अन्याय के विरुद्ध संघर्ष के प्रतीक थे स्वामी सहजानंद
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जहानाबाद, नगर संवाददाता महाशिवरात्रि के दिन अखिल भारतीय किसान सभा के संस्थापक स्वामी सहजानंद सरस्वती को उनकी 137 वीं जयंती के अवसर श्रद्धांजलि दी गई। स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय के परिसर में स्थापित उनकी आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर लोगों ने श्रद्धापूर्वक याद किया। संग्रहालय के कार्यकारी सचिव गिरिजानंदन सिंह की अध्यक्षता में संग्रहालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि स्वामी जी के स्वराज्य का असली मतलब किसान- मजदूर राज्य था। इन्होंने सामंत विरोधी संघर्ष चलाकर राष्ट्रीय स्वाधीनता संग्राम को नयी गति प्रदान की थी। वे किसी भी प्रकार के अन्याय के विरुद्ध समझौताविहीन संघर्ष के प्रतीक पुरुष थे। किसानों के महाप्राण, दलितों के संन्यासी, स्वतंत्रता आंदोलन के सच्चे सेनानी के रूप में लोगों ने उनका सादर स्मरण किया। इस मौके पर सीपीआई एमएल के जिला सचिव डा. रामाधार सिंह, सौखिन यादव, अविनाश कुमार, अरुण बिन्द, योगेन्द्र यादव, मुकेश यादव, संग्रहालय प्रबंध समिति सदस्य, राजकिशोर प्रसाद, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र सत्यप्रकाश आदि ने स्वामी जी के बारे में अपना विचार प्रकट किया।
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