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अस्पतालों में नहीं मिल रहा है कप सीरप

अस्पतालों में नहीं मिल रहा है कप सीरप अस्पतालों में नहीं मिल रहा है कप सीरपअस्पतालों में नहीं मिल रहा है कप सीरपअस्पतालों में नहीं मिल रहा है कप सीरप

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईThu, 6 March 2025 03:37 AM
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अस्पतालों में नहीं मिल रहा है कप सीरप

अस्पतालों में नहीं मिल रहा है कप सीरप अस्पतालों में नहीं मिल रहा है कप सीरप

जिला के स्वास्थ्य केंद्रों में केवल टैबलेट मिलने से खांसी नहीं हो रही है ठीक

282 की जगह सदर अस्पताल में उपलब्ध है 210 तरह की दवाईयां

2016 से ही कफ सीरप की आपूर्ति हो गई है बंद

बाजार से मरीज खरीद रहे है कप सीरप

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परिचय - सदर अस्पताल परिसर में मौजूद पंजीकरण काउंटर पर लगी भीड़

जमुई, निज संवाददाता

जिले के अस्पतालों में खांसी के मरीजों को कप सीरप के बजाय टैबलेट दिया जा रहा है, जिससे उनकी खांसी देर से ठीक हो रही है। ऐसे में मरीज खांसी के सीरप की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार ने कप सीरप की आपूर्ति सरकारी अस्पतालों में बंद कर दी है। दरअसल, इसक गलत उपयोग किया जा रहा था। डॉक्टरों का कहना है कि कप सीरप में अल्कोहल की मात्रा होने की वजह से कुछ लोग उसका गलत उपयोग करने लगे थे। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने साल 2016 से ही खांसी के सीरप की आपूर्ति बंद कर दी है। इस कारण डाक्टर भी मरीज की पर्ची पर सीरप की जगह टैबलेट लिख रहे हैं। प्रावधान के अनुसार सरकारी अस्पताल में उपलब्ध दवा को ही डॉक्टर मरीज की पर्जी पर लिखते है। कफ सीरप अनुपलब्ध है। इसलिए वह मरीजों को कफ सीरप लेने की सलाह नहीं देते है। सरकारी अस्पतालों में खांसी के मरीजों को कफ सीरप की जगह डाक्टरों द्वारा एजिथ्रोमाइसिन, लिवोसेट्रीजिन, बिटामिन सी, मल्टी बिटामिन सहित अन्य टैबलेट पर्ची पर लिखा जा रहा है। डॉक्टर द्वारा खांसी के मरीजों को लिखी दवा सरकारी अस्पताल के काउंटर पर मिलती है। मरीज बता रहे हैं कि टैबलेट से उनकी खांसी देर से ठीक हो रही है। इसलिए वह बाजार की दवा दुकानों से सीरप खरीदकर पी रहे है। कहा कि सीरप का उपयोग करने से उनकी खांसी तीन से चार दिनों में ठीक हो जाती है।

औसतन 150 मरीज रोज पहुंच रहे सदर अस्पताल :

सदर अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 150 खांसी के मरीज स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि सदर अस्पताल में प्रतिदिन विभिन्न तरह की बीमारियों के 500 से 600 मरीज आ रहे हैं। बुधवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में करीब 150 मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर दवा लिखी थी। बुधवार को सदर अस्पताल में मिले खांसी के मरीज वार्ड 14 के सुबोध कुमार, वार्ड 16 की सुषमा देवी, वार्ड 3 की निर्मला देवी आदि ने कहा कि तीन दिन पहले यहां टैबलेट ले गए थे, लेकिन अब तक खासी ठीक नहीं हुई। उनलोगों ने डाक्टर से कहा कि सीरप लिख दीजिए, बाजार से खरीद लेंगे।

सीरप छोड़कर 210 तरह की दवाएं उपलब्ध :

सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित काउंटर पर दवा के लिए मरीजों की लंबी कतार लग रही है। इस काउंटर पर बुधवार को खांसी का सीरप छोड़कर 210 प्रकार की दवाएं उपलब्ध थी, जबकि ओपीडी के काउंटर पर 282 प्रकार की दवा रहनी चाहिए। वहीं इमरजेंसी में भी कई मरीज खांसी से पीड़ित हो कर आए थे। सदर अस्पताल प्रबंधक का मानना है कि बिहार सरकार द्वारा खांसी के कफ सीरप को बंद किए जाने की वजह से मरीजों को टैबलेट दिया जा रहा है।

क्या कहते है अधिकारी :

सरकारी अस्पतालों में बिहार सरकार द्वारा कफ सीरप को बंद कर दिए जाने के कारण मरीजों को टैबलेट दिया जा रहा है। टैबलेट से मरीजों की खांसी ठीक भी हो रही है।

