बाद उक्त योजना को जमीन पर उतारने की कवायद शुरू हुई थी। किंतु बीते 02 सितबर,22 को शिलान्यासित उक्त भवन सितंबर,24 तक भी पूर्ण नहीं हो पाया है।
420 स्क्वायर मीटर एरिया में बनने वाले भवन की निम्नानुसार होगी संरचना:
नागरिक सुविधा मद् से झाझा के चरघरा के करीब बनने वाले उक्त भवन की बावत तब विभागीय एई ने बताया था कि निर्माण कार्य कुल 420 स्क्वायर मीटर एरिया में होगा। बलुआही मिट्टी की वजह से यहां पाइलिंग का आठ फीट डीप फाउंडेशन किए जाने तथा उसे एनएच रोड की सतह के लेवल में लाए जाने की बात भी उस वक्त बाई गई थी। भवन की लंबाई 22.87 मीटर व चौड़ाई18.2 मीटर होने तथा भवन में एक बड़ा कॉन्फ्रेंस हॉल,डाइनिंग हॉल व बाथरूम आदि के अलावा उपरी तल पर एक गार्ड रूम व दो स्टाफ रूम होने एवं भवन के आगे पोर्टिको व पार्किंग का भी प्रावधान होने की बात विभागीय पहरूओं ने बताई थी।
क्या कहते हैं अधिकारी:
हमने अभी हाल में ही पद ग्रहण किया है। मामले की तहकीकात के अलावा मैं खुद भी एकाध दिन में जाकर स्थिति का जायजा ले लेता हूं। काम को शीघ्र पूरा कराने को ले जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
- यदुनाथ, ईई, नगर विकास विभाग, जमुई
ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन पर विभागीय टीम ने की थी जांच, मानी थी गड़बड़ी की बात
झाझा, निज संवाददाता
भवन निर्माण में भारी गड़बड़ी की शिकायत को ले बीते सितंबर,24 माह में ग्रामीणों के लगातार विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर फिर जमुई स्थित नगर विकास विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता (ईई) की अगुवाई में एक टीम ने बीते 24 सितंबर को स्थलीय जांच की थी। जांच के क्रम में भवन निर्माण में गड़बड़ी संबंधी ग्रामीणों के आरोप से वे खुद भी सहमत होते हुए सीढ़ियों को तोड़वाकर विनिर्दिष्ट मापदंड के मुताबिक बनाने के निर्देश के अलावा भवन की छत आदि में व्यवहृत मेटेरियल आदि की भी जांच कराने का भरोसा ग्रामीणों को दिया था। पूर्व ईई ने जेई को भवन की योजना के प्राक्कलन के साथ तलब भी किया था। सूत्रों की मानें तो विभागीय टीम की जांच में यह हैरानी भरी बात भी सामने आई थी कि निर्माण का बहुत कुछ कार्य मूल प्राक्कलन में किए गए प्रावधान से हटकर था। वैसे इस संबंध में सही तथ्य तो प्राक्कलन व सरजमीं पर बन रहे भवन की तुलनात्मक जांच से ही स्पष्ट हो पाएगा। ग्रामीण बताते हैं कि ईई के निरीक्षण के बाद सीढ़ियां तो पुन:बनीं किंतु उसके बाद से एक बार फिर काम पूरी तरह ठप देखा जा रहा है।
राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर विभिन्न विभाग के पदाधिकारी के साथ हुई बैठक
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परिचय - बैठक में भाग लेते प्राधिकार के सचिव व विभाग के पदाधिकारी
जमुई, नगर प्रतिनिधि
जिला जज सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार धर्मेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमुई कार्यालय में आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 14 दिसंबर के आलोक में एक बैठक बुलाई गई। बैठक की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राकेश रंजन के द्वारा किया गया। बैठक में बिहार सरकार की विभिन्न विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें वन विभाग, बिजली विभाग, खनन विभाग, माप तौल, श्रम विभाग, टेलीफोन इत्यादि के पदाधिकारियों ने भाग लिया। आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी को लेकर इस बैठक में चर्चा की गई। संबंधित विभाग के लंबित मामले जो आपसी सुलह के आधार पर निपटाए जा सकते हों को चिन्हित करने के लिए कहा गया है। लोक अदालत का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने तथा मामले के निष्पादन में लोग हित का ध्यान रखते हुए लचीला रुख अपनाने का निर्देश सचिव के द्वारा दिया गया। संबंधित पक्षकार को समय से नोटिस भेजने एवं उन्हें अपने मामलों के निष्पादन के लिए प्रोत्साहित करने का भी निर्देश दिया गया। समस्त पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने का संकल्प लिया।
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