सेवानिवृत कर्मचारियों को निशाना बनाने में लगे साइबर अपराधी
सेवानिवृत कर्मचारियों को निशाना बनाने में लगे साइबर अपराधी सेवानिवृत कर्मचारियों को निशाना बनाने में लगे साइबर अपराधी
जमुई। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि 3 जनवरी को वेतन, पेंशन या अन्य मद की राशि के निकासी को लेकर नया सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने का लाभ साइबर अपराधी उठाने में लगे हैं। सीएमएफएस के कारण कोषागार से किसी भी प्रकार के बिल और पैसे की निकासी नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में साइबर अपराधी सेवानिवृत कर्मचारी को फोन कर पैसा निकासी करने की बात कह उनसे ओटीपी और आधार कार्ड नंबर ले रहे हैं। साइबर अपराधी कोषागार के कर्मचारी या बैंक कर्मचारी बनकर फोन कर रहे हैं। हाल ही में कई जिलों में साइबर अपराधी सेवानिवृत कर्मचारियों को निशाना बनाया है। एक सेवानिवृत कर्मचारियों के अकाउंट से 20 लाख रुपए की अवैध निकासी कर ली गई है। कोषागार पदाधिकारी सुधीर कुमार गिरि ने बताया कि किसी भी स्थिति में अगर कोई भी व्यक्ति ओटीपी या आधार कार्ड नंबर की मांग करता है तो नहीं देना है। अगर ओटीपी या आधार कार्ड का नंबर देते हैं तो उनका अकाउंट खाली हो सकता है। उन्होंने बताया कि ऑप्टिकल फाइबर से जल्द ही जमुई कोषागार जुड़ जाएगा और पेंशन, वेतन भुगतान की समस्या का समाधान हो जाएगा। किसी भी स्थिति में साइबर अपराधी की बातों में नहीं पड़ना है।
सीएफएमएस के कारण कई विभाग का फंसा बिल
नया सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने के कारण हो रही परेशानी
कई विभागों का रुका हुआ हुआ है पेमेंट, लोग हो रहे हैं परेशान
जमुई। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि
बिहार सरकार का अकाउंट फ्रीज हो गया है। किसी तरह का विभागीय लेन-देन नहीं हो पा रही है। जिले में भी कई विभाग है जहां पैसा रहने के बावजूद भी पेमेंट नहीं हो रहा है। पेमेंट नहीं होने से लोग परेशान नजर आ रहे हैं। खास कर शिक्षा विभाग में सिविल वर्क करने वाले लोग कुछ ज्यादा ही परेशान है। दरअसल, सरकार ने 3 जनवरी से वेतन-बिल के भुगतान के लिए नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया था। लॉन्चिंग के साथ ही तकनीकी पेंच आ गया, जो 25 दिन बाद भी ठीक नहीं हो सका है। इससे बिल, पेंशन और सैलरी फंस गई है। बिहार सरकार का वित्तीय कामकाज सीएफएमएस (कंप्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) से किया जाता है। इसकी शुरुआत अप्रैल 2019 में हुई थी। इसके अपग्रेड वर्जन में समस्या आ गई है। बिहार में सीएफएमएस 2.0 शुरू किया गया है। सॉफ्टवेयर अपडेट ना होने के कारण कुछ बिल रुके हुए हैं। एक सप्ताह में ठीक हो जाने की संभावना जताई जा रही है। पिछली बार सीएफएमएस 1.0 को ठीक होने में 3 महीने लगे थे। जानकारी यह भी मिल रही है कई सीनियर अफसरों को ट्रैवल बिल नहीं मिला है। इसकी जद में खासकर दिसंबर में बिहार के बाहर जाने वाले अफसर हैं। इसमें कई विभागों के अपर मुख्य सचिव भी शामिल हैं।
सॉफ्टवेयर में दिक्कत आने से बिहार के करीब 3 लाख क्षेत्रीय कर्मचारियों, 5 लाख शिक्षकों और 50 हजार संविदा कर्मियों को दिसंबर का वेतन नहीं मिला है।
धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर का अपग्रेड वर्जन रन कर रहा है। सरकार ने बेलट्रॉन को कड़ा निर्देश दिया है। बेलट्रॉन सरकार का मुख्य डाटा सेंटर है। केंद्र की सख्ती के बाद आनन- फानन में सीएफएमएस 2.0 लॉन्च हुआ। 3 जनवरी को सीएफएमएस 2.0 लॉन्च किया था। केंद्र ने नया वर्जन नहीं होने के कारण फंड को नहीं दिया था। इस कारण राज्य सरकार ने नया वर्जन लॉन्च किया। नए सॉफ्टवेयर 2.0 में सरकार का पुराना डेटा ट्रांसफर नहीं हो सका है। इसके अलावा नए वर्जन में एचआरएमएस काम नहीं कर रहा है। कर्मचारियों का डेटा जैसे-अकाउंट नंबर आदि शो नहीं कर रहा है।
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