डा. सैयद नौशाद अहमद, डीएस, सदर अस्पताल, जमुई

एक्सक्लूसिव : होली आते ही बाजारों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री हुई शुरू

बाजार में बेरोकटोक बिक रहे मिलावटी दूध, पनीर और घी

पनीर में अरारोट तो घी बनाने में पॉम ऑयल

खाद्य सामग्रियों के साथ ही मसालों में भी मिलावट का खेल

जांच के नाम पर खानापूर्ति, मुनाफाखोरों की बल्ले-बल्ले

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परिचय - शहर की एक दुकान में मिठाइयों से भरी ट्रे

जमुई, मनोज तिवारी / नगर प्रतिनिधि

होली का पर्व आने में अब लगभग एक सप्ताह का समय रह गया है । होली आते ही मिलावट का बाजार दौड़ पड़ा है। मुनाफाखोर अपने फायदे के लिए मसाला, मिठाई से लेकर अन्य खाद्य सामग्रियों में मिलावट कर रहे हैं। पर्व के मौके पर इन सामग्रियों को खपाने की तैयारी है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि खरीदारी करते समय विशेष सावधानी जरूर बरतें वरना, सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। विडंबना यह कि होली के बाजार में मिलावट खूब हो रहा है। हलांकि, मिलावट करने वालों पर नकेल कसने के लिए शहर की कुई दुकानों के समानों के सैंपल ले जांच के लिए फूड एंड सेफ्टी विभाग द्वारा भेजी गई है।

मिर्च पावडर में मिर्च कम, धनिया व रंग अधिक :

रसोईघर में इस्तेमाल होने वाले मसालों में मिलावट किया जा रहा है। मिर्च पावडर बनाने में मिर्च कम और धनिया अधिक देकर मशीन में पिसायी की जा रही है। कलर के लिए रसायनिक रंग का बेधड़क इस्तेमाल किया जा रहा है। हल्की पावडर बनाने में भी इसी तरीके को अपनाया जा रहा है। सरसों तेल से लेकर नमकीन, चिप्स और पापड़ में मिलावट हो रहा है। गोलकी में पपीता का बीज तो जीरा में सहजीरा को मिलाया जा रहा है।

मिठाई बनाने में भी मिलावट : कलाकंद बनाने में दूध की जगह पावडर का इस्तेमाल हो रहा है।

काजू की मिठाई में काजू कम तो मिलावटी खोवा ज्यादा मिलाया जाता है। डोडा वर्मी में पिस्ता की जगह मूंगफली का इस्तेमाल हो रहा है। कालाजामुन में छेना कम तो मैदान अधिक मिला दिया जाता है। इतना ही नहीं लड्डू में चना के बेसन की जगह मटर के बेसन, चावल के आंटा और सुज्जी तक मिला दिया जाता है।

होली के बाजार में मिलावटी दूध, पनीर और घी बिक रहा है। पनीर बनाने में अरारोट तो घी बनाने में पॉम (पामोलीन) ऑयल का इस्तेमाल किया जा रहा है। खोवा बनाने में दूध कम तो चावल के पावडर का प्रयोग अधिक किया जाता है। दूध की पेराई कर क्रीम निकाल लिया जा रहा है और टिकाऊपन बढ़ाने के लिए फॉर्मेलिन जैसे रसायन मिला दिया जाता है। यह सेहत के लिए काफी हानिकारक माना गया है।

कहते हैं अधिकारी :

फूड इंस्पेक्टर अर्जुन प्रसाद कहते हैं कि मिलावट करने वालों के खिलाफ जल्द विशेष अभियान चलेगा। मिठाई, मसाला व खाद्य सामग्रियों की 8-10 दुकानों से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच में गड़बड़ी मिलती है तो निश्चित कार्रवाई होगी। अभी वह पांच जिलों खगड़िया, मुंगेर, जमुई, लखीसराय व शेखपुरा जिले के प्रभार में है इसलिए किसी जिले में कम समय दे पाते हैं।

रमजान का चौथा रोजा है नेकी का छाता और हिफाजत का कवच

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परिचय - लच्छा की दुकान पर खरीददारी करते लोग

जमुई, निज संवाददाता

इस्लाम धर्म में रोजा का बेहद खास महत्व है और दुनियाभर के अधिकांश मुसलमान रमजान के महीने में रोजा रखते हैं। रोज इस्लाम के पांच मूलभूत सिद्धांतों में एक है और सभी मुसलमानों पर फर्ज किया गया है। कहा जाता है कि इस्लाम में रोजा रखने की परंपरा की शुरुआत दूसरी हिजरी में हुई। कुरान की दूसरी आयत सूरह अलबकरा में भी जिक्र मिलता है कि रोजा तुम पर इस तरह फर्ज है जैसे तुमसे पहले की उम्मत पर फर्ज था। कहा जाता है कि मोहम्मद साहब के मक्के से हजरत कर मदीना पहुंचने के एक साल बाद मुसलमानों पर रोजा रखने का हुकुम किया गया।

चौथा रोजा है हिफाजत का कवच :

इस साल रमजान की शुरुआत 2 मार्च 2025 से हो चुकी है और रोजेदार नियमित रूप से रोजा रख रहे हैं। आज बुधवार 5 मार्च 2024 को रमजान का चौथा रोजा रखा गया है। सुबह सहरी के साथ रोजेदारों ने रोजा का संकल्प लिया और इफ्तार के साथ चौथे दिन का रोजा पूरा किया जाएगा। रोजा नेकी का छाता है। यह ऐसा छाता है जो रोजेदारों की हिफाजत (सुराक्षा) करता है। लेकिन यह छाता रोजेदारों की हिफाजत तभी करेगा जब रोजेदार शरई तरीके (धार्मिक नियमानुसार) से रोजा रखेंगे।

पवित्र कुरान के 19वें पारे की सूरत अलमुरसिलात की 41वीं/42वीं आयत में कहा गया है कि, ‘इन्नाल मुत्तक़ीना फ़ी ज़िलालिवँ व अयूनिवँ व फवाकिहा मिम्मा यशतहन। इसका अर्थ है कि, बेशक संयमी और सत्कर्मी छांव में, चश्मों में होंगे और मेवों में होंगे जो उनको मरगूब (पसंद) होंगे। यानी नेकी का यह छाता कुल मिलाकर उनकी हिफादत की अपील करता है, जो सत्कर्म और संयम के साथ रोजा रखते हैं। इसलिए रमजान के चौथे रोजे को हिफाजत का कवच कहा जाता है। चौथा रोजा अल्लाह की अदालत में रोजेदार की वकील है।

जकात की अदायगी एक फर्ज और सामाजिक जिम्मेदारी

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परिचय - मौलाना रिजवान अहमद जमाई

जमुई, निज संवाददाता

रमजान का पवित्र माह चल रहा है। लोग रोजा रख इवादत कर रहे हैं। मौलाना रिजवान अहमद जमाई ने बताया कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो सिर्फ इबादतों पर जोर नहीं देता, बल्कि सामाजिक भलाई का भी पूरा सिस्टम देता है। जकात इसी सिस्टम का एक अहम स्तंभ है, जो धन की पवित्रता, संपत्ति के न्यायपूर्ण वितरण और समाज में इंसाफ कायम करने का जरिया बनता है। अ़फसोस की बात यह है कि आज कई मुसलमान जकात की अदायगी में कोताही बरतते हैं। जिसकी वजह से समाज में गरीबी और असमानता बढ़ रही है। उन्होंने जकात का महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि जकात इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है। कुरआन में कई जगहों पर नमाज के साथ जकात अदा करने का हुक्म दिया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि जकात सिर्फ एक आर्थिक इबादत नहीं, बल्कि समाज में इंसाफ और बराबरी कायम करने का भी एक जरिया है। उन्होंने कहा कि जकात देने से धन पाक और बरकत वाला बनता है। जकात से ज़रूरतमंदों की मदद होती है, जिससे समाज में गरीबी घटती है। जकात से इंसान के अंदर लालच और कंजूसी कम होती है और सहानुभूति बढ़ती है। उन्होंने कहा कि जो लोग जकात अदा नहीं करते, वे न सिर्फ अल्लाह के हुक्म की नाफरमानी करते हैं, बल्कि कई दुनियावी नुकसान भी उठाते हैं।

बाइक से गिरकर महिला हुयी घायल

जमुई, निज संवाददाता

जिले के खैरा बाजार में बुधवार को बाइक से गिरकर एक महिला घायल हो गयी. जिसे परिजन द्वारा इलाज के लिये सदर अस्पताल लाया गया। घायल महिला की पहचान खैरा थाना क्षेत्र के दाबिल गांव निवासी मुरारी शर्मा की पत्नी सुकमा देवी के रूप में हुई है। बताया जाता है कि महिला अपने पुत्र के साथ बाइक पर सवार होकर खैरा बाजार गयी थी। जहां से लौटने के दौरान खैरा बाजार में महिला का संतुलन बिगड़ गया और वह बाइक से गिरकर घायल हो गयी। सदर अस्पताल में इलाज के बाद चिकित्सक ने घायल महिला की स्थिति खतरे से बाहर बताया है।

सड़क दुघर्टना में युवक हुआ घायल

जमुई, निज संवाददाता

जिले के मलयपुर थाना क्षेत्र के कटौना पुल के समीप एक तेज रफ्तार बाइक साढ़ को टक्कर मार दिया। इस दुर्घटना में बाइक सवार युवक घायल हो गया। मलयपुर थाना की पुलिस द्वारा घायल युवक को इलाज के लिये सदर अस्पताल लाया गया। घायल युवक की पहचान केवाल गांव निवासी मो शमशेर के रूप में हुयी है। बताया जाता है कि मो शमशेर बाइक पर सवार होकर जमुई किसी कार्य से आया था। जहां से घर लौटने के दौरान कटौना पुल के समीप सड़क पर अचानक एक साढ़ आ गया और बाइक अनियंत्रित होकर साढ़ में टक्कर मार दिया. जिससे वह घायल हो गया।

फेसबुक से शुरू हुआ प्यार, हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद थाने में रचाई शादी

प्रेमिका ने प्रेमी के विरुद्ध थाना में दिया था आवेदन

दोनों परिवार की रजामंदी से हुई शादी

बरहट थाना क्षेत्र का मामला

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परिचय - बरहट थाना में बजरंग बली मंदिर में आशीर्वाद लेते प्रेमी जोड़ा

बरहट, निज संवाददाता

पहले प्यार, फिर तकरार, बात बढ़ी तो प्रेमिका ने प्रेमी के विरुद्ध थाना में दी आवेदन। मामला पहुंचा थाना तो पुलिस ने प्रेमी को उठाया। प्रेमी के साथ उसके परिवार के लोग थाना पहुंचे, दोनों परिवारों के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा और फिर दोनों परिवारों की रजामंदी से थाना में बजरंग बली को साक्षी मानकर प्रेमी-प्रेमिका ने रचाई शादी। इसके गवाह दोनों परिवार के लोगों के साथ थानाध्यक्ष व उपस्थित जवान बने। सबों ने नव वर वधू को आशीर्वाद देकर सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया। यह कोई फिल्मी कहानी बल्कि मंगलवार की रात बरहट थाना में घटित सच्ची कहानी है। हालांकि इस दौरान थाना परिसर में हाई वोल्टेज ड्रामा भी देखने को मिला। बाद में कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रेमी प्रेमिका को परिवार के सुपुर्द कर दिया गया।

फेसबुक से हुआ था प्यार ,थाने में शादी तक पहुंचा मामला -

जानकारी के अनुसार बरहट थाना क्षेत्र के भूदानपूरी गांव निवासी संदीप मांझी ( 20) पिता नरेश मांझी लखीसराय जिले के एक कॉलेज से नर्सिंग की पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान उसको फेसबुक पर मटिया मोहनपुर गांव निवासी तुलो मांझी की पुत्री सुहाना से दोस्ती हो गई। ऑनलाइन चैटिंग से शुरू हुआ यह रिश्ता धीरे-धीरे प्यार में बदल गया। दोनों ने एक-दूसरे के मोबाइल नंबर लिए और फोन पर बातचीत करने लगे। करीब एक साल तक दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चलता रहा और इस दौरान वे कई बार मिले भी।

लेकिन जब संदीप के घरवालों ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी तो यह बात सुहाना को बर्दाश्त नहीं हुई। जैसे ही उसे इस बारे में पता चला वह बिना देर किए बरहट थाना पहुंची और थानाध्यक्ष से न्याय की गुहार लगाई। उसने पुलिस को आवेदन देकर संदीप से शादी करने की इच्छा जाहिर की।

थाने में घंटों चला हाईवोल्टेज ड्रामा -

थानाध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत संदीप को बुलवाया। इसके बाद थाना परिसर में दोनों पक्षों के बीच जमकर बहस हुई। काफी हंगामे के बाद प्रेमी जोड़े ने शादी करने की जिद पकड़ ली। उनकी जिद के आगे किसी की एक न चली और आखिरकार थाना परिसर स्थित बजरंगबली मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से उनकी शादी करवा दी गई।इस शादी के बाद दोनों परिवारों ने भी नवविवाहित जोड़े को अपना आशीर्वाद दिया। पुलिस ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें घर भेज दिया।

प्रेमिका बोली झ्र खुशी-खुशी जीवन यापन करेंगे -

शादी के बाद सुहाना कुमारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा हम दोनों डेढ़ साल से एक-दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते थे। इस दौरान कई बार हम मिले भी। लेकिन जब मुझे पता चला कि संदीप की शादी कहीं और तय हो रही है तो मैंने पुलिस की मदद ली। अब हम खुशी-खुशी अपना जीवन यापन करेंगे।

क्या कहते हैं थानाध्यक्ष -

इस संबंध में बरहट थानाध्यक्ष कुमार संजीव ने बताया कि लड़की ने थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद लड़के को हिरासत में लेकर थाना लाया गया। लड़की अपने प्रेमी से शादी करने की जिद पर अड़ी थी। आखिरकार दोनों परिवारों की आपसी सहमति से थाना परिसर स्थित मंदिर में शादी करवा दी गई। कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वर-वधु को उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

